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इन द हीट ऑफ़ द नाईट -
"इन द हीट ऑफ़ द नाईट" की ऑस्कर विजेता पटकथा स्टर्लिंग सिलिफैंट ने लिखी थी, जिसका प्रीमियर 1967 में आज ही के दिन हुआ था। इसकी कहानी जॉन बॉल द्वारा लिखे गए इसी नाम के एक उपन्यास पर आधारित है, हालाँकि, फिल्म के कुछ हिस्से बदल दिए गए थे। यह फ़िल्म एक अश्वेत पुलिस डिटेक्टिव पर केंद्रित है, जिसे हत्या के आरोप में गलत तरीके से गिरफ़्तार कर लिया जाता है और बाद में वो अपराध सुलझाने में पुलिस डिपार्टमेंट की मदद करता है। यह फ़िल्म न केवल अपने विषय के लिए ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण है, जो नागरिक अधिकार के इतिहास में उस बिंदु को दर्शाती है, बल्कि इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह पूरी तरह से एक अश्वेत व्यक्ति पर केंद्रित पहली रंगीन शूट की गयी फ़िल्म थी।
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द मैन इन ग्रे -
पहली "गेन्सबॉरो मेलोड्रामा" में से एक मानी जाने वाली, "द मैन इन ग्रे" 1943 में आज ही के दिन आयी थी। डोरीन मोंटगोमरी ने एलेनोर स्मिथ के 1941 के उपन्यास से कहानी को रूपांतरित किया था, और मार्गरेट कैनेडी और लेस्ली अर्लिस ने इसकी पटकथा लिखी थी। "गेन्सबॉरो मेलोड्रामा" गेन्सबोरो स्टूडियो की फ़िल्मों की एक सीरीज़ थी, जिनकी कहानी अलग होती थी लेकिन विषय समान होते थे, जो आमतौर पर महिला उपन्यासकारों की किताबों पर आधारित थे। वो अत्यधिक नाटकीय और भावुक होते थे, और मुख्य रूप से संवाद पर केंद्रित थे। यूनाइटेड किंगडम में ये फ़िल्में बेहद लोकप्रिय थीं, जहाँ ज़्यादातर महिलाएं थिएटर जाती थीं। "द मैन इन ग्रे" एक नौजवान महिला पर केंद्रित है, जो पैसों के लिए शादी करती है, लेकिन बाद में उसे एक ट्रैवेलिंग एक्टर से प्यार हो जाता है।
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रोमियो मलर -
पटकथा लेखक और अभिनेता रोमियो मलर का जन्म 93 साल पहले इसी दिन हुआ था। उन्हें शायद अपने पटकथा लेखन के काम के लिए सबसे ज़्यादा जाना जाता है, जो उन्होंने रैंकिंग/बास एनिमेटेड एंटरटेनमेंट के लिए किया था, जिसके लिए उन्होंने "रूडोल्फ द रेड-नोज्ड रेनडियर," "फ्रॉस्टी द स्नोमैन," और "सैंटा क्लॉस इज़ कमिंग टू टाउन" जैसी एक दर्ज़न से अधिक अमेरिकी हॉलिडे क्लासिक फ़िल्मों की पटकथाएं लिखी थीं। ग्रेड स्कूल में नाटक लिखने और कठपुतली का खेल दिखाने के साथ, बचपन में ही उन्हें अपनी रचनात्मकता का पता चल गया था। सीबीएस के संस्थापक विलियम एस. पाले ने मलर की प्रतिभा को तब पहचाना जब उन्होंने कॉमेडियन जैक बेनी के लिए सामग्री लिखी थी, और पाले ने उन्हें "स्टूडियो वन" पर अपने पहले स्टाफ लेखन पद पर नियुक्त किया।
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रॉबर्ट शॉ -
अभिनेता और उपन्यासकार रॉबर्ट शॉ का जन्म 94 साल पहले आज ही के दिन हुआ था। वह शायद जेम्स बॉन्ड फ़िल्म, "फ्रॉम रशिया विद लव" और "जॉज़" में क्विंट की अपनी भूमिकाओं के लिए सबसे ज़्यादा प्रसिद्ध हैं, लेकिन 1978 में सिर्फ 51 साल की उम्र में अपने निधन से पहले अपने पूरे करियर के दौरान वो दर्ज़नों फ़िल्मों में दिखाई दिए थे। शॉ ने अपने जीवन के दौरान उपन्यास और नाटक भी लिखे थे और 1970 की एक्शन-थ्रिलर "फिगर्स इन ए लैंडस्केप" के लिए अनुकूलित पटकथा भी लिखी थी। उनके 1960 के उपन्यास "द हाइडिंग प्लेस" को ऑडबॉल कॉमेडी फ़िल्म "सिचुएशन होपलेस ... बट नॉट सीरियस" में रूपांतरित किया गया था।
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लीना वर्टमलर -
लीना वर्टमलर का जन्म 93 साल पहले आज ही के दिन हुआ था, जिन्होंने ख़ुद को एक सम्मानित इतालवी पटकथा लेखिका और निर्देशिका के रूप में स्थापित किया। वह सर्वश्रेष्ठ निर्देशक के लिए अकादमी पुरस्कार के लिए नामांकित होने वाली पहली महिला हैं और अकादमी मानद पुरस्कार से सम्मानित होने वाली केवल दूसरी महिला निर्देशक हैं। वर्टमलर प्रसिद्ध इतालवी लेखक फेडेरिको फेलिनी से काफी प्रभावित थीं, जिन्हें वो अपना गुरु मानती थीं। उनके काम में अक्सर इतालवी मजदूर वर्ग के लोगों और उनके सामने आने वाले आर्थिक और राजनीतिक समस्याओं, साथ ही साथ महिला और पुरुष के बीच के संघर्ष को दर्शाया जाता था। उनकी सबसे प्रसिद्ध फिल्मों में "स्वेप्ट अवे" और "सेवन ब्यूटीज़" शामिल हैं।
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नॉर्मन वेक्स्लर -
पटकथा लेखक और नाटककार नॉर्मन वेक्सलर का जन्म 1926 में इसी दिन हुआ था। उनकी सबसे प्रसिद्ध फ़िल्म "सैटरडे नाइट फीवर" है, जिसकी कहानी उन्होंने डिस्को जीवन शैली के बारे में न्यूयॉर्क पत्रिका के लेख से रूपांतरित की थी। यह लेख बाद में मनगढ़ंत निकला। उन्होंने लोकप्रिय फ़िल्में "जो" और "सर्पिको" भी लिखीं, और दोनों के लिए उन्हें ऑस्कर नॉमिनेशन मिला था। हालाँकि, वेक्सलर को अपनी ज़िन्दगी में बहुत संघर्ष करना पड़ा, वो बाइपोलर डिसऑर्डर से पीड़ित थे, और 70 के दशक में एक बार उन्हें उस समय के राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन को गोली मारने की धमकी देने के लिए गिरफ़्तार भी किया गया था।
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अनीता लूस -
हॉलीवुड में सबसे पहले ज्ञात महिला पटकथा लेखकों में से एक, अनीता लूस, का जन्म 1888 में इसी दिन हुआ था। उन्हें ट्रायंगल फिल्म कॉर्पोरेशन में प्रति सप्ताह $75 सहित, प्रत्येक निर्मित पटकथा के लिए बोनस भी मिलता था, और उन्हें शेक्सपियर की "मैकबेथ" के अनुकूलन पर अपना पहला स्क्रीन क्रेडिट प्राप्त हुआ था। हालाँकि, अपने करियर में लूस के पास दर्ज़नों पटकथा लेखन और नाटक के क्रेडिट्स हैं, लेकिन वो अपने उपन्यास "जेंटलमेन प्रेफर ब्लॉन्ड्स" के लिए सबसे ज़्यादा मशहूर हैं, जो हार्पर्स बाज़ार में प्रकाशित एक सीरीज़ के रूप में शुरू हुआ था। इसकी कहानी पर मर्लिन मुनरो अभिनीत एक फ़िल्म बनाई गयी, जिसे अपार सफलता हासिल हुई थी।
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द हॉन्टिंग -
पटकथा लेखक नेल्सन गिडिंग की "द हॉन्टिंग" ने दर्शकों को पूरी तरह से भयभीत कर दिया था, जिसका प्रीमियर 1963 में आज ही के दिन हुआ था। गिडिंग की यह हॉरर फ़िल्म शर्ली जैक्सन के उपन्यास "द हंटिंग ऑफ हिल हाउस" पर आधारित थी, जो लोगों के एक समूह पर आधारित है जो एक तथाकथित भुतहे घर की जांच करने के लिए पैरानॉर्मल विशेषज्ञ को बुलाते हैं। गिडिंग ने मानसिक रूप से टूटना शामिल करके, स्क्रीन पर होने वाली ज़्यादातर भूत वाली गतिविधियों को निकालकर, और ज़्यादातर गतिविधियां घर के अंदर करवाकर, कहानी के कई हिस्सों को बदल दिया था, ताकि दर्शकों को उसमें बंद होने का ज़्यादा एहसास हो। बहुत ज़्यादा भयानक होने की वजह से इस फ़िल्म को बॉक्स ऑफिस पर ज़्यादा सफलता नहीं मिल पायी थी। आलोचकों ने इसके कथानक में बहुत सारी कमियां बताई थीं, लेकिन हाल ही में इस फ़िल्म को लोगों का ज़्यादा समर्थन मिलना शुरू हुआ है। निर्देशक स्टीवन स्पीलबर्ग ने कहा कि यह "अब तक की सबसे डरावनी फ़िल्म है।" 1999 की रीमेक की भारी आलोचना हुई थी।
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वे डाउन ईस्ट -
मूक रोमांटिक ड्रामा, "वे डाउन ईस्ट", का प्रीमियर आज ही के दिन 1920 में हुआ था। ऐसा तीसरी बार था जब लोटी ब्लेयर पार्कर के 19वीं सदी के मंचीय नाटक को स्क्रीन के लिए रूपांतरित किया गया था, लेकिन ऐसा अंतिम बार नहीं हुआ था। डी.डब्ल्यू. ग्रिफ़िथ ने इस फ़िल्म को लिखा और निर्देशित किया था, साथ ही उन्होंने लेखन में एंथनी पॉल केली एवं जोसेफ आर. ग्रिस्मर के अनुकूलन की मदद ली थी। यह फ़िल्म अपने आइस-फ्लो घटनाक्रम के लिए सबसे ज़्यादा मशहूर है, जहाँ मुख्य किरदार एना को बचाये जाने से पहले उसे एक बर्फ की चादर पर नदी से झरने की तरफ बहते हुए दिखाया गया है। यह दृश्य वर्मोंट में शूट किया गया था, जहाँ ग्रिफ़िथ की मनचाही बर्फ की चादरें पाने के लिए कर्मचारियों को बर्फ को डायनामाइट से उड़ाना पड़ा था। ठंडे पानी की वजह से एना की भूमिका निभाने वाली लिलियन गिश का हाथ स्थायी रूप से खराब हो गया था, और डी.डब्ल्यू. ग्रिफ़िथ के चेहरे पर ठंड लग गई थी। यह बॉक्स ऑफिस पर ग्रिफ़िथ की सबसे सफल फ़िल्मों में से एक थी और अब तक की दूसरी सबसे महंगी मूक फ़िल्म थी।
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मैरी पॉप्पीन्स -
1964 में "मैरी पॉप्पीन्स" आज ही के दिन लॉस एंजिल्स ग्रॉमंस चाइनीज़ थिएटर में रिलीज़ की गयी थी, लेकिन वॉल्ट डिज्नी की पहली लाइव-एक्शन फीचर का रास्ता आसान नहीं था। यह म्यूज़िकल फ़िल्म पी.एल. ट्रैवर्स की इसी नाम की बुक सीरीज़ पर आधारित थी, और बिल वॉल्श और डॉन डाग्रेडी ने इसकी पटकथा लिखी थी। डिज्नी को ट्रैवर्स को अपनी सीरीज़ के फ़िल्म अधिकार बेचने के लिए मनाने में 20 साल लग गए, लेकिन डिज्नी ने अपनी बेटियों से वादा किया था कि वो उनकी पसंदीदा किताबों पर फ़िल्म बनाएंगे। आख़िर में ट्रैवर्स मान गयीं, लेकिन उन्होंने पटकथा की स्वीकृति के अधिकार की मांग की। पूरे निर्माण के दौरान डिज्नी और ट्रैवर्स के विवादास्पद संबंधों को 2013 की डिज्नी फ़िल्म, "सेविंग मिस्टर बैंक्स" में नाटकीय रूप से पेश किया गया है।
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द बैटल ऑफ़ अल्जीयर्स -
ऐतिहासिक युद्ध ड्रामा "द बैटल ऑफ़ अल्जीयर्स" का प्रीमियर 1966 में इसी दिन हुआ था और इसमें 1950 के दशक में फ्रांसीसी सरकार से स्वतंत्रता के लिए अल्जीरियाई लड़ाई को प्रस्तुत किया गया था। फ्रेंको सोलिनास और गिलो पोंटेकोर्वो ने इसकी पटकथा लिखी थी, जो अल्जीरियाई युद्ध के दौरान एक फ्रांसीसी कैदी के रूप में सादी यासेफ के विवरणों से प्रेरित थी। यासेफ ने इस फ़िल्म में अभिनय भी किया था, जिसमें मुख्य रूप से नौसिखिया अभिनेता शामिल थे, जो अल्जीयर्स की वास्तविक लड़ाई में बच गए थे। फिल्म को इसकी ऐतिहासिक प्रकृति की वजह से न्यूज़रील के समान शैली में शूट किया गया था, और विशेषज्ञों का कहना है कि यह शहरी गुरिल्ला युद्ध का एक उत्कृष्ट वर्णन है। इसकी व्याख्या की राजनीतिक प्रकृति के कारण फ़िल्म को रिलीज़ के बाद फ्रांस में पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया था।