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सैम मेंडेस -
जन्मदिन मुबारक हो, सर सैमुअल मेंडेस! मेंडेस शायद अपनी निर्देशकीय उपलब्धियों के लिए ज़्यादा मशहूर हैं, लेकिन वह एक प्रतिभाशाली निर्माता और पटकथा लेखक भी हैं। अपनी मेगा हिट फ़िल्मों का निर्देशन करने से पहले वो नाटकों का निर्देशन किया करते थे। उनके द्वारा निर्देशित फ़िल्मों में "अमेरिकन ब्यूटी", "स्काईफॉल," "स्पेक्टर," और सर्वश्रेष्ठ पटकथा के लिए ऑस्कर में नॉमिनेटेड सबसे नयी फ़िल्म, "1917," शामिल हैं, जिसे उन्होंने पटकथा लेखिका क्रिस्टी विल्सन-केर्न्स के साथ मिलकर लिखा भी था।
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इन द हीट ऑफ़ द नाईट -
"इन द हीट ऑफ़ द नाईट" की ऑस्कर विजेता पटकथा स्टर्लिंग सिलिफैंट ने लिखी थी, जिसका प्रीमियर 1967 में आज ही के दिन हुआ था। इसकी कहानी जॉन बॉल द्वारा लिखे गए इसी नाम के एक उपन्यास पर आधारित है, हालाँकि, फ़िल्म के कुछ हिस्से बदल दिए गए थे। यह फ़िल्म एक अश्वेत पुलिस डिटेक्टिव पर केंद्रित है, जिसे हत्या के आरोप में गलत तरीके से गिरफ़्तार कर लिया जाता है और बाद में वो अपराध सुलझाने में पुलिस डिपार्टमेंट की मदद करता है। यह फ़िल्म न केवल अपने विषय के लिए ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण है, जो नागरिक अधिकार के इतिहास में उस बिंदु को दर्शाती है, बल्कि इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह पूरी तरह से एक अश्वेत व्यक्ति पर केंद्रित पहली रंगीन शूट की गयी फ़िल्म थी।
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सेसिल ऑब्री -
फ्रेंच पटकथा-लेखिका, निर्देशिका, अभिनेत्री और लेखिका सेसिल ऑब्री का जन्म 1928 में आज ही के दिन हुआ था। उन्हें 20 साल की उम्र में एक डांसर के रूप में अपना पहला बड़ा ब्रेक मिला था, और उन्होंने "ब्लैक रोज़" और "ब्लूबर्ड" में ऑर्सन वेल्स के साथ अभिनय किया था, जो पहली रंगीन फ्रांसीसी फ़िल्मों में से एक थी। ऑब्री ने स्वीकार किया कि बच्चा होने और अपने पति से अलग होने के बाद उन्हें अभिनय ज़्यादा अच्छा नहीं लगता था, और वो यह केवल इसलिए करती थीं ताकि उन्हें घूमने का मौका मिल सके। आगे चलकर उन्होंने बच्चों की किताबें और बच्चों के टेलीविज़न शो लिखने शुरू किये, जिनमें उनके दो मशहूर शो, "पॉली," और "बेला और सेबेस्टियन" शामिल हैं, जिनमें उनके बेटे ने मुख्य भूमिका निभाई थी।
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रियर विंडो -
1954 में, जॉन माइकल हेस द्वारा लिखित और अल्फ्रेड हिचकॉक द्वारा निर्देशित "रियर विंडो" को आज ही के दिन न्यूयॉर्क शहर के रिवोली थिएटर में सामाजिक और मनोरंजन जगत के प्रमुख सदस्यों के लिए प्रदर्शित किया गया था। इसे सर्वश्रेष्ठ लेखन सहित चार अकादमी पुरस्कारों के लिए नामांकित किया गया था और अन्य सूचियों के अलावा इसे एएफआई के 100 साल की 100 फ़िल्मों की सूची में शामिल किया गया था। इस कहानी ने अगली कई पीढ़ियों की पटकथाओं को प्रेरित किया, जिनमें "व्हाट लाइज बिनीथ," "पैनिक रूम," "द गर्ल ऑन द ट्रेन" और "डिस्टर्बिया" शामिल हैं।
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जॉन हस्टन -
सिनेमा के "अर्नेस्ट हेमिंग्वे" के रूप में मशहूर, जॉन हस्टन का जन्म 1906 में आज ही के दिन हुआ था और आगे चलकर उन्होंने 37 फ़ीचर फ़िल्मों का निर्माण किया, जिनमें से ज़्यादातर को उन्होंने लिखा भी था। हस्टन फाइन आर्ट के बैकग्राउंड से आते थे, और उन्हें अपने दृश्यों को शूट करने से पहले उनका स्केच तैयार करने के लिए जाना जाता था, इसलिए उनकी ज़्यादातर फ़िल्मों के निर्माण के बाद थोड़े संपादन की ज़रुरत पड़ती थी। उनके सबसे प्रसिद्ध कामों में "द माल्टीज़ फाल्कन," "द ट्रेज़र ऑफ सिएरा माद्रे," और "द मैन हू वुड बी किंग" शामिल हैं।
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वेनिस अंतर्राष्ट्रीय फ़िल्म उत्सव -
1932 में आज के दिन, वेनिस अंतर्राष्ट्रीय फ़िल्म उत्सव की शुरुआत इटली के वेनिस में होने वाली वेनिस कला प्रदर्शनी के हिस्से के रूप में हुई थी। इस प्रदर्शनी में कला, नृत्य, संगीत, रंगमंच, और फ़िल्मों का प्रदर्शन किया जाता है, और इसे कलात्मक अभिव्यक्ति प्रदर्शित करने वाले सबसे उम्दा स्थानों में से एक के रूप में जाना जाता है। ज़ाहिर तौर पर, यह फ़िल्म उत्सव अब अपने आपमें एक मशहूर समारोह है। इसने आज के समय के कई प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय फ़िल्म निर्माताओं को शुरुआत दी है, जिन्होंने प्रतिष्ठित गोल्डन लॉयन अवॉर्ड पाने का प्रयास किया और इसे जीता - जिनमें "रोमा" (मैक्सिको), "द वूमेन हू लेफ्ट" (फिलीपिंस), "फ्रॉम अफार" ( वेनेज़ुएला), और "ए पिजन सैट ऑन ए ब्रांच रिफलेक्टिंग ऑन एक्सिस्टेंस" (स्वीडन) जैसी हालिया फ़िल्में शामिल हैं।
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द मैन इन ग्रे -
पहली "गेन्सबॉरो मेलोड्रामा" में से एक मानी जाने वाली, "द मैन इन ग्रे" 1943 में आज ही के दिन आयी थी। डोरीन मोंटगोमरी ने एलेनोर स्मिथ के 1941 के उपन्यास से कहानी को रूपांतरित किया था, और मार्गरेट कैनेडी और लेस्ली अर्लिस ने इसकी पटकथा लिखी थी। "गेन्सबॉरो मेलोड्रामा" गेन्सबोरो स्टूडियो की फ़िल्मों की एक सीरीज़ थी, जिनकी कहानी अलग होती थी लेकिन विषय समान होते थे, जो आमतौर पर महिला उपन्यासकारों की किताबों पर आधारित थे। वो अत्यधिक नाटकीय और भावुक होते थे, और मुख्य रूप से संवाद पर केंद्रित थे। यूनाइटेड किंगडम में ये फ़िल्में बेहद लोकप्रिय थीं, जहाँ ज़्यादातर महिलाएं थिएटर जाती थीं। "द मैन इन ग्रे" एक नौजवान महिला पर केंद्रित है, जो पैसों के लिए शादी करती है, लेकिन बाद में उसे एक ट्रैवेलिंग एक्टर से प्यार हो जाता है।
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रोमियो मलर -
पटकथा लेखक और अभिनेता रोमियो मलर का जन्म 1928 में आज ही के दिन हुआ था। उन्हें शायद अपने पटकथा लेखन के काम के लिए सबसे ज़्यादा जाना जाता है, जो उन्होंने रैंकिंग/बास एनिमेटेड एंटरटेनमेंट के लिए किया था, जिसके लिए उन्होंने "रूडोल्फ द रेड-नोज्ड रेनडियर," "फ्रॉस्टी द स्नोमैन," और "सैंटा क्लॉस इज़ कमिंग टू टाउन" जैसी एक दर्ज़न से अधिक अमेरिकी हॉलिडे क्लासिक फ़िल्मों की पटकथाएं लिखी थीं। ग्रेड स्कूल में नाटक लिखने और कठपुतली का खेल दिखाने के साथ, बचपन में ही उन्हें अपनी रचनात्मकता का पता चल गया था। सीबीएस के संस्थापक विलियम एस. पाले ने मलर की प्रतिभा को तब पहचाना जब उन्होंने कॉमेडियन जैक बेनी के लिए सामग्री लिखी थी, और पाले ने उन्हें "स्टूडियो वन" पर अपने पहले स्टाफ लेखन पद पर नियुक्त किया।
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अनफॉरगिवेन -
डेविड वेब पीपल्स की "अनफॉरगिवेन" 1992 में आज ही के दिन क्लिंट ईस्टवुड द्वारा निर्देशित रूप में स्क्रीन पर आयी। द राइटर्स गिल्ड ऑफ अमेरिका ने कहा कि इस फ़िल्म की पटकथा आज तक लिखी गयी सबसे अच्छी पटकथाओं में से एक है। यह संयुक्त राज्य अमेरिका की राष्ट्रीय फ़िल्म रजिस्ट्री का हिस्सा है और इसे एएफआई की शीर्ष 10 पश्चिमी फ़िल्मों में शुमार किया गया है।
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चेन्नई एक्सप्रेस -
2013 में आज ही के दिन आयी हिंदी भाषा की बॉलीवुड फ़िल्म "चेन्नई एक्सप्रेस" से पटकथा लेखकों यूनुस सजावल और रॉबिन भट्ट ने इतिहास रचा था। भारत और यूके, पाकिस्तान, और संयुक्त अरब अमीरात सहित विदेशी बाज़ारों में, इस एक्शन-कॉमेडी फ़िल्म ने उस समय की सबसे ज़्यादा कमाई करने वाली फ़िल्म बनकर बॉक्स ऑफिस के कई रिकॉर्ड तोड़े थे, और यह आज भी भारत की 20 सबसे ज़्यादा कमाई करने वाली फ़िल्मों में से एक है। सजावल ने कई बॉलीवुड ब्लॉकबस्टर फ़िल्में लिखी हैं, और भट्ट के पास 60 से भी ज़्यादा फ़िल्मों के राइटिंग क्रेडिट्स हैं।
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रॉबर्ट शॉ -
अभिनेता और उपन्यासकार रॉबर्ट शॉ का जन्म 1927 में आज ही के दिन हुआ था। वह शायद जेम्स बॉन्ड फ़िल्म, "फ्रॉम रशिया विद लव" और "जॉज़" में क्विंट की अपनी भूमिकाओं के लिए सबसे ज़्यादा प्रसिद्ध हैं, लेकिन 1978 में सिर्फ 51 साल की उम्र में अपने निधन से पहले अपने पूरे करियर के दौरान वो दर्ज़नों फ़िल्मों में दिखाई दिए थे। शॉ ने अपने जीवन के दौरान उपन्यास और नाटक भी लिखे थे और 1970 की एक्शन-थ्रिलर "फिगर्स इन ए लैंडस्केप" के लिए अनुकूलित पटकथा भी लिखी थी। उनके 1960 के उपन्यास "द हाइडिंग प्लेस" को ऑडबॉल कॉमेडी फ़िल्म "सिचुएशन होपलेस ... बट नॉट सीरियस" में रूपांतरित किया गया था।
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सनसेट बुलेवार्ड -
1950 में इतिहास में इसी दिन, चार्ल्स ब्रैकेट, बिली वाइल्डर और डी.एम. मार्शमैन जूनियर द्वारा लिखित "सनसेट बुलेवार्ड" में एक पटकथा लेखक इसके कथानक का केंद्र बन गया था। एक संघर्षशील पटकथा लेखक और वापसी की कोशिश करती हुई एक उम्रदराज़ अभिनेत्री की इस कहानी ने 1951 में सर्वश्रेष्ठ पटकथा के लिए ऑस्कर जीता था। वर्तमान में पैरामाउंट द्वारा इसका रीमेक बनाया जा रहा है, जिसमें ग्लेन क्लोज नोर्मा की भूमिका निभाने वाली हैं, जो भूमिका वो ब्रॉडवे रूपांतरण के लिए पहले निभा चुकी हैं।
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अमेरिकन ग्रैफ़िटी -
आपको पता है, फ्रांसिस फोर्ड कोपोला ही वो व्यक्ति थे जिन्होंने जॉर्ज लुकास को "अमेरिकन ग्रैफ़िटी" की पटकथा लिखने के लिए प्रेरित किया था? “THX 1138,” पर काम करते समय, कोपोला ने लुकास को कुछ ऐसा लिखने की चुनौती दी जो मुख्यधारा के दर्शकों को लुभा सके। लुकास ने अपने किशोरावस्था के समय के बारे में सोचा, और कैलिफोर्निया के मॉडेस्टो में 60 के दशक में प्रचलित क्रूजिंग कल्चर के बारे में लिखने का फ़ैसला किया। इस फ़िल्म के मुख्य किरदार ज़िन्दगी के विभिन्न चरणों में लुकास को दर्शाते हैं। फ़िल्म ट्रीटमेंट लिखने में मदद करने के लिए ग्लोरिया काट्ज़ और विलार्ड हुयेक को काम पर रखने के बाद, उन्होंने पटकथा में सेमी-बायोग्राफिकल चीज़ें शामिल की। शुरुआत में इसका नाम "अनदर क्वाइट नाईट इन मॉडेस्टो" रखा गया था। "अमेरिकन ग्रैफ़िटी" आज तक की सबसे मुनाफ़ेदार फ़िल्मों में से एक है, जिसे $777,000 के बजट से बनाया गया था।
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मारियो मोरेनो "कैंटिनफ्लास" -
आज तक के सबसे सफल मैक्सिकन हास्य कलाकारों में से एक माने जाने वाले, कैंटिनफ्लास (असली नाम: मारियो मोरेनो), का जन्म 1911 में आज ही के दिन हुआ था। इस लेखक, अभिनेता और निर्माता को अपने शब्दों के खेल के लिए जाना जाता है, और चार्ली चैपलिन ने उन्हें सर्वश्रेष्ठ जीवित हास्य अभिनेता कहा था। उन्होंने "अराउंड द वर्ल्ड इन 80 डेज" में अभिनय किया था, जिसके लिए उन्हें अकादमी पुरस्कार मिला। उनके मज़ाक और दोहरे अर्थों वाली बातों ने "कैंटीनफ्लियर" शब्द को भी प्रेरित किया, जिसका मतलब होता है किसी को परेशान करने के लिए घूमा-फिराकर दोहरे अर्थ में बात करना। जन्मदिन मुबारक हो, कैंटिनफ्लास!
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अल्फ्रेड हिचकॉक -
"धमाके में कोई डर नहीं होता, केवल इसकी आशंका में होता है।" सस्पेंस के उस्ताद अल्फ्रेड हिचकॉक का जन्म 1899 में आज ही के दिन हुआ था। उनकी पत्नी, अल्मा रेविल, का जन्म उनके एक दिन बाद हुआ था और वो ख़ुद भी एक सम्मानित पटकथा-लेखिका थीं। इस जोड़ी ने हिचकॉक की कई मशहूर फ़िल्मों पर एक साथ काम किया, जिनमें "शैडो ऑफ़ अ डाउट" और "सस्पीशियन" शामिल हैं। हालाँकि, हिचकॉक अक्सर फ़िल्मों पर दूसरे पटकथा लेखकों के साथ काम करते थे, लेकिन साथ ही उनपर नज़र रखते थे, और उनके साथ कहानियों पर काम भी करते थे। उन्हें पटकथाएं और विज़ुअल का विकास करने में सबसे ज़्यादा मज़ा आता था और उन्होंने कहा था, "पटकथा ख़त्म होने के बाद, मैं जल्दी फ़िल्म नहीं बनाता। … जब आप पटकथा पूरी करते हैं तो फ़िल्म सर्वोत्तम होती है। लेकिन इसे शूट करने में, आप अपनी असली कल्पना का लगभग 40 प्रतिशत हिस्सा खो देते हैं।"
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बोनी एंड क्लाइड -
1967 में, दर्शकों ने एक वेट्रेस को पुराने ठग के प्यार में पड़ते हुए देखा और जिन्होंने मौज-मस्ती के लिए अपराध की गतिविधि की शुरुआत की और बदनामी की दुनिया में चले गए। डेविड न्यूमैन और रॉबर्ट बेंटन द्वारा लिखित "बोनी एंड क्लाइड", सच्ची कहानी पर आधारित थी जिसने बाद के फ़िल्म निर्माताओं को सेक्स और हिंसा के चित्रण में अधिक साहसी होने के लिए प्रेरित किया। यह अमेरिका की राष्ट्रीय फ़िल्म रजिस्ट्री में 100 फ़िल्मों का हिस्सा है।
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लीना वर्टमलर -
लीना वर्टमलर का जन्म 1928 में आज ही के दिन हुआ था, जिन्होंने ख़ुद को एक सम्मानित इतालवी पटकथा लेखिका और निर्देशिका के रूप में स्थापित किया। वह सर्वश्रेष्ठ निर्देशक के लिए अकादमी पुरस्कार के लिए नामांकित होने वाली पहली महिला हैं और अकादमी मानद पुरस्कार से सम्मानित होने वाली केवल दूसरी महिला निर्देशक हैं। वर्टमलर प्रसिद्ध इतालवी लेखक फेडेरिको फेलिनी से काफी प्रभावित थीं, जिन्हें वो अपना गुरु मानती थीं। उनके काम में अक्सर इतालवी मजदूर वर्ग के लोगों और उनके सामने आने वाले आर्थिक और राजनीतिक समस्याओं, साथ ही साथ महिला और पुरुष के बीच के संघर्ष को दर्शाया जाता था। उनकी सबसे प्रसिद्ध फ़िल्मों में "स्वेप्ट अवे" और "सेवन ब्यूटीज़" शामिल हैं।
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बेन अफ्लेक -
जन्मदिन मुबारक हो, बेन अफ्लेक! हालाँकि, अभिनेता और फ़िल्म निर्माता बेन अफ्लेक ने बहुत पहले ही अपना करियर शुरू कर दिया था, और उन्होंने अपने पुराने दोस्त मैट डेमन के साथ "गुड विल हंटिंग" लिखने और इसमें अभिनय करने के बाद हॉलीवुड में प्रवेश किया था। इस फ़िल्म को सर्वश्रेष्ठ मूल पटकथा के लिए गोल्डन ग्लोब और अकादमी पुरस्कारों से नवाज़ा गया था। इसके बाद, उनकी इस जोड़ी ने पर्ल स्ट्रीट फ़िल्म्स प्रोडक्शन कंपनी की स्थापना की, जिसमें "मैनचेस्टर बाय द सी," और "जेसन बॉर्न" जैसी फ़िल्मों का निर्माण किया गया। हालाँकि, उनकी असली ज़िन्दगी भी कम नाटकीय नहीं थी, फिर भी अफ्लेक ने अपना सफल करियर बनाये रखा, और अब तक 50 से भी ज़्यादा फ़िल्मों में काम कर चुके हैं।
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नॉर्मन वेक्स्लर -
पटकथा लेखक और नाटककार नॉर्मन वेक्सलर का जन्म 1926 में इसी दिन हुआ था। उनकी सबसे प्रसिद्ध फ़िल्म "सैटरडे नाइट फीवर" है, जिसकी कहानी उन्होंने डिस्को जीवन शैली के बारे में न्यूयॉर्क पत्रिका के लेख से रूपांतरित की थी। यह लेख बाद में मनगढ़ंत निकला। उन्होंने लोकप्रिय फ़िल्में "जो" और "सर्पिको" भी लिखीं, और दोनों के लिए उन्हें ऑस्कर नॉमिनेशन मिला था। हालाँकि, वेक्सलर को अपनी ज़िन्दगी में बहुत संघर्ष करना पड़ा, वो बाइपोलर डिसऑर्डर से पीड़ित थे, और 70 के दशक में एक बार उन्हें उस समय के राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन को गोली मारने की धमकी देने के लिए गिरफ़्तार भी किया गया था।
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जेम्स कैमरून -
जन्मदिन मुबारक हो, जेम्स कैमरून! जेम्स कैमरून हॉलीवुड के सबसे होनहार लोगों में से एक हैं, लेकिन शुरुआती सफलता उनके लिए आसान नहीं थी। 70 के दशक की शुरुआत में उन्होंने सामुदायिक कॉलेज में भौतिक विज्ञान की पढ़ाई शुरू की, लेकिन एक साल बाद ही उन्होंने कॉलेज छोड़ दिया। वो लिखना चाहते थे, इसलिए उन्होंने ट्रक ड्राइवर और चौकीदार जैसी नौकरियां की ताकि उन्हें पटकथा लेखन पर ध्यान देने के लिए खाली समय मिल सके। कुछ सालों बाद "स्टार वॉर्स" देखने के बाद, कैमरून ने अपना सबकुछ दांव पर लगाने का फ़ैसला किया। उन्होंने अपनी पहली फ़िल्म 1978 में निर्देशित की थी, और आगे चलकर उन्होंने दुनिया की आज तक की कुछ सबसे सफल फ़िल्में लिखीं और निर्देशित की, जिनमें "अवतार," "टाइटैनिक," और "द टर्मिनेटर" शामिल हैं।
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मोंटी पायथंस लाइफ ऑफ़ ब्रायन -
"मोंटी पायथंस लाइफ ऑफ़ ब्रायन" 1979 में पूरे धूम-धाम और विरोध दोनों के साथ आज ही के दिन आयी थी। इस फ़िल्म की कहानी ईसा मसीह के जन्म के दिन ही उनके बगल में जन्म लेने वाले यहूदी लड़के और इसकी वजह से उत्पन्न होने वाली भ्रम की स्थिति पर आधारित है। यह कॉमेडी फ़िल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल हुई थी, लेकिन कुछ धार्मिक समूहों ने इसकी कहानी का विरोध किया था। फिर भी, इसे आज भी सबसे अच्छी कॉमेडी फ़िल्मों में से एक के रूप में जाना जाता है, जिसमें मोंटी पायथन के हास्य और बेअदब व्यंग्य को बहुत सही तरीके से शामिल किया गया था। फ़िल्म की आख़िरी लाइन, "मैंने उससे कहा था, 'बर्नी, वो कभी इसपर अपने पैसे नहीं लगाएंगे'" फ़िल्म के मूल समर्थकों पर व्यंग्य था, जिन्होंने इसका निर्माण शुरू होने से एक दिन पहले ही इस परियोजना से अपने हाथ खींच लिए थे। उनके बजाय, पूर्व बीटल जॉर्ज हैरिसन ने यह कहकर इसपर पैसे लगाएं कि वो यह फ़िल्म देखना चाहते हैं।
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अनीता लूस -
हॉलीवुड की सबसे पहले मशहूर महिला पटकथा लेखकों में से एक, अनीता लूस, का जन्म 1888 में इसी दिन हुआ था। उन्हें ट्रायंगल फ़िल्म कॉर्पोरेशन में प्रति सप्ताह $75 सहित, प्रत्येक निर्मित पटकथा के लिए बोनस भी मिलता था, और उन्हें शेक्सपियर की "मैकबेथ" के अनुकूलन पर अपना पहला स्क्रीन क्रेडिट प्राप्त हुआ था। हालाँकि, अपने करियर में लूस के पास दर्ज़नों पटकथा लेखन और नाटक के क्रेडिट्स हैं, लेकिन वो अपने उपन्यास "जेंटलमेन प्रेफर ब्लॉन्ड्स" के लिए सबसे ज़्यादा मशहूर हैं, जो हार्पर्स बाज़ार में प्रकाशित एक सीरीज़ के रूप में शुरू हुआ था। इसकी कहानी पर मर्लिन मुनरो अभिनीत एक फ़िल्म बनाई गयी, जिसे अपार सफलता हासिल हुई थी।
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रिंग लार्डनर जूनियर -
रिंग लार्डनर जूनियर का जन्म 1915 में आज ही के दिन हुआ था। एक समय पर, रिंगगोल्ड विल्मर "रिंग" लार्डनर जूनियर हॉलीवुड के सबसे ज़्यादा पैसे कमाने वाले पटकथा लेखकों में से एक थे, जो 40 के दशक में 20th सेंचुरी फॉक्स के लिए काम करते हुए हर हफ्ते $2,000 (आज लगभग $23,000) कमाते थे। लेकिन उनकी यह सफलता बहुत तेज़ी से धूल में मिल गयी जब उन्हें साम्यवादी विचारधारा रखने के कारण कुख्यात हॉलीवुड टेन के साथ हॉलीवुड से ब्लैकलिस्ट कर दिया गया था। हालाँकि, उन्होंने दूसरे नामों से और ब्लैकलिस्ट किये गए अपने साथी फ़िल्म निर्माताओं के साथ लिखना जारी रखा, और "द एडवेंचर्स ऑफ रॉबिन हूड", "द एडवेंचर्स ऑफ सर लैंसलॉट" और अन्य टीवी कार्यक्रम लिखें। बाद में, "द सिनसिनाटी किड" पर सार्वजनिक पटकथा लेखन क्रेडिट मिलने के बाद उन्हें ब्लैकलिस्ट से हटा दिया गया था। उन्होंने अपने जीवनकाल में “M*A*S*H” और "वूमन ऑफ़ द ईयर" के लिए दो सर्वश्रेष्ठ पटकथा अकादमी पुरस्कार जीते थे।
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द हॉन्टिंग -
पटकथा लेखक नेल्सन गिडिंग की "द हॉन्टिंग" ने दर्शकों को पूरी तरह से भयभीत कर दिया था, जिसका प्रीमियर 1963 में आज ही के दिन हुआ था। गिडिंग की यह हॉरर फ़िल्म शर्ली जैक्सन के उपन्यास "द हंटिंग ऑफ हिल हाउस" पर आधारित थी, जो लोगों के एक समूह पर आधारित है जो एक तथाकथित भुतहे घर की जांच करने के लिए पैरानॉर्मल विशेषज्ञ को बुलाते हैं। गिडिंग ने मानसिक रूप से टूटना शामिल करके, स्क्रीन पर होने वाली ज़्यादातर भूत वाली गतिविधियों को निकालकर, और ज़्यादातर गतिविधियां घर के अंदर करवाकर, कहानी के कई हिस्सों को बदल दिया था, ताकि दर्शकों को उसमें बंद होने का ज़्यादा एहसास हो। बहुत ज़्यादा भयानक होने की वजह से इस फ़िल्म को बॉक्स ऑफिस पर ज़्यादा सफलता नहीं मिल पायी थी। आलोचकों ने इसके कथानक में बहुत सारी कमियां बताई थीं, लेकिन हाल ही में इस फ़िल्म को लोगों का ज़्यादा समर्थन मिलना शुरू हुआ है। निर्देशक स्टीवन स्पीलबर्ग ने कहा कि यह "अब तक की सबसे डरावनी फ़िल्म है।" 1999 की रीमेक की भारी आलोचना हुई थी।
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बाम्बी -
इस साल की शुरुआत में, डिज्नी ने 1942 की एनिमेटेड क्लासिक "बाम्बी" को लाइव-एक्शन फ़िल्म के रूप में वापस लाने की घोषणा की है। डिज्नी की इस पांचवीं एनिमेटेड फ़ीचर की असली कहानी फेलिक्स साल्टेन द्वारा लिखी गयी "बाम्बी, अ लाइफ इन द वुड्स," से ली गयी थी। पर्स पीयर्स, लैरी मोरे, वर्नोन स्टालिंग्स, मेल शॉ, कार्ल फॉलबर्ग, चक काउच, और राल्फ राइट सभी ने अंतिम पटकथा लिखने में मदद की थी, और इनमें से कुछ लेखकों ने बताया कि इसे लिखते समय वो कई बार मूल विषय से भटक जाते थे। बाम्बी द्वारा नष्ट की गयी चींटियों की आबादी से लेकर बोलने वाली पतझड़ की पत्तियों और टिड्डों के परिवार तक, इस फ़िल्म से बहुत सारी चीज़ों को निकालने के बाद हमें वो क्लासिक फ़िल्म मिली, जिसे हम आज जानते और प्यार करते हैं।
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रोशोमन -
इतिहास में 1951 में आज ही के दिन, दर्शकों ने "रोशोमन" में एक आदमी की हत्या और उसकी पत्नी के बलात्कार के बारे में चार अलग-अलग लोगों की चार अलग-अलग कहानियां देखी थी। अकीरा कुरोसावा और शिनोडु हाशिमोटो द्वारा लिखित, इस फ़िल्म ने जापानी सिनेमा को अंतर्राष्ट्रीय सुर्खियों ला दिया और "रोशोमन प्रभाव" शब्द की उत्पत्ति के लिए प्रेरक बना, जो अक्सर चश्मदीदों के अस्थिर और अविश्वसनीय वर्णन को दर्शाता है।
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द बिग स्लीप -
1946 में आज के दिन आयी "द बिग स्लीप" का संस्करण असल में इसका दूसरा संस्करण था, लेकिन दर्शकों को 1997 से पहले तक इसका पहला संस्करण देखने का मौका नहीं मिला, जिसे यूसीएलए फ़िल्म और टेलीविज़न आर्काइव में खोजा गया था। विलियम फॉकनर, ले ब्रैकेट, और जूल्स फर्थमैन ने इस फ़िल्म की पटकथा रेमंड चांडलर की इसी नाम की किताब के आधार पर लिखी थी। फ़िल्म पूरी होने के बाद, जो रिलीज़ नहीं हुई, इसकी पटकथा दोबारा लिखी गयी और हम्फ्री बोगार्ट एवं लॉरेन बकल के बीच की केमिस्ट्री का फ़ायदा उठाने के लिए इसकी दोबारा शूटिंग हुई, जो एक ऐसी जोड़ी थी जिसे दर्शकों का बहुत सारा प्यार मिला। लेकिन इसमें पहले से उलझी हुई पटकथा अब उन दृश्यों की वजह से और ज़्यादा उलझ गयी थी, जिन्हें दूसरे संस्करण में बदलाव करने के लिए काट दिया गया था, और आज तक, इस पटकथा को अपने जटिल और मुश्किल कथानक के लिए जाना जाता है।
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पाथेर पांचाली -
इतिहास में 1955 में आज ही के दिन, "पाथेर पांचाली" को भारतीय दर्शकों के सामने प्रस्तुत किया गया था और यह व्यापक अंतर्राष्ट्रीय सराहना प्राप्त करने वाली पहली भारतीय फ़िल्मों में से एक बन गयी। सत्यजीत रे ने इस फ़िल्म का लेखन और निर्देशन किया था, जो एक ग्रामीण, गरीब भारतीय गाँव में आधारित है, और अपू नामक एक छोटे लड़के और उसके परिवार की महिलाओं पर केंद्रित है जो उसके पिता के बेहतर ज़िन्दगी की तलाश में घर से जाने के बाद उसके विकास को आकार देती हैं। इसे 1958 में बाफ्टा में सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म के लिए नामांकित किया गया था और 1956 में इसने कांस में "सर्वश्रेष्ठ मानव दस्तावेज़" का पुरस्कार जीता था। यह फ़िल्म अपू ट्राइलॉजी का हिस्सा है, जिसमें आगे "अपराजितो" और "द वर्ल्ड ऑफ़ अपू" शामिल हैं।
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द विजार्ड ऑफ़ ओज़ -
1939 में आज ही के दिन, हमने डोरोथी से सीखा कि घर जैसी कोई जगह नहीं होती। "विजार्ड ऑफ़ ओज़" को नोएल लैंगले, फ्लोरेंस रायर्सन और एडगर एलन वुल्फ द्वारा स्क्रीन के लिए अनुकूलित किया गया था। लाइब्रेरी ऑफ़ कांग्रेस का कहना है कि फ़िल्म इतिहास में यह आज तक की सबसे ज्यादा देखी गयी फ़िल्म है।
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टिम बर्टन -
जन्मदिन मुबारक हो, टिम बर्टन! टिम बर्टन की फ़िल्में लगभग हमेशा तुरंत पहचान में आ जाती हैं। "बीटलजूस," "एडवर्ड सीज़रहैंड्स," "द नाईटमेयर बिफोर क्रिसमस" और "कॉर्प्स ब्राइड," जैसी फ़िल्मों में उनकी बर्बर और विलक्षण शैली निरंतर दिखाई देती है, और वो अक्सर एक ही कलाकारों (जॉनी डेप और हेलेना बॉन्हम कार्टर) और संगीतकार (डैनी एल्फमैन) के साथ काम करते हैं। बचपन में बर्टन अंतर्मुखी थे, लेकिन उन्हें लिखने, चित्रकारी करने, और स्टॉप-मोशन एनीमेशन बनाने में मज़ा आता था – उन्होंने अपनी पहली फ़िल्म 13 साल की उम्र में बनाई थी। वह डॉ. सिअस और रोआल्ड डाल से बहुत ज़्यादा प्रभावित थे, जिसे आप आज उनके काम में देख सकते हैं। और, फ़िल्मों के अलावा, उनकी कलाकृति को भी दुनिया भर के संग्रहालयों में प्रदर्शित किया गया है, जिसे हाल ही में अक्टूबर 2019 में लास वेगास, नेवादा के नियॉन संग्रहालय की प्रदर्शनी में दिखाया गया था।
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वे डाउन ईस्ट -
मूक रोमांटिक ड्रामा, "वे डाउन ईस्ट", का प्रीमियर आज ही के दिन 1920 में हुआ था। ऐसा तीसरी बार था जब लोटी ब्लेयर पार्कर के 19वीं सदी के मंचीय नाटक को स्क्रीन के लिए रूपांतरित किया गया था, लेकिन ऐसा अंतिम बार नहीं हुआ था। डी.डब्ल्यू. ग्रिफ़िथ ने इस फ़िल्म को लिखा और निर्देशित किया था, साथ ही उन्होंने लेखन में एंथनी पॉल केली एवं जोसेफ आर. ग्रिस्मर के अनुकूलन की मदद ली थी। यह फ़िल्म अपने आइस-फ्लो घटनाक्रम के लिए सबसे ज़्यादा मशहूर है, जहाँ मुख्य किरदार एना को बचाये जाने से पहले उसे एक बर्फ की चादर पर नदी से झरने की तरफ बहते हुए दिखाया गया है। यह दृश्य वर्मोंट में शूट किया गया था, जहाँ ग्रिफ़िथ की मनचाही बर्फ की चादरें पाने के लिए कर्मचारियों को बर्फ को डायनामाइट से उड़ाना पड़ा था। ठंडे पानी की वजह से एना की भूमिका निभाने वाली लिलियन गिश का हाथ स्थायी रूप से खराब हो गया था, और डी.डब्ल्यू. ग्रिफ़िथ के चेहरे पर ठंड लग गई थी। यह बॉक्स ऑफिस पर ग्रिफ़िथ की सबसे सफल फ़िल्मों में से एक थी और अब तक की दूसरी सबसे महंगी मूक फ़िल्म थी।
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रोमन हॉलिडे -
"रोमन हॉलिडे" 1953 में आज ही के दिन आयी थी और हालाँकि, इयान मैकलन हंटर को इसे लिखने का श्रेय दिया गया है, लेकिन असल में उन्होंने इसे नहीं लिखा था। और, हालाँकि अब जाकर डाल्टन ट्रंबो को इसका श्रेय दिया गया है, लेकिन 2011 से पहले तक उन्हें इसके आधिकारिक पटकथा लेखक के रूप में कभी मान्यता नहीं दी गयी थी। असल में, इस फ़िल्म की पटकथा जॉन डाइटन और डाल्टन ट्रंबो ने लिखी थी, लेकिन साम्यवादी विचारधारा रखने के कारण ट्रंबो को हॉलीवुड से ब्लैकलिस्ट कर दिया गया था, इसलिए हंटर ने उनकी जगह ली और ट्रंबो को उनका शुल्क भेजने के लिए अपनी सहमति दी। इस फ़िल्म के रिलीज़ होने के 58 साल बाद, नौ साल पहले, ट्रंबो और हंटर के बेटों ने इस रिकॉर्ड को सही करवाने के लिए राइटर्स गिल्ड ऑफ़ अमेरिका के माध्यम से लड़ाई लड़ी और इसे जीते।
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मैरी पॉप्पीन्स -
1964 में "मैरी पॉप्पीन्स" आज ही के दिन लॉस एंजिल्स ग्रॉमंस चाइनीज़ थिएटर में रिलीज़ की गयी थी, लेकिन वॉल्ट डिज्नी की इस पहली लाइव-एक्शन फीचर का रास्ता आसान नहीं था। यह म्यूज़िकल फ़िल्म पी.एल. ट्रैवर्स की इसी नाम की बुक सीरीज़ पर आधारित थी, और बिल वॉल्श और डॉन डाग्रेडी ने इसकी पटकथा लिखी थी। डिज्नी को ट्रैवर्स को अपनी सीरीज़ के फ़िल्म अधिकार बेचने के लिए मनाने में 20 साल लग गए, लेकिन डिज्नी ने अपनी बेटियों से वादा किया था कि वो उनकी पसंदीदा किताबों पर फ़िल्म बनाएंगे। आख़िर में ट्रैवर्स मान गयीं, लेकिन उन्होंने पटकथा की स्वीकृति के अधिकार की मांग की। पूरे निर्माण के दौरान डिज्नी और ट्रैवर्स के विवादास्पद संबंधों को 2013 की डिज्नी फ़िल्म, "सेविंग मिस्टर बैंक्स" में नाटकीय रूप से पेश किया गया है।
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12 इयर्स अ स्लेव -
पटकथा लेखक जॉन रिडले द्वारा लिखी गयी "12 इयर्स अ स्लेव" सोलोमन नॉर्थअप के संस्मरण पर आधारित है, जो एक स्वतंत्र अफ्रीकी अमेरिकी आदमी की सच्ची कहानी है, जिसका अपहरण करके उसे 1840 के दशक में दास के रूप में बेच दिया गया था। इस बायोग्राफिकल ड्रामा को नौ ऑस्कर नॉमिनेशन मिले थे, जिनमें से इसने तीन जीते थे, जिनमें सर्वश्रेष्ठ पिक्चर और सर्वश्रेष्ठ अनुकूलित पटकथा के लिए ऑस्कर शामिल था। इस जीत के बाद, यह ख़बर उड़ी कि रिडले और इस फ़िल्म के निर्देशक स्टीव मैकक्वीन के बीच पटकथा के क्रेडिट को लेकर लड़ाई चल रही है, जहाँ मैकक्वीन साझा क्रेडिट चाहते थे, और रिडले इसके लिए इंकार कर रहे थे। बाद में, रिडले ने कहा कि राइटर्स गिल्ड ऑफ़ अमेरिका के नियमों के अनुसार इसका सारा क्रेडिट केवल उन्हें मिलना चाहिए।
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माइकल जैक्सन: बैड -
माइकल जैक्सन द्वारा अभिनीत, "बैड," को आज तक के सबसे अच्छे म्यूजिक वीडियो में से एक माना जाता है, जो काफ़ी हद तक एक शॉर्ट फ़िल्म है जिसमें हॉलीवुड के कुछ सबसे मशहूर फ़िल्म निर्माताओं ने काम किया है। पटकथा लेखक और उपन्यासकार रिचर्ड प्राइस ("द नाइट ऑफ़ टू,"द वायर ") ने 18 मिनट के इस वीडियो की पटकथा लिखी थी, और मार्टिन स्कॉर्सेसी ने इसका निर्देशन किया था। इस वीडियो में वेस्ले स्नाइप्स भी दिखाई देते हैं। गीत और वीडियो की कहानी एक सच्ची कहानी से प्रेरित थी जिसका आईडिया जैक्सन ने दिया था, जो एक ग़रीब लड़के पर आधारित है, जो प्राइवेट स्कूल जाकर ग़रीबी से छुटकारा पाने की कोशिश करता है लेकिन घर वापस आने पर उसकी हत्या हो जाती है। इस वीडियो पर "वेस्ट साइड स्टोरी" का प्रभाव भी दिखता है।
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द बैटल ऑफ़ अल्जीयर्स -
ऐतिहासिक युद्ध ड्रामा "द बैटल ऑफ़ अल्जीयर्स" का प्रीमियर 1966 में इसी दिन हुआ था और इसमें 1950 के दशक में फ्रांसीसी सरकार से स्वतंत्रता के लिए अल्जीरियाई लड़ाई को प्रस्तुत किया गया था। फ्रेंको सोलिनास और गिलो पोंटेकोर्वो ने इसकी पटकथा लिखी थी, जो अल्जीरियाई युद्ध के दौरान एक फ्रांसीसी कैदी के रूप में सादी यासेफ के विवरणों से प्रेरित थी। यासेफ ने इस फ़िल्म में अभिनय भी किया था, जिसमें मुख्य रूप से नौसिखिया अभिनेता शामिल थे, जो अल्जीयर्स की वास्तविक लड़ाई में बच गए थे। फिल्म को इसकी ऐतिहासिक प्रकृति की वजह से न्यूज़रील के समान शैली में शूट किया गया था, और विशेषज्ञों का कहना है कि यह शहरी गुरिल्ला युद्ध का एक उत्कृष्ट वर्णन है। इसकी व्याख्या की राजनीतिक प्रकृति के कारण फ़िल्म को रिलीज़ के बाद फ्रांस में पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया था।