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लेखक होने के नाते, मैं इस बात के लिए ख़ुद को भाग्यशाली समझती हूँ कि मेरे पास अपनी रचनात्मक लेखन परियोजनाओं के लिए काफी सारी कहानियों के आईडिया हैं। अगर आप भी मेरी तरह हैं और आपके दिमाग में भी पटकथा या किताब के लिए कुछ आईडिया चलते रहते हैं तो आप यह कैसे चुनते हैं कि आपको असल में कौन सी कहानी के साथ आगे बढ़ना है? यह लिखने की प्रक्रिया का बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसे अक्सर अनदेखा कर दिया जाता है। आगे पढ़ें और जानें कि मैं यह फैसला कैसे करती हूँ कि मुझे कौन सी कहानी लिखनी है!
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स्टोरीटेलिंग के सबसे नए रुझान के आधार पर लिखना लुभावना लग सकता है, लेकिन इस तरह के रुझानों के बारे में एक बुरी चीज़ यह होती है कि जब तक आपको इनके बारे में पता चलता है या तो ये ख़त्म हो चुके होते हैं या बहुत ज़्यादा इस्तेमाल कर लिए गए होते हैं। नवीनतम लोकप्रिय पटकथा लेखन या किताब के टॉपिक पर लिखने की कोशिश करना पकड़म-पकड़ाई का अंतहीन खेल खेलने जैसा है। ऐसा बहुत कम होता है कि आप रुझान के आधार पर कोई चीज़ लिखें और इसे समय पर दुनिया के सामने ला पाएं ताकि यह अभी भी पाठकों और दर्शकों के लिए प्रासंगिक हो। कौन सी कहानी बतानी है यह फैसला करते समय, मैं उस विषय के साथ जाना पसंद करती हूँ जो मुझे सबसे ज़्यादा अच्छा लगता है, न कि जो उस समय लोकप्रिय होता है। रुझान हमेशा बदलते रहते हैं, ठीक वैसे ही जैसे वो रुझान वाली परियोजना लिखने के लिए आपकी इच्छा बदल जाएगी।
कहानियों के लिए आईडिया चुनते समय, आपको विभिन्न तत्वों पर विचार करने की ज़रूरत होती है। इस कहानी के लिए आपके सपने क्या हैं? आप इसके कहाँ जाने की उम्मीद करते हैं? अपने दिमाग में आने वाले हर आईडिया के लिए, मैं ख़ुद से निम्नलिखित सवाल करती हूँ:
इस फ़िल्म को बनाने या इस किताब को प्रकाशित करने के लिए एक अनुमानित बजट क्या है?
क्या यह ऐसा कुछ है जो मैं ख़ुद बना सकता हूँ या ख़ुद बनाना चाहूंगा?
यह किस तरह की प्रतियोगिताओं या अवसरों के लिए उपयुक्त होगा?
मैं आपको बता दूँ कि मैं किसी भी तरह से ऐसी लेखिका नहीं हूँ जो बजट, मार्केटेबिलिटी, या अपनी कहानियों में अंतर्राष्ट्रीय आकर्षण जैसी चीज़ों को बहुत ज़्यादा महत्व दे। कुछ लेखक कहानी लिखने का फैसला करने से पहले इन चीज़ों के बारे में काफी सोच-विचार करते हैं, और यह अच्छी बात है! मैं अपनी कहानी के फैसले काफी हद तक भावना के आधार पर करती हूँ। मैं किस कहानी से ज़्यादा जुड़ी हुई हूँ? हालाँकि, मैं विस्तृत बजट या मार्केटेबिलिटी संबंधी चीज़ों के बारे में गहराई से नहीं सोचती, लेकिन किसी कहानी के विचार पर आगे बढ़ते हुए मैं इन कारकों के बारे में थोड़ी-बहुत समझ ज़रूर रखती हूँ।
कहानी का आईडिया असल में कितना अच्छा है? आगे बढ़ने से पहले, अपनी कहानी के लिए कुछ चेकपॉइंट देखें।
कथानक के आगे देखें और इस बात का ध्यान रखें कि कहानी में आकर्षक चरित्रों, योग्य विरोधी, और रोमांचक दुनिया या परिवेश सहित और भी बहुत कुछ हो। क्या यह पूरी कहानी है, या कम से कम, विकास इसे वहां तक पहुंचने में मदद कर सकता है?
इस बात का ध्यान रखें कि आपको पूरी कहानी पसंद हो, न कि सिर्फ इसका कोई एक भाग जिसे आपने अपने दिमाग में सोचा है।
क्या आपके कहानी के आईडिया में कोई बड़ा विषय है? कुछ ऐसा चुनें जिसके साथ व्यापक मात्रा में दर्शक जुड़ पाएं, और जानें कि किस तरह के व्यक्ति को इसे सुनने में दिलचस्पी होगी।
अपने पूरे करियर के दौरान, आप ज़िन्दगी में अलग-अलग पड़ावों पर होंगे और ज़िन्दगी से अलग-अलग चीज़ें चाहेंगे। शुरू में आप अपनी पटकथाओं को प्रतियोगिताओं में भेजना चाह सकते हैं, लेकिन फिर आगे चलकर, आप अपने से एक फ़िल्म बनाना या कोई किताब लिखना चाह सकते हैं। मुख्य रूप से बजट जैसे व्यावहारिक कारणों की वजह से, जो कहानी आप किसी और को पिच करेंगे वो उससे काफी अलग होगी जिसे आप अपने से बनाना चाहेंगे! इसलिए, अपनी अगली लेखन परियोजना पर विचार करते समय, कभी-कभी आपको यह सोचने की ज़रूरत होती है कि आप जीवन में कहाँ हैं और आगे क्या करना चाहते हैं।
अगर मैं दो मनपसंद कहानी के आईडिया के बीच दुविधा में होती हूँ, तो मुझे उनके बारे में दिन में सपने देखने में समय बिताना अच्छा लगता है। मैं दोपहर में आराम करती हूँ और कहानी को होते हुए सोचती हूँ, चाहे यह किसी किताब के आईडिया के रूप में हो या फिर टेलीविज़न सीरीज़ के रूप में। मैं नोट्स भी बना सकती हूँ; और नहीं भी। यह कहानी को पन्ने पर उतारने के लिए नहीं होता। यह अभ्यास बस यह पता लगाने के लिए होता है कि मैं ख़ुद को किस आईडिया से ज़्यादा जोड़ पाती हूँ। यह मुझे एक निर्माणकारी तरीका लगता है क्योंकि इस दौरान मैं बार-बार किसी एक कहानी पर वापस लौट आती हूँ। एक कहानी का आईडिया सबसे अलग होगा, लगातार मेरी रूचि जगायेगा, और मुझे बार-बार इसपर वापस लाएगा।
कौन सी कहानी बतानी है यह जानने का कोई एक तरीका नहीं है। कुछ लोग व्यावहारिकता के आधार पर फैसले करते हैं, कुछ इसे भावनाओं पर आधारित रखते हैं, और कुछ इन दोनों के बारे में सोचते हैं। जो भी आपके लिए काम कर जाए! अंत में, मुझे लगता है कि आप जो भी कहानी कह रहे हैं, उसके साथ आपको मजबूती से जुड़ना चाहिए। यह कुछ ऐसा होना चाहिए जिसे लेकर आप जुनूनी हों, बताने के लिए उत्सुक हों, और इससे गहराई के साथ जुड़ सकें। जैसा कि मैंने ऊपर कहा, रुझानों का पीछा करना बेकार है। अगर आप किसी कहानी के आईडिया को लेकर सच्चे मन से उत्साहित नहीं हैं तो उसपर काम करना आपके लिए काफी मुश्किल हो सकता है। और पता है क्या? आप कोई कहानी चुनने के बाद उसपर काम भी शुरू कर सकते हैं, लेकिन फिर आपको पता चलता है कि आपने गलत फैसला कर लिया। इसमें भी कोई बुराई नहीं है। यही लेखक की ज़िन्दगी है!
यह कहावत भी है कि "ऐसा काम करो जो आपको पसंद हो, फिर आपको ज़िन्दगी में कभी काम नहीं करना पड़ेगा।" किसी कहानी के आईडिया पर काम करना कुछ ऐसा ही है! आप चाहे जो भी तरीका अपनाएं उसके लिए आपको ढेर सारी शुभकामनाएं। लिखते रहें!