कोई भी असफल होने के लिए व्यवसाय शुरू नहीं करता, लेकिन दुर्भाग्य से, अक्सर यही होता है। अपनी पुरानी कंपनियां चलाते समय, मैं कई बार अपने व्यवसाय में असफल होते-होते बचा हूँ, और उस समय ऐसा लगता है जैसे आप उन निश्चित असफलताओं के बोझ तले कुचलने वाले हैं। यह आपको इतना ज़्यादा हताश कर सकता है कि आप असहाय महसूस करते हैं और आपको उसमें से बाहर निकलने का कोई रास्ता दिखाई नहीं देता है। मुझे लगता है कि इससे बाहर निकलने का हमेशा कोई न कोई रास्ता ज़रुर होता है, और इसके लिए आपको बस बाहर निकलने का रास्ता खोजने की ज़रुरत होती है। मेरे डैड कहा करते थे,
"हमेशा कोई न कोई दूसरा रास्ता ज़रुर होता है, और अगर आप इसे खोजने की कोशिश करेंगे तो यह आपको मिल जायेगा।"
बचपन से ही मुझे कई बार उनकी यह सलाह सुनने का सौभाग्य मिला। उन्होंने हमेशा मुझे आगे बढ़ने की कोशिश करने के लिए प्रेरित किया, और जहाँ तक मुझे याद है, मैंने हर मामले में अपनी चुनौतियों का सामना करने का रास्ता खोजा है।
भले ही मैंने असफलता के कगार पर होने का अनुभव किया है, और इसके बाद अचानक नामुमकिन चीज़ों को जीवन में कई बार एक अवसर के रूप में बदलते हुए देखा है, लेकिन फिर भी यह कभी आसान नहीं था। अपने पिता से मिलने वाले आश्वासन, आगे बढ़ते रहने के रिमाइंडर, और इसके बाद मिलने वाली सफलता कि वजह से मेरे अंदर एक ऐसा आत्म-विश्वास आया है, जो मुझे ऐसी परिस्थितियां आने पर भी अडिग रहने में समर्थ बनाता है। मुझे इस बात का एहसास है कि मुझे इस तरह की परवरिश पाने का सौभाग्य मिला, और मैं जानता हूँ कि सबको ऐसा सहयोग नसीब नहीं होता। इसलिए, मैंने इस उम्मीद में अपना यह पोस्ट शेयर किया है ताकि अगर कोई मुश्किल दौर से गुजर रहा है तो उसे भी वैसा ही हौसला मिल पाए जैसा मेरे पिता मुझे दिया करते थे।
2008 में, जब अर्थव्यवस्था ताश के पत्तों की तरह ढह रही थी तब मैं दो साल से अपनी दूसरी कंपनी चला रहा था। पहले दो साल बहुत अच्छे से गुजरे। मुख्य रूप से, हम परामर्श का काम करते थे, हमें मुनाफ़ा हो रहा था, और हम आगे बढ़ रहे थे। हमने कुछ लोगों को काम पर भी रखा था, और हम हाल ही में अपने पहले असली ऑफिस में आये थे, जो मेरे घर से नहीं जुड़ा था।
इसके बाद, अर्थव्यवस्था ढह गयी, और इसके साथ ही, 2008 के दौरान, हमारी लगभग 100 प्रतिशत आय भी पूरी तरह से चली गयी। उस समय, हम सॉफ्टवेयर ऐड-ऑन बनाकर परामर्श से दूर जाने की रणनीति बना रहे थे, जिसने एक लोकप्रिय सामुदायिक प्लेटफॉर्म की कार्यक्षमता में वृद्धि की थी जो बहुत तेज़ गति से आगे बढ़ रहा था। इसके पहले से अच्छे-खासे ग्राहक और बाज़ार थे, जहाँ हम आसानी से अपनी पहुँच बना सकते थे और अपनी सेवाएं बेच सकते थे।
2009 की शुरुआत में जब हमारी आय पूरी तरह से ख़त्म हो गयी तब भी मैं बहुत ज़्यादा परेशान नहीं था। यह कंपनी शुरू करने से पहले, मैंने दो साल तक परामर्श का काम किया था और ज़्यादा से ज़्यादा पैसे बचाने की कोशिश की थी। हम शुरुआत से ही मुनाफ़े में थे, इसलिए मैंने इतने पैसे बचा लिए थे कि हम किसी आय के बिना भी एक साल से थोड़ा ज़्यादा समय तक काम जारी रख पाएं। मुझे लगा था ऐसा कभी नहीं होगा, लेकिन ऐसा हुआ। हमने अपने परिवर्तन को तेज़ करने की और सॉफ्टवेयर ऐड-ऑन के निर्माण पर फोकस करने की योजना बनाई। मैं उत्साहित था और मैंने परामर्श से आने वाली आय में कमी को नयी दिशा में जाने की कोशिश को बढ़ाने के अवसर के रूप में देखा। इसलिए हम आगे बढ़ते गए!
उस साल के दौरान, हमने ऐसे कई नए ऐड-ऑन का निर्माण किया, जो वेब पर समुदायों के बीच बहुत लोकप्रिय थे। हमने इवेंट मैनेजमेंट के लिए एक ऐड-ऑन बनाया था जो समुदायों को भुगतान वाले और बिना भुगतान वाले कार्यक्रमों का आयोजन करने में समर्थ करता था।
यह ऐड-ऑन कार्यक्रम में पंजीकरण करने, भुगतान के संसाधन, नाम के टैग की प्रिंटिंग, हिस्सा लेने वाले लोगों को देखने और उनसे जुड़ने की क्षमता प्रदान करता था ,और इसमें फ़ाइल, फोटो, और वीडियो गैलरी की भी सुविधा थी जो समुदाय को कार्यक्रम में होने वाली सभी चीज़ों को कैमरे में कैद करके शेयर करने में समर्थ करता था। साथ ही, हमने एक ई-वाणिज्य ऐड-ऑन भी बनाया था जो ऑनलाइन समुदायों को अपने सामान बेचने में समर्थ करता था, और हमने एक सब्सक्रिप्शन ऐड-ऑन बनाया था जो समुदायों को भुगतान वाली और बिना भुगतान वाली सदस्यताओं को प्रबंधित करने की क्षमता देता था। यह बेहतरीन था!
इस समय के दौरान, हमने उस कंपनी के साथ साझेदारी की थी और उसके साथ करीब से काम कर रहे थे, जिसने वो सामुदायिक प्लेटफॉर्म बनाया था जिसपर हमारा सॉफ्टवेयर काम करता था। हमारी प्रगति का डेमो देने के लिए हमारी हमेशा मुलाक़ात होती थी। वे अक्सर हमें अच्छे फ़ीडबैक देते थे, और हम भविष्य को लेकर बहुत उत्साहित थे। इस समय के दौरान, उस कंपनी के संस्थापक ने अपना व्यवसाय चलाने के लिए एक सीईओ को काम पर रखा ताकि वो उत्पाद की परिकल्पना पर ध्यान दे सकें। उस समय, यह सही गतिविधि लगी थी, और हमें लगा कि इसका हमारे ऊपर कोई असर नहीं होगा। हम कितने गलत थे! हमें यह बिल्कुल भी अंदाज़ा नहीं था कि नया सीईओ कंपनी को एक बिल्कुल नयी दिशा में ले जायेगा, जिससे हमारे बचने की लगभग सारी उम्मीद ख़त्म हो जाएगी।
2009 की गर्मियों में, हमारे उत्पादों के निर्धारित लॉन्च से ठीक तीन सप्ताह पहले, हमें दरकिनार कर दिया गया। जिस कंपनी के साथ हमने भागीदारी की थी, वो अपने सामुदायिक प्लेटफॉर्म को एंटरप्राइज पर केंद्रित प्लेटफॉर्म में बदलने के लिए, नए सीईओ की अगुवाई में एक टॉप-सीक्रेट प्रोजेक्ट पर काम कर रही थी। इसके साथ ही एक बिल्कुल नया व्यापार मॉडल आया जो हमारे द्वारा बनाए गए ऐड-ऑन के साथ सुसंगत नहीं था। चीज़ें तब और भी ज़्यादा बुरी हो गयीं, जब उन्होंने एक ऐसा उत्पाद ले लिया जिसमें मुफ़्त प्रवेश-स्तर वाला संस्करण, और अधिकतम $20,000 की लागत वाला एंटरप्राइज संस्करण था और इसने $150,000 के आधार मूल्य वाले मूल्य ढांचे को बदल दिया। जिस दिन उन्होंने इसकी घोषणा की उसी दिन उनके 98 प्रतिशत ग्राहक उनसे अलग हो गए। बुरी ख़बरें आती रहीं। इन परिवर्तनों के अलावा, उन्होंने अपने कोडबेस का व्यू लेयर भी दोबारा लिखा था, जो उन ऐड-ऑन के साथ बिल्कुल भी सुसंगत नहीं थे जो हम लॉन्च करने वाले थे।
मैं टूट गया था। उनकी यह घोषणा बहुत बुरे समय पर आयी थी। मुझे भरोसा नहीं हो रहा था कि उन्होंने इसके बारे में हमें पहले से कोई चेतावनी नहीं दी। शायद वो सीईओ स्टीव जॉब्स के आईफोन को रहस्य रखने के तरीके से प्रेरित था, इसलिए उसे लगा होगा कि अपने साझेदारों से यह जानकारी छिपाकर रखना अच्छा विचार है। इसका कोई मतलब नहीं बनता था। अगर हमें इसके बारे में पता होता तो हम अपने उत्पादों को नए प्लेटफॉर्म के लिए बनाते और उनके साथ ही इसे लॉन्च करते, जिससे उनकी ऑफरिंग में बढ़ोतरी होती। इसके बजाय, उन्होंने हमें, अपने दूसरे सहयोगियों, और मौजूदा ग्राहकों को जोखिम में डाल दिया। हमारा बैंक खाता खाली हो रहा था, इसलिए उस समय तक, मेरी पत्नी, जो हमारी सीएफओ थीं, और मैंने भुगतान लेना बंद कर दिया था। हमारे पास पैसे नहीं थे, और हम अपने कोड को उनके नए प्लेटफॉर्म के अनुकूल बनाने के लिए इसपर दोबारा काम नहीं कर सकते थे। हम बर्बाद हो गए थे।
उसके बाद कुछ दिनों तक, मुझे हमारी कंपनी जाने का डर सताता रहा। मुझे लगा अब सबकुछ ख़त्म होने वाला है और हमारी टीम अब तक जिन चीज़ों पर इतनी मेहनत कर रही थी वो बेकार चला जायेगा। मुझे लगा मैं इस मुसीबत से बाहर नहीं निकल सकता। मुझे बस अपने पिता को कॉल करने का ख्याल आ रहा था, जिन्हें एक महीने पहले ही, अपने दिमाग में एक ब्रेन ट्यूमर होने का पता चला था जिसका ऑपरेशन नहीं किया जा सकता था। मेरी दुनिया ख़त्म हो रही थी, और मुझे बहुत ज़्यादा तनाव हो गया था। मैं पहले ही अपने पिता की सेहत को लेकर बहुत परेशान था, और अब मैं वो सबकुछ खोने की कगार पर था जिसके लिए मैंने इतनी मेहनत की थी। उस समय के दौरान मैं अपने पिता के साथ हुई अपनी बातचीत को कभी नहीं भूलूंगा। मेरे डैड एक लैंड लेवेलर थे, जिन्हें सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट के बारे में कोई जानकारी नहीं थी, लेकिन फिर भी वो हमेशा इसके बारे में सुनना चाहते थे। फोन उठाते ही, उन्होंने मुझसे तुरंत पूछा कि क्या परेशानी है। वो मेरी आवाज़ में छिपी चिंता को समझ गए। इसलिए, मैंने उन्हें वो हर चीज़ बताई जो मेरे साथ हुई थी। वो सबकुछ सुनते रहे और उन्होंने ज़्यादा कुछ नहीं कहा। मैं बोलता गया। जब मेरी बातें ख़त्म हो गयीं तब मैंने उनसे पूछा की मुझे क्या करना चाहिए। उन्होंने कहा, "तुम बस एक चीज़ कर सकते हो।"
"तुम्हें कोशिश जारी रखनी होगी और आगे बढ़ने का रास्ता खोजना होगा। आगे बढ़ने का कोई न कोई रास्ता हमेशा होता है, और मुझे पता है तुम इसे ढूंढ लोगे।"
बस इतना ही। मेरे डैड का मेरे ऊपर भरोसा मेरे दिमाग को वापस सही रास्ते पर ले आया, और इतने समय में, मैंने पहली बार हमारे लॉन्च के साथ आगे बढ़ने के विभिन्न विकल्पों के बारे में सही तरीके से सोचना शुरू किया। इसके बाद, जैसे अचानक मेरे अंदर कोई बिजली कौंधी हो। मुझे यह एहसास हुआ कि कुछ भी नहीं बदला। उस भयानक घोषणा से पहले हमारे ऐड-ऑन के साथ संगत सामुदायिक प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करने वाले संभावित ग्राहकों की संख्या अभी भी समान थी। उन 98 प्रतिशत ग्राहकों के लिए अपग्रेड का कोई रास्ता या ऐसी कोई मूल्य संरचना नहीं थी जो उनके काम आ सके, जिन्हें मूल रूप से पुराने संस्करण पर ऐसे ही छोड़ दिया गया था। उस घोषणा ने केवल एक चीज़ बदली थी और वो था मेरा दृष्टिकोण।
यह एहसास होने के बाद कि हमारे सामने मौजूद अवसरों में कोई बदलाव नहीं आया है, मैं हमारे लॉन्च की योजना बनाने के काम पर लग गया। बहुत सारे सोशल मीडिया और ऑनलाइन मार्केटिंग के साथ, हमने कुछ हफ़्तों के बाद अपने ऐड-ऑन लॉन्च कर दिए। बिक्रियां करने और नए ग्राहक पाने में हमें ज़्यादा समय नहीं लगा। चीज़ें सही दिशा में जा रही थीं और हमारा बैंक खाता भी भर रहा था। जैसे ही मुझे लगा कि हम मुश्किल वक़्त से निकल गए हैं, हमें अपने साझेदार के वकील की कॉल आयी। जैसे ही मैंने फोन उठाया, मुझे यह धमकियां मिलने लगीं कि मुझे अपनी मार्केटिंग की कोशिशों में कंपनी के नाम का इस्तेमाल करना तुरंत बंद करना होगा, नहीं तो वो हमारे ऊपर मुक़दमा कर देंगे। मैं यह सुनकर हैरान रह गया। मैंने उनसे कहा कि हम सहयोगी थे, और मैं अपनी मार्केटिंग में उनका नाम इस्तेमाल कर सकता हूँ। बाद में पता चला कि हमारे सहयोगी को इस बात का डर सता रहा था कि हम लोगों को उनके प्लेटफॉर्म का नया संस्करण अपग्रेड करने से रोक सकते हैं, क्योंकि हम उन्हें पुराने प्लेटफॉर्म पर ही नयी सुविधाएं दे रहे थे। मैंने यह कहकर कॉल रख दिया कि वो मेरे ऊपर मुक़दमा दायर कर सकते हैं क्योंकि हम अपने ऐड-ऑन बेचना बंद नहीं करने वाले हैं। उन्होंने हमारे लिए पुराने संस्करण पर ग्राहकों को ऐड-ऑन बेचने के अलावा कोई रास्ता नहीं छोड़ा था और टिके रहने के लिए हमारा वो करना ज़रुरी था।
कुछ महीनों बाद, एक संभावित ग्राहक के साथ कई बैठकों और हमारे सभी ऐड-ऑन के कुछ डेमो देने के बाद, कुछ अनोखा हुआ। जब मैं डील पूरी कर रहा था, तभी ग्राहक ने मुझे बताया कि उनकी कंपनी सामुदायिक प्लेटफॉर्म के उस नए संस्करण का इस्तेमाल कर रही है जिसके साथ हमारे ऐड-ऑन सुसंगत नहीं हैं। यह सुनकर मैं हैरान रह गया क्योंकि आम तौर पर मैं अपने पिच की शुरुआत यह बताने के साथ करता था कि हमारे ऐड-ऑन प्लेटफॉर्म के पुराने संस्करण के अनुकूल नहीं हैं। मैंने यह सोचकर तुरंत उनसे माफ़ी मांगनी शुरू कर दी कि मेरी वजह से उनका बहुत सारा समय बर्बाद हो गया। इसपर उन्होंने मुझे तुरंत रोक दिया और याद दिलाया कि मैंने उन्हें यह बात बताई थी कि हमारे ऐड-ऑन उनके नए संस्करणों पर काम नहीं करेंगे। इसने मुझे और ज़्यादा उलझन में डाल दिया क्योंकि मैं यह नहीं समझ पा रहा था कि कोई इंसान उस चीज़ के बारे में जानने में अपना समय क्यों बर्बाद करेगा जिसे वो इस्तेमाल नहीं कर सकता। इसके बाद, उन्होंने मुझसे पूछा कि हम नए प्लेटफॉर्म पर अपने ऐड-ऑन बनाने की कोई योजना बना रहे हैं या नहीं। इसपर मैंने उन्हें तुरंत जवाब दिया कि "इस समय नहीं।" इसके बाद, उन्होंने मुझसे पूछा कि अगर उनकी कंपनी हमें पैसे देती है तो क्या हम अपने ऐड-ऑन अपग्रेड करना चाहेंगे। मैं सन्न रह गया। मुझे लगा, क्या वो सचमुच ऐसा करेंगे? कुछ हफ़्ते बाद, मुझे पता चला कि वो मज़ाक नहीं था क्योंकि हमने अपनी डील पर बातचीत की और समझौतों पर हस्ताक्षर किये गए।
यह समय एक सीईओ के रूप में मेरे सबसे मुश्किल वक़्त में से एक के रूप में शुरू हुआ था, लेकिन इसके बाद यह सबसे सफल वक़्त के रूप में ख़त्म भी हुआ। हम हर ऐड-ऑन $3,000 से $30,000 में बेचने लगे। हमारे ग्राहकों की फेहरिस्त बढ़ी जिसमें माइक्रोसॉफ्ट, द मार्च ऑफ़ डाइम्स, स्लिमफ़ास्ट, लेक्समार्क आदि शामिल थे। यहाँ तक कि हम अपने सहयोगी के साथ अपने संबंध सुधारने में भी सफल हुए। जब भी मैं उस मुश्किल समय के बारे में सोचता हूँ तो मुझे यह एहसास होता है कि मेरी कंपनी केवल इसलिए बच पायी क्योंकि मैंने अपने डैड की सलाह को मानते हुए, कोशिश करना कभी नहीं छोड़ा। कुछ भी जादुई नहीं हुआ। मैंने बस आगे बढ़ने की कोशिश की, और मुझे अपना रास्ता मिल गया। अगर आप इस समय ऐसी किसी परिस्थिति से गुजर रहे हैं या अगर कभी आपके सामने ऐसी कोई परिस्थिति आये तो बस आगे बढ़ते रहने की कोशिश करें, और आपको भी अपना रास्ता मिल जायेगा। आप केवल तभी जीत सकते हैं जब आप कभी हार नहीं मानते। मुझे आपके ऊपर भरोसा है!
आपका दिन मंगलमय हो!