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एक पूरी तरह से स्वरूपित पारंपरिक स्क्रिप्ट निर्यात करें।
हम पटकथा लेखकों के लिए साहित्यिक एजेंटों और अन्य प्रतिनिधित्व के टॉपिक के बारे में अनगिनत बार लिख चुके हैं। फिर भी, हमने हाल ही में स्क्रिप्ट कोऑर्डिनेटर मार्क गैफेन से एक नया शब्द सीखा है, जिसके बारे में आपको पता होना चाहिए। यह पहले के मुक़ाबले एजेंट पाने की आपकी क्षमता को कहीं ज़्यादा बढ़ा देगा, और अभी तक, मुझे यह नहीं पता था कि यह भी एक विकल्प हो सकता है। इसे हिप-पॉकेट प्रतिनिधित्व कहा जाता है, और इसके बारे में मैं आपको नीचे बताने जा रही हूँ।
मार्क गैफेन ने "ग्रिम," "लॉस्ट," और हाल ही में "मेयर ऑफ़ ईस्टटाउन" जैसे बड़े टेलीविज़न हिट शोज़ पर एनबीसी, वार्नर ब्रदर्स और एचबीओ के लिए काम करके हॉलीवुड में एक टॉप स्क्रिप्ट कोऑर्डिनेटर के रूप में अपना नाम कमाया है। उनके पास लेखन एजेंट नहीं है, लेकिन उन्हें हिप-पॉकेट किया गया है।
एक पूरी तरह से स्वरूपित पारंपरिक स्क्रिप्ट निर्यात करें।
साहित्यिक एजेंट डील करवाता है। जब कोई एजेंट आपका प्रतिनिधित्व करता है तो वो आपको लेखन रोज़गार दिलवाने या आपकी फ़िल्मों की स्क्रिप्ट बेचवाने के लिए वो हर चीज़ करता है जो वो कर सकता है क्योंकि उन्हें इसके पैसे मिलते हैं। वो आपके काम को लोगों के सामने पेश करेंगे, कनेक्शन बनाने में मदद करने के लिए आपको निर्माताओं या इंडस्ट्री के दूसरे कर्मचारियों से मिलवाएंगे, सही लोगों के साथ बैठकें करने में मदद करेंगे और डील्स पर बातचीत करेंगे।
साहित्यिक मैनेजर डील्स पर बातचीत नहीं कर सकते - इसके लिए आपको किसी साहित्यिक एजेंट या मनोरंजन वकील की ज़रूरत होती है। जहाँ किसी साहित्यिक मैनेजर का काम भी आपको सही लोगों के सामने लाना होता है, उनका मुख्य फोकस पूरी तरह से आपके करियर पर होता है। वो आपकी पटकथाओं को सही आकार देने में आपके काम आते हैं, और आपको बताते हैं कि आपको किस तरह की पटकथाएं लिखनी चाहिए, और साथ ही साहित्यिक एजेंट पाने में आपकी मदद करने की भी कोशिश करते हैं।
आपको यह भी पता होना चाहिए कि साहित्यिक एजेंटों और स्क्रिप्ट एजेंटों के बीच अंतर होता है। कुछ एजेंट केवल पटकथा लेखन में विशेषज्ञ होते हैं, जबकि एक साहित्यिक एजेंट आम तौर पर लेखकों का प्रतिनिधित्व करता है। कुछ एजेंसियों के पास ऐसे साहित्यिक एजेंट होंगे, जो प्रतिनिधित्व की बात आने पर थोड़ा-थोड़ा दोनों और क्रॉसओवर करते हैं।
वेतन की बात आने पर, एजेंट और मैनेजरों के बीच एक और बड़ा अंतर होता है। सीधे तौर पर आपके साथ ज़्यादा भागीदारी करने वाले साहित्यिक मैनेजर के लिए आपको ज़्यादा पैसे देने होंगे, जो किसी परियोजना या रोज़गार के वेतन का लगभग 10-15 प्रतिशत के बीच होता है। वो आपसे ज़्यादा पैसे भी ले सकते हैं क्योंकि वो राज्य-विनियमित नहीं होते हैं। लेकिन एक एजेंट आपसे 10 प्रतिशत से ज़्यादा शुल्क नहीं ले सकता।
मैनेजर आपके काम के निर्माता भी बन सकते हैं, जबकि एजेंट ऐसा नहीं कर सकते।
साहित्यिक एजेंट और साहित्यिक मैनेजर दोनों कमीशन के माध्यम से कमाई करते हैं, इसलिए वो आपको काम दिलवाने और आपकी पटकथा बेचवाने को सबसे ज़्यादा प्राथमिकता देंगे। यह महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसका मतलब है कि जब तक आपके पास बेचने या विकसित करने के लिए कुछ नहीं होता, आप वास्तव में उनके किसी काम के नहीं होते हैं। और यहाँ पर हिप-पॉकेट प्रतिनिधित्व आता है।
आप इस सदियों पुरानी समस्या को जानते हैं: आपको पिछले अनुभव के बिना नौकरी नहीं मिल सकती। लेकिन बिना नौकरी के आपको अनुभव नहीं मिल सकता। लेखन इंडस्ट्री पर भी यही बात लागू होती है।
"यह कैच-22 की तरह है, जहाँ आपको तब तक एक एजेंट नहीं मिल सकता जब तक कि आपके पास नौकरी न हो, लेकिन जब तक आपके पास एजेंट न हो, तब तक आपको नौकरी नहीं मिल सकती," मार्क ने बताया।
अक्सर, निर्माण कंपनियां तब तक आपकी पटकथा नहीं देखती जब तक उन्हें किसी एजेंट ने न भेजा हो। तो आपको किसी एजेंट के बिना लिखने का काम कैसे मिलता है?
हिप-पॉकेटिंग एक अच्छा माध्यम है। एजेंट को आपको साइन करने की ज़रूरत नहीं होती, लेकिन आपके पास यह साबित करने का अवसर होता है कि आपके पास कुछ करने का दम है।
"तो, मैं वो हूँ जिसे वे हिप-पॉकेट कहते हैं, जहाँ अगर मेरे पास अवसर है तो मैं एजेंट या प्रबंधक को फोन कर सकता हूँ, और वो मेरी चीज़ किसी को भेज देंगे, लेकिन जब तक मुझे काम नहीं मिलता तब तक मैं उनके साथ आधिकारिक रूप से किसी अनुबंध में नहीं होता हूँ।"
एजेंट काम खोजने में आपकी मदद नहीं करेगा, लेकिन अगर आप इसे ख़ुद ढूंढते हैं और एक शानदार ट्रैक रिकॉर्ड बनाए रखते हैं, तो भविष्य में उनकी क्लाइंट लिस्ट में आपको जगह मिल सकती है।
"जब आप कुछ पदों पर होते हैं, तो कुछ एजेंट और मैनेजर आपको तब तक साइन नहीं करना चाहते जब तक कि आपके पास कोई ऐसी नौकरी नहीं होती जिससे वो आपसे पैसे कमा सकते हैं," मार्क ने बताया। "कभी-कभी एजेंट-मैनेजर के दृष्टिकोण को समझ पाना बहुत मुश्किल हो जाता है, वहां पर नेटवर्किंग आती है क्योंकि एजेंटों और मैनेजरों को पैसा बनाने की ज़रूरत होती है। वो सिर्फ तभी पैसे कमा सकते हैं जब उनके पास ऐसे ग्राहक होते हैं जिन्हें वो बेच सकते हैं और टीवी शोज़ पर नौकरी दिलवा सकते हैं।"
तो, ख़ुद को एक योग्य पैसा कमाने वाली मशीन साबित करें, जो मेहनत करने के लिए तैयार रहता है और डील को लोगों तक पहुंचाने की ज़रूरत पड़ने पर उस साहित्यिक एजेंट को स्टैंडबाई पर रखें। इसके लिए अभी भी नेटवर्किंग की आवश्यकता होती है और यह न पूछें कि एजेंट आपके लिए क्या कर सकता है, बल्कि यह बताएं कि आप एजेंट के लिए क्या कर सकते हैं।
"जब बात यहाँ तक आ जाती है तो सबकुछ रिश्तों और इस बात पर आ जाता है कि कैसे आप लोग एक-दूसरे के साथ काम कर सकते हैं और एक-दूसरे को ऊपर उठा सकते हैं," मार्क ने अंत में कहा।
हम पहले ही नेटवर्किंग > हिप-पॉकेटिंग वाले तरीके पर चर्चा कर चुके हैं, जो मार्क ने कुछ हद तक प्रतिनिधित्व पाने के लिए अपनाया था। लेकिन साहित्यिक प्रतिनिधित्व खोजने के और भी तरीके हैं, और हमने इनके बारे में विस्तार से बताया है। क्वेरी लेटरों से लेकर IMDB Pro तक, पेशेवरों के इन सुझावों पर नज़र डालना न भूलें:
केवल लॉस एंजिल्स में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में साहित्यिक एजेंसियां और मैनेजमेंट कंपनियां मौजूद हैं। लेकिन जहाँ तक पटकथा लेखन में विशेषज्ञता रखने वाले एजेंटों की बात आती है, तो वो हॉलीवुड, बेवर्ली हिल्स और एलए के अन्य हिस्सों में, इस मनोरंजन केंद्र में और इसके आसपास केंद्रित होंगे। यहाँ ख़ासकर एलए में कुछ विशेष जगहें दी गयी हैं, जो इस प्रकाशन के समय में विभिन्न प्रकार के लेखकों (पटकथा, कॉमिक बुक, व्यावसायिक फिक्शन, आदि) के लिए सबमिशन की मांग कर रहे हैं। हमेशा जिस एजेंसी या साहित्यिक मैनेजमेंट कंपनी और जिस व्यक्ति को आप संपर्क करने जा रहे हैं उसके सबमिशन के दिशानिर्देशों का अच्छी तरह पता पता लगाएं कि वह अनचाहे सबमिशन या अनचाही क्वेरी स्वीकार करता है या नहीं ताकि आप कुछ ऐसा न करें जो उन्होंने साफ़ तौर पर करने से मना किया है।
अंत में, आपको यह जानकर हैरानी हो सकती है, लेकिन आपको एजेंट की कोई ज़रूरत नहीं होती। हाँ, यह सही है। उदाहरण के लिए, मार्क को ही ले लीजिये वो अपना काम ख़ुद ढूंढते हैं। एक एजेंट आपके काम तब आ सकता है जब उनका नाम अपने काम के साथ जोड़ने पर आपके लिए कहीं काम पाने का मौका होता है, लेकिन इसके लिए आप मैनेजर और मनोरंजन वकीलों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। हमने ऐसे बहुत से सफल लेखकों का साक्षात्कार लिया है, जिनके पास कभी कोई एजेंट नहीं था और जिन्होंने उनके बिना अपनी फ़िल्में बेची हैं और टीवी शोज़ पर काम पाया है।
संक्षेप में, साहित्यिक एजेंट पाना आसान नहीं है, लेकिन अगर यह आपको मिल जाता है तो वो तब तक आपके साथ रहता है जब तक आपको काम मिलता रहता है। और भले ही ज़्यादातर लोगों को लगता है कि एजेंट ज़रूरी होते हैं, कई लोग उनके बिना काम करना ज़्यादा पसंद करते हैं। अब आपको यह भी पता है कि हिप-पॉकेटिंग भी एक विकल्प है। आपके पास कोई साहित्यिक प्रतिनिधित्व हो या न हो, हर लेखक को काम खोजने के लिए काम करना पड़ता है। एजेंट और मैनेजर आपके पटकथा लेखन के करियर के लिए कोई जादुई गोली नहीं हैं, जैसा कि कुछ लेखकों को लगता है।
कड़ी मेहनत की जगह कोई नहीं ले सकता!