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एक पूरी तरह से स्वरूपित पारंपरिक स्क्रिप्ट निर्यात करें।
चलिए मान लेते हैं कि हम सभी ऐसी स्थिति में रह चुके हैं। हम अपने लिए लेखन के लक्ष्य निर्धारित करने का प्रयास करते हैं, और हम पूरी तरह से विफल हो जाते हैं। जब आपके पास एक दूसरी फुल-टाइम नौकरी होती है, आपको परिवार का ध्यान रखना पड़ता है, या आपके पास दुनिया के सबसे बड़े भटकाव, अर्थात इंटरनेट, का कोई भी एक्सेस होता है तो अपनी पटकथा पर काम करना मुश्किल हो सकता है।
आपको बुरा महसूस करने की कोई जरुरत नहीं है; यह हम सबके साथ होता है। चलिए भविष्य की ओर देखते हैं और निराशा की उन भावनाओं को पीछे छोड़ना शुरू करते हैं! चलिए इन 6 उपायों के प्रयोग से कुछ मजबूत लेखन संबंधी लक्ष्य निर्धारित करते हैं!
एक पूरी तरह से स्वरूपित पारंपरिक स्क्रिप्ट निर्यात करें।
हालाँकि ऐसा लग सकता है कि यह बहुत ज्यादा समय ले रहा है, लेकिन एक घंटा निकालिये और कैलेंडर पर अपने लक्ष्य की समय-सीमा लिखिए। यह भौतिक कैलेंडर, कागज़ का कैलेंडर या डिजिटल कैलेंडर भी हो सकता है। जो भी आपको अच्छा लगे! उन तिथियों को स्पष्ट रूप से रेखांकित करें जिनपर आप अपने लक्ष्यों को पूरा करने की योजना बना रहे हैं। आप कैलेंडर के अंदर अनुस्मारक भी लगा सकते हैं ताकि नयी समय-सीमा आने पर आपको पता चल सके।
दिनचर्या बनाएं। सप्ताह के दौरान लिखने का एक निश्चित समय निर्धारित करें। आपको यह हर दिन करने की जरुरत नहीं है, लेकिन यह निरंतर कार्यक्रम होना चाहिए जो आपको लक्ष्य तक पहुंचने के लिए पर्याप्त समय प्रदान करे।
ब्रांडिस विश्वविद्यालय द्वारा पूरे किये गए एक अध्ययन के अनुसार, अपने दोस्तों को अपडेट भेजने वाले 70% प्रतिभागी सफलतापूर्वक अपना लक्ष्य हासिल करने में सफल हुए, जबकि अपने दोस्त को अपडेट ना भेजने वाले प्रतिभागियों में से एक केवल 35% अपना लक्ष्य पूरा कर पाए।
अपने लेखन संबंधी लक्ष्यों को पूरा करने के लिए आपको जिम्मेदार बनाये रखने में सहायता करने के लिए एक लेखन सहयोगी या समुदाय खोजें। समय-समय पर उन्हें आपसे संपर्क करके यह सुनिश्चित करने के लिए कहें कि आप अपना लक्ष्य पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। कोई भी अपने दोस्त को यह बनाना नहीं चाहता कि वे उतना नहीं लिख रहे जितना कि उन्हें लिखना चाहिए!
इस लक्ष्य से आप क्या पाना चाहते हैं उसे स्पष्ट रूप से दर्शाएं। यदि आपका लक्ष्य अच्छी तरह परिभाषित नहीं है तो इसके पूरा होने की संभावना कम होती है। आप कभी अपनी मंजिल तक नहीं पहुंच सकते यदि आपको पता ही नहीं है कि जाना कहाँ है।
उदाहरण के लिए, "इस हफ्ते मैं अपनी पटकथा पर काम करूँगा/करूँगी" जैसा अविशेष लेखन लक्ष्य निर्धारित करने के बजाय, "इस शुक्रवार तक मैं अपनी पटकथा के 15 पृष्ठ पूरे करूँगा/करूँगी।" विशेष लक्ष्य निर्धारित करके आप इसका स्पष्ट, सीधा अनुमान लगा सकते हैं कि उस लक्ष्य को पूरा करने के लिए आपको वास्तव में क्या जरुरत है।
अपनी क्षमता को बहुत ज्यादा ना आंकें या अपने आपसे बहुत ज्यादा वादा ना करें। एक हफ्ते में पूरी, अच्छी पटकथा लिखना यथार्थ लक्ष्य नहीं है।
लिखने के लिए दिन भर में केवल इतना ही समय होता है, और इसमें कोई समस्या नहीं है! कई लेखक लिखने के अलावा अन्य फुल-टाइम नौकरियां करते हैं या उनकी दूसरी प्रतिबद्धताएं होती हैं, जिसके कारण उनके बड़े लक्ष्यों को तेजी से पूरा करना कठिन होता है। अपने आपसे और अपने निर्धारित समय के साथ ईमानदार रहें। मूल्यवान लक्ष्य बनाएं, लेकिन यथार्थ रहें।
भले ही आपका संपूर्ण लक्ष्य 2 महीने में एक पूरी पटकथा लिखना हो, लेकिन इसके साथ-साथ छोटे लक्ष्य निर्धारित करना ना भूलें। यदि आप अपनी प्रगति को कभी स्वीकार नहीं करते हैं तो अपने बड़े लक्ष्य की ओर काम करना निराशाजनक हो सकता है।
हर बार कोई छोटा लक्ष्य पूरा होने पर खुशी मनाएं: 30 मिनट…15 पृष्ठ…पूरा काम! जो भी आपकी समय-सारणी के लिए अच्छा हो। आप अपने छोटे लक्ष्यों को हासिल करने के लिए जो भी प्रयास कर रहे हैं उसके लिए खुश होना ना भूलें। यह आपको अपने बड़े लक्ष्य की दिशा में काम करते रहने के लिए प्रेरित करेगा।
पटकथा लेखन उद्योग में पहले से बहुत ज्यादा दबाव होता है। जहाँ लक्ष्यों को पूरा करना महत्वपूर्ण होता है, वहीं यदि चीजें आपके योजनाबद्ध तरीके से नहीं चलती तो अपने आपको थोड़ा आराम देकर उस दबाव को कम करने का प्रयास करें।
जीवन व्यस्त है और कभी-कभी हमारे लेखन लक्ष्यों के बीच कई दूसरी चीजें आ जाती हैं और इसमें कोई बुराई नहीं है। जब तक आप किसी दृढ़ समय-सीमा में काम नहीं कर रहे हैं (जैसे: आपको अगले हफ्ते स्पाइलबर्ग को अपनी पटकथा भेजनी है) तो अपने आंतरिक लक्ष्य को पूरा ना करने के लिए खुद को कोसने का कोई कारण नहीं है। लिखना कठिन होता है। सकारात्मक रहें, अपने आपको विस्तार दें! उसमें कोई बुराई नहीं है।
अब, चलिए अपना लक्ष्य हासिल करना शुरू करते हैं! लेखकों, आपके लिए शुभकामनाएं!
अगली बार मिलते हैं,