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"महान कहानियां आपको दुनिया में कम अकेला महसूस कराती हैं।"
फिल कूसिनो के साथ SoCreate के साक्षात्कार में, मुझे कई "आ-हा" वाले पल मिले हैं, जो एक ऐसे कहानीकार हैं जिनके नाम पर बहुत सारे क्रेडिट्स दर्ज़ हैं। ज़ाहिर तौर पर, मुझे पता है कि हम किसी कारण से कहानियां कहते हैं, लेकिन ऊपर दिए गए अनमोल वचन के माध्यम से कूसिनो ने सचमुच मुझे इसका मतलब समझा दिया। कहानियां हमें इस दुनिया को और इस दुनिया में हमारी जगह को समझने में मदद करती हैं। और कहानियों से हमें पता चलता है कि हम अपने अनुभवों में अकेले नहीं हैं।
दर्शक ख़ुद को ऐसी कहानियों में डूबा सकते हैं, जिससे वो ख़ुद को जोड़ पाते हैं और अपने लिए कोई अर्थ निकाल पाते हैं। और हालाँकि, हर कहानी नहीं बताई गयी है (कथानक के संबंध में), लेकिन कूसिनो कहते हैं कि आपने आज तक जो भी कहानी सुनी है उन सबका आधार सर्वव्यापक सत्य के किसी तत्व पर आधारित है। आप अपनी पटकथा की कहानी में सर्वव्यापक अर्थ तक कैसे पहुंचते हैं?
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उन्होंने इस विषय को समझने में दशकों बिताये हैं। उन्होंने "द हीरोज़ जर्नी: जोसेफ कैंपबेल ऑन हिज़ लाइफ एंड वर्क" लिखी है, जिसमें कैंपबेल अपनी ख़ुद की पौराणिक खोज के बारे में बताते हैं। यह स्टोरीटेलिंग के बारे में सबसे अच्छी किताबों में से एक है। कूसिनो के नाम पर 20 से अधिक पटकथा लेखन क्रेडिट भी हैं, जिनमें "द हीरोज़ जर्नी" डाक्यूमेंट्री के सह-लेखन का क्रेडिट भी शामिल है। वह अपनी पटकथा के गहरे अर्थ तक पहुंचने के बारे में एक-दो चीज़ें जानते हैं, जिससे दुनिया भर के दर्शक ख़ुद को इसके साथ जोड़कर देख सकते हैं।
"अगर आप पौराणिक कहानियां, किवदंतियां, परियों की कहानियां, साहित्य पढ़ते हैं तो कहानी कहने की कला के ये लय आपके अंदर एक तरह की हलचल पैदा करते हैं," उन्होंने बताया। "महान फ्रेंच उपन्यासकार, आंद्रे गीदे, ने एक बार कहा था कि अगर आप बस सतह लिख रहे हैं, कहानी का केवल कथानक, तो यह कंफ़ेशनल होता है। आप किसी कहानी में जितना अंदर जाते हैं - जिससे सेंट पीटर्सबर्ग, रूस का कोई व्यक्ति, बोलीविया का कोई व्यक्ति कहानी के साथ जुड़ पाता है - उतना ही आप सर्वव्यापक होते हैं, और दुनिया भर के लोग ख़ुद को उससे जोड़ पाते हैं।"
गहराई में जाने के लिए, अपने कथानक के पीछे के उस बार-बार आने वाले विषय की तलाश करें। अगर कहानी घटनाओं का क्रम है, और कथानक बताता है कि वो घटनाएं क्यों हो रही हैं तो आप उस अर्थ को उस रूप में सोच सकते हैं जो आप चाहते हैं कि कोई व्यक्ति फ़िल्म देखकर निकलते समय महसूस करे। कहानी हमें सर्व्यापक मानवीय स्थिति के बारे में क्या बताती है?
स्वाभाविक रूप से सभी कहानियों में अर्थ होता है - वो अर्थ जो लेखक बताना चाहता था और वो अर्थ जो दुनिया की अपनी समझ और लेंस के माध्यम से दर्शक इसे देखकर अपने साथ ले जाता है। सबसे पहले अपने दिमाग में बसी कहानी लिखें, उसके बाद उसका अर्थ निकालने की कोशिश करें। वापस जाकर दोबारा लिखते समय आप उस अर्थ को ज़्यादा साफ़ तरीके से व्यक्त करने के लिए तत्वों को जोड़ सकते हैं।
"पौराणिक कथाएं वो कहानियां हैं जो कभी नहीं हुईं, लेकिन हमेशा हो रही हैं।" उन्होंने कहा।
वो सदियों पुरानी कहानियां हैं, जो आज भी प्रासंगिक हैं और जिसे हम अक्सर अनजाने में फ़िल्मों और टीवी शो में दोहराते हुए देखते हैं, क्योंकि वो ऐसी कहानियां हैं जिससे हम सब ख़ुद को जोड़कर देख पाते हैं। कूसिनो ने पर्सेफोन और हैडिस का उदाहरण दिया, जो एक ऐसी महिला की काल्पनिक कहानी है जिसे पाताल में खींच लिया गया था। उन्होंने कहा कि ज़्यादातर युवा महिलाएं अपने जीवन में कभी न कभी अपनी संस्कृति या यहाँ तक कि किसी व्यक्ति द्वारा अगवा किया हुआ महसूस करती हैं, और आप इस विषय को कई आधुनिक कहानियों में संदर्भित होते हुए देखेंगे।
उन्होंने कहा, "हर कोई घर की तलाश में है। यही द ओडिसी की कहानी है।"
आप होमर की "द ओडिसी" की कहानी को दर्ज़नों फ़िल्मों और टीवी शो में चित्रित होते हुए देख सकते हैं, जिनमें बड़ों के लिए बनाई गयी "ओ ब्रदर, व्हेयर आर्ट थू" (कोएन ब्रदर्स) और बच्चों के लिए बनाई गयी "द स्पॉन्जबॉब स्क्वायरपैन्ट्स मूवी” (डेरेक ड्रायमन, स्टीफन हिलनबर्ग, टिम हिल, केंट ऑसबोर्न, आरोन स्प्रिंगर, पॉल टिबिट) शामिल हैं। कहानी के पीछे का अर्थ वही रहता है, और सभी उम्र और पृष्ठभूमि के लोग दुनिया में घर या अपनी जगह तलाशने की कोशिश करने के एहसास को समझ सकते हैं।
"अगर हम कहानियां नहीं जानते तो हम अकेला महसूस कर सकते हैं, लेकिन आप जितनी अधिक कहानियां जानेंगे, उतना ही कम अकेला महसूस करेंगे," कूसिनो ने अंत में कहा।
हम सब इसमें एक साथ हैं,