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एक पूरी तरह से स्वरूपित पारंपरिक स्क्रिप्ट निर्यात करें।
नेटवर्किंग। यह अकेला शब्द ही मुझे सिकुड़कर अपने पास मौजूद पर्दे या झाड़ियों में छिपने पर मजबूर कर देता है। मेरे पुराने दिनों में, मेरा करियर इसपर निर्भर था। और पता है क्या? चाहे मैं कितनी बार भी "नेटवर्क" करती थी, यह कभी भी मेरे लिए आसान नहीं हुआ। यह हमेशा अजीब, मजबूरी भरा, और बेहतर चर्चा के बिना, नकली होता था। मैं हम सभी के लिए नहीं बोल सकती, लेकिन मैं इतना शर्त जरूर लगा सकती हूँ कि बहुत सारे लेखकों की स्थिति भी ऐसी ही होगी।
एक पूरी तरह से स्वरूपित पारंपरिक स्क्रिप्ट निर्यात करें।
ऐसा तब तक था जब तक कि मैंने भावुक फिल्म निर्माता लीओन चैम्बर्स की नीचे दी गयी सलाह जैसी एक सलाह नहीं सुनी, इसके बाद नेटवर्किंग परिस्थितियों में मेरा दबाव कम होना शुरू हुआ। मैंने सीखा कि मुझे खुद को बेचने की जरूरत नहीं थी; मुझे बस वैसी ही रहना था जैसी मैं हूँ। बस इतना ही किसी के लिए उपयोगी होगा, या असली बातचीत तैयार करेगा, या दूसरों के लिए मुझसे बात करना आसान बनाएगा। मुझे गलत न समझें – मैं अभी भी नेटवर्किंग कार्यक्रमों में जाने की विशेष कोशिश नहीं करती। लेकिन, मेरी नेटवर्किंग की परिभाषा बदल गयी है। नेटवर्किंग का मतलब है दोस्त खोजना। और कभी न कभी, कोई दोस्त आपके लिए दरवाज़े खोल सकता है, या शायद, आप किसी के लिए दरवाज़ा खोल दें।
आपको लगता होगा कि चैम्बर्स ने इस नेटवर्किंग चीज को अच्छी तरह से समझ लिया है, जो इस समय अपनी फिल्म 'अबव द क्लाउड्स' के साथ फिल्म फेस्टिवल सर्किट पर हैं। उनके नाम नौ निर्देशक क्रेडिट्स, सात निर्माता क्रेडिट्स, छह लेखक क्रेडिट्स और कई उत्सव चयन दर्ज़ हैं। लेकिन वो भी यह मानते हैं कि यह मुश्किल है।
"लोगों के साथ कनेक्शन बनाना कठिन है। मुझे यह बहुत मुश्किल लगता है, और शायद ऐसा इसलिए क्योंकि मैं ब्रिटिश हूँ।" उन्होंने बताया।
एक बार चैम्बर्स के किसी दोस्त ने उनसे मज़ाक में कहा था कि उन्हें थोड़ा कम ब्रिटिश बनने की जरूरत है, साथ ही जो उसने किया है उसकी माफ़ी मांगना बंद करो, दूसरों से पूछो कि वो किसपर काम कर रहे हैं, और जैसे हो वैसे ही रहो। उन्होंने आगे कहा, "मुझे लगता है आप सीधे किसी के सामने जाकर यह नहीं कह सकते कि, "मुझे ये चाहिए।"
"फिल्म बनाने और किसी की मदद पाने की कोशिश करने के संबंध में आज तक जो सबसे अच्छी सलाह मुझे मिली है वो यह कि वो कभी न मांगें जो आप चाहते हैं। सलाह मांगें। और अगर आप किसी के पास जाकर कहते हैं, "देखिये, मैं यह करने की कोशिश कर रहा हूँ, क्या आपके पास कोई सलाह है?" और अगर यह सही इंसान है और आप यह सही तरीके से कहते हैं तो वो आपको सलाह देंगे, इसके बाद अंत में वो आपसे बोलेंगे कि "क्यों न मैं ही आपकी मदद कर दूँ," और आप यही चाहते थे," उन्होंने बताया। "लेकिन अगर आप सीधे जाकर उनसे यह करने को कहेंगे तो ऐसी बहुत अधिक संभावना है कि वो आपको इंकार कर देंगे।"
और अगर मैं "ना" सुन लेता तो मैं अपमानित होकर कमरे से बाहर निकल जाता, और वापस कभी भी नेटवर्किंग कार्यक्रम में वापस नहीं जाने की कसम खा लेता! लेकिन अगर आप सीधे कुछ नहीं मांगते, और इसके बजाय वास्तव में रूचि दिखाते हैं, तो आपके स्वाभिमान को चोट पहुँचाने वाली बातचीत होने की संभावना बहुत कम होगी। रातों-रात अच्छा नेटवर्क नहीं बनता, जैसे रातों-रात दोस्त नहीं बनते।
क्या आप इस सोच में हैं कि शुरुआत कहाँ से की जाए? पटकथा लेखकों के नेटवर्किंग समारोह यह अपेक्षाएं निर्धारित करने में मदद करते हैं कि लोग वहां कनेक्ट होने के लिए आये हैं, जिससे बातचीत शुरू करने में कम से कम थोड़ी-बहुत मदद मिलती है। पटकथा लेखकों के कुछ नेटवर्किंग समारोहों में मीटअप (Meetup.com देखें), सम्मलेन, प्रदर्शनियां, फ़िल्म फेस्टिवल और लैब शामिल हैं। मैंने नीचे कुछ सबसे अच्छे विकल्प पोस्ट किए हैं।
चलिए दोस्त बनें,