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द वायर -
डेविड साइमन की "द वायर" 2002 में HBO पर आज ही के दिन शुरू हुई थी। साइमन एक पूर्व पुलिस रिपोर्टर हैं, और उनके लेखन सहयोगी एड बर्न्स एक पूर्व होमीसाइड डिटेक्टिव हैं। साइमन एक ऐसा शो बनाना चाहते थे, जिसमें स्कूलों, सरकार और मीडिया सहित बाल्टीमोर, मैरीलैंड में विभिन्न शहरों के साथ कानून प्रवर्तन और इसके पारस्परिक संबंधों का यथार्थवादी चित्रण पेश किया जाए। यह शो 2008 में ख़त्म हो गया था, और हालाँकि उस समय यह आलोचकों को ज़्यादा पसंद नहीं आया था, लेकिन अब इसे वास्तविक, शहरी जीवन का चित्रण दिखाने वाले सबसे अच्छे टेलीविज़न शो में से एक माना जाता है।
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बिग -
टॉम हैंक्स अभिनीत फ़िल्म "बिग" के लिए गैरी रॉस और ऐनी स्पीलबर्ग को सर्वश्रेष्ठ मूल पटकथा की श्रेणी में ऑस्कर के लिए नामित किया गया था। यह एक बच्चे पर केंद्रित है जो बड़ा होने की कामना करता है है, और रातोंरात बड़ा हो जाता है। यह फ़िल्म 1988 आज ही के दिन प्रीमियर हुई थी। इस फ़िल्म के लिए हैंक्स को भी सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए नामित किया गया था, और इसे बॉक्स ऑफिस पर बहुत बड़ी सफलता मिली थी। इस फ़िल्म का बजट 18 मिलियन डॉलर का था और इसने दुनिया भर में $151 मिलियन की कमाई की थी।
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द ट्रूमैन शो -
एंड्रू निकोल ने "द ट्रूमैन शो" को लिखा और इसका सह-निर्माण दोनों किया था, जो 1998 में आज ही के दिन आयी थी। निकोल को "द ट्वाइलाइट ज़ोन" का एक एपिसोड देखने के बाद इस स्पेक स्क्रिप्ट को लिखने की प्रेरणा मिली थी, और उनका मूल संस्करण काफी हद तक एक साइंस-फिक्शन थ्रिलर था, लेकिन बाद में इसे कॉमेडी-ड्रामा के रूप में निर्मित किया गया। स्कॉट रुडिन द्वारा इसकी पटकथा खरीदने के बाद, निकोल को इसे 16 बार दोबारा लिखना पड़ा, तब जाकर निर्देशक पीटर वेयर को यह लगा कि अब इसपर फ़िल्म बनाई जा सकती है। शुरुआत में, निकोल इस फ़िल्म का निर्देशन भी करने वाले थे, जो उनके निर्देशन करियर की शुरुआत होती, लेकिन पैरामाउंट पिक्चर्स को लगा कि इसका बजट इतना बड़ा है कि इसके निर्देशन की ज़िम्मेदारी किसी नए इंसान को नहीं दी जा सकती, इसलिए उन्होंने निकोल को ज़्यादा पैसे देकर उन्हें किनारे कर दिया। कुल मिलाकर, उन्हें इस पटकथा के लिए लगभग $1 मिलियन का भुगतान किया गया था।
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अन चन अंडलू -
"अन चन अंडलू," या "एन अंडलूशियन डॉग" 1929 में पेरिस में आज ही के दिन प्रीमियर हुई थी। साल्वाडोर डाली और लुइस बानूएल ने एक कैफ़े में बैठकर बातचीत करने के बाद अपने सपनों के आधार पर 17 मिनट की यह साइलेंट फ़िल्म लिखी और निर्मित की थी। वो लोग इस फ़िल्म को ऊटपटांग बनाना चाहते थे, और उनका कहना था कि इसमें ऐसा कुछ भी शामिल नहीं किया जायेगा जिसे तर्कसंगत समझा जा सके। और ऊटपटांग होने के बावजूद, पेरिस के कुलीन वर्ग के बीच यह फ़िल्म बहुत लोकप्रिय हुई। यह उसका ठीक उल्टा था जो बानूएल चाहते थे। उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात से बहुत निराशा हुई कि उच्च-वर्ग के लोग किसी भी नई चीज़ की ओर आकर्षित हो जाते हैं, जबकि फ़िल्म में दिखाई गयी हिंसा उनकी धारणाओं के विरुद्ध होनी चाहिए थी। इस फ़िल्म की वजह से इस जोड़ी को फ्रेंच सरलीकृत आंदोलन में आधिकारिक रूप से स्वीकार कर लिया गया था।
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घोस्टबस्टर्स -
क्या आपको पता है, "घोस्टबस्टर्स" में से एक ने ख़ुद इस फ़िल्म की पटकथा लिखी थी? डैन अकरोयड को हमेशा से अलौकिक दुनिया में रूचि थी, और फ़िल्म के वास्तविक आईडिया में वो और जॉन बेलुशी टाइम ट्रैवेलिंग करके अलौकिक खलनायकों का मुक़ाबला करने वाले थे। लेकिन स्टूडियो को लगा कि इसका निर्माण बहुत महंगा होगा, इसलिए, बेलुशी की मौत के बाद, अकरोयड ने हेरोल्ड रैमिस के साथ मिलकर इसकी पटकथा दोबारा लिखी, और इसके मुख्य स्थान को न्यूयॉर्क सिटी में बदल दिया। "घोस्टबस्टर्स" एक सांस्कृतिक घटना बन गया, और इसने एक बड़े मीडिया फ्रैंचाइज़ी का विस्तार किया।
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द ग्रैंड इल्यूज़न -
फ़िल्म विशेषज्ञ चार्ल्स स्पाक और जीन रेनॉइर द्वारा लिखी गयी "द ग्रैंड इल्यूज़न" को फ्रेंच सिनेमा की सबसे उत्तम कृतियों में से एक मानते हैं। युद्ध पर आधारित यह फ़िल्म 1937 में आयी थी और फ्रेंच युद्ध बंदियों के एक समूह पर केंद्रित थी, जो भागने की योजना बनाते हैं। फ़िल्म के विषयों में वर्ग, पूर्वाग्रह और मानवीय रिश्ते शामिल हैं, जो राजनीति और राष्ट्रवाद से भी परे हैं। "द ग्रैंड इल्यूज़न" अकादमी पुरस्कारों में सर्वश्रेष्ठ पिक्चर के लिए नामित होने वाली पहली विदेशी भाषा की फ़िल्म थी।
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ग्रेम्लिंस -
क्या कभी आपने सोचा है कि PG-13 की रेटिंग कहाँ से आयी थी? आप इसके लिए "ग्रेम्लिंस" को धन्यवाद कर सकते हैं। क्रिस कोलंबस द्वारा लिखी गयी इस फ़िल्म की कहानी एक बच्चे पर केंद्रित है जिसे एक ऐसा प्राणी दिया जाता है जो छोटे-छोटे शैतान बनाता है, जो बहुत हिंसात्मक होते हैं। आलोचकों को यह फ़िल्म पसंद आयी थी, लेकिन कई लोगों को लगा कि अपनी PG रेटिंग के हिसाब से यह बहुत हिंसक है। उन्होंने इसकी शिकायत मोशन पिक्चर एसोसिएशन ऑफ़ अमेरिका से की, जिन्होंने कुछ महीने के बाद एक नयी PG-13 रेटिंग का समावेश किया। कोलंबस ने बताया कि उन्हें अपने पुराने मचान से इस स्पेक स्क्रिप्ट का आईडिया आया था, जहाँ उन्हें "अंधेरे में बहुत सारे चूहे दौड़ते-भागते हुए सुनाई देते थे।" उन्होंने यह पटकथा संभावित नियोक्ताओं को केवल यह दिखाने के लिए लिखी थी कि उन्हें लिखना आता है, लेकिन स्टीवन स्पीलबर्ग ने इसकी पटकथा देखी और उन्हें इसका असली आईडिया बहुत पसंद आया, इसलिए उन्होंने इसे ख़रीद लिया।
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डेड पोएट्स सोसाइटी -
टॉम शुलमैन की "डेड पोएट्स सोसाइटी" 1989 में आज ही के दिन प्रीमियर हुई थी, और इसके लिए शुलमैन ने उस साल का सर्वश्रेष्ठ मूल पटकथा का अकादमी पुरस्कार भी जीता था। इस फ़िल्म में स्वर्गीय रॉबिन विलियम्स ने एक अंग्रेज़ी शिक्षक की भूमिका निभाई थी, जो अपने छात्रों को कविताओं के माध्यम से प्रेरित करते थे। शुलमैन ने टेनेसी में मोंटगोमरी बेल एकेडमी में अपने पूर्व शिक्षक सैमुअल पिकरिंग के आधार पर इस फ़िल्म की पटकथा लिखी थी। निर्देशक पीटर वीयर को उस समय डिज़नी के चेयरमैन जेफरी कैज़नबर्ग से मूल पटकथा मिली थी। वीयर को इसकी पटकथा बहुत पसंद आयी और छह हफ्ते बाद ही उन्होंने मुख्य किरदारों के लिए कलाकारों का चुनाव करना शुरू कर दिया।
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डेविड कोएप -
आज तक के सबसे सफल अमेरिकी पटकथा लेखकों में से एक (बॉक्स ऑफिस के नतीजों के अनुसार), डेविड कोएप, को जन्मदिन बहुत-बहुत मुबारक हो। कोएप को "जुरासिक पार्क," "मिशन: इम्पॉसिबल," "स्पाइडर-मैन," और "वॉर ऑफ़ द वर्ल्ड्स" की पटकथा लिखने के लिए जाना जाता है, लेकिन उन्होंने और भी बहुत सारी पटकथाएं लिखी हैं। उन्होंने हॉरर फ्लिक "पैनिक रूम" सहित सभी शैलियों में लिखा है, जिसे उन्होंने $4 मिलियन में बेचा था।
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आरोन सॉर्किन -
जन्मदिन मुबारक, आरोन सोरकिन! संवाद संचालित कहानियों के उस्ताद, सोरकिन ने एक ऐसा मुकाम पाया है जिसका दुनिया भर के पटकथा लेखक सम्मान करते हैं। 'द सोशल नेटवर्क' फिल्म से लेकर 'द वेस्ट विंग' और 'द न्यूज़रूम' जैसे टीवी सीरीज तक, हम उनके स्टाइल की सराहना करते हैं, और हमारे पास उनसे सीखने के लिए बहुत कुछ है।
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नानुक ऑफ़ द नॉर्थ -
अमेरिकी राष्ट्रीय फ़िल्म रजिस्ट्री में लाइब्रेरी ऑफ़ कांग्रेस द्वारा संरक्षण के लिए चुनी गयी पहली फ़िल्मों में से एक, "नानुक ऑफ़ द नॉर्थ" 1922 में आज ही के दिन प्रीमियर हुई थी। इसे डॉक्यूड्रामा के रूप में वर्गीकृत किया गया है, जिसमें कुछ घटनाओं को अभिनीत किया गया है, लेकिन उस समय, फ़िल्मों को डॉक्यूमेंट्री और ड्रामा में अलग करने का चलन नहीं था। इस साइलेंट फ़िल्म में कैनेडियन आर्कटिक में रहने वाले इनुइट परिवार और उनके जीवन के सफ़र के बारे में दिखाया गया है। रॉबर्ट जे. फ्लेहर्टी ने कई सालों के समय के दौरान इस फ़िल्म की फुटेज ली थी, लेकिन उनके सिगरेट की वजह से 30,000 फ़ीट फ़िल्म जलकर ख़ाक हो गयी। वो कनाडा वापस लौट आये और उन्होंने फैसला किया कि दोबारा शूटिंग करते समय वो बस एक परिवार पर फोकस करेंगे। जहाँ कुछ फुटेज असली थी, वहीं बहुत सारी अभिनीत थी – जिनमें नानुक की दो पत्नियां, जो असल में फ्लेहर्टी की कॉमन-लॉ पत्नियां थीं, नानुक के शिकार के दृश्य, और यह दावा शामिल है कि फिल्मांकन के दो साल बाद नानुक की भुखमरी से मौत हो गयी थी, जबकि असल में वो ट्यूबरक्लोसिस से मरा था। फिर भी, आलोचकों को यह फ़िल्म बहुत पसंद आयी, क्योंकि इसमें कहीं दूर रहने वाले ऐसे लोगों की कहानियां दिखाई गयी थीं, जिनके बारे में ज़्यादातर लोगों को कुछ पता नहीं था।
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ई.टी. द एक्स्ट्रा-टेरेस्ट्रियल -
इतिहास में इसी दिन, स्टीवन स्पीलबर्ग ने दुनिया के सामने 'ई.टी. द एक्स्ट्रा-टेरेस्ट्रियल' पेश की थी। स्वर्गीय मेलिसा मैथिसन द्वारा लिखित, ई.टी., स्पीलबर्ग के बचपन के काल्पनिक साथी से प्रेरित थी। ई.टी. दोस्ती के बारे में सबसे मशहूर कहानियों में से एक बन गयी है, और इसे आज तक की सबसे बेहतरीन साइंस फिक्शन फिल्म का दर्ज़ा मिला है।
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जुरासिक पार्क -
1993 में आज ही के दिन रिलीज़ होने के बाद "जुरासिक पार्क" ने इतिहास रच दिया था। इसकी कहानी माइकल क्रिक्टन के इसी नाम के उपन्यास पर आधारित है, जिसे उन्होंने स्टीवन स्पीलबर्ग द्वारा $1.5 मिलियन में किताब का अधिकार ख़रीदने के बाद $500,000 का अतिरिक्त शुल्क लेकर स्क्रीन के अनुरूप बनाया था। इसका आख़िरी ड्राफ्ट डेविड कोएप ने लिखा था, जिसमें उन्होंने किताब में मौजूद हिंसा को काफ़ी कम कर दिया था। इस फ़िल्म ने क्रांतिकारी कंप्यूटर-जनरेटेड इमेजरी का प्रयोग किया था और इतिहास में उस समय की सबसे अधिक कमाई करने वाली फ़िल्म के रूप में बॉक्स ऑफिस रिकॉर्ड तोड़ दिया था।
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रेडर्स ऑफ़ द लॉस्ट आर्क -
"रेडर्स ऑफ़ द लॉस्ट आर्क" 1981 की सबसे ज़्यादा कमाई करने वाली फ़िल्म थी, जो 12 जून को प्रीमियर हुई थी। असल में, जॉर्ज लुकास और फिलिप कॉफ़मैन ने इस फ़िल्म की मूल कहानी की कल्पना की थी, लेकिन लुकास ने इसके बजाय "स्टार वार्स" पर ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया, इसलिए निर्देशक स्टीवन स्पीलबर्ग ने इस परियोजना को लिया और कहानी को पूरा करने के लिए पटकथा लेखक लॉरेंस कस्दन की मदद ली। अब कई लोग इसे सबसे अच्छी एक्शन-एडवेंचर फ़िल्मों में से एक मानते हैं, और यह एक बहुत बड़ी फ्रैंचाइज़ी भी बन गयी है, जिसमें तीन मूवी सीक्वल, थीम पार्क राइड, वीडियो गेम, टीवी सीरीज़, खिलौने आदि शामिल हैं। जब कस्दन को इस फ़िल्म पर काम करने का मौका मिला था, तब वो बस एक महीने से पेशेवर पटकथा लेखक के रूप में काम कर रहे थे। उन्होंने पांच महीने के बाद अपना पहला ड्राफ्ट पूरा किया था।
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द शाइनिंग -
1980 में आज ही के दिन व्यापक तौर पर रिलीज़ होने के बाद "द शाइनिंग" ने दुनिया भर के दर्शकों को बहुत डराया। इसकी कहानी स्टेफन किंग के उपन्यास पर आधारित है, जिसे स्टैनले कब्रिक और डायने जॉनसन ने स्क्रीन के लिए अनुकूलित किया था। इसकी कहानी एक लेखक पर केंद्रित है जो एक होटल में ऑफ़-सीजन केयरटेकर की नौकरी लेता है, और अपने परिवार को साथ लाता है। आलोचकों ने कहा कि फ़िल्म बहुत धीमी थी, और इसकी पटकथा से किंग की किताब का वो बहुत सारा हिस्सा हटा दिया गया था जो भयानक था। किंग ने इस बात को स्वीकार किया, और कहा कि यह उनके उपन्यास पर बनी एकमात्र ऐसी फ़िल्म है जो उन्हें पसंद नहीं आई। इसके लिए कब्रिक को सबसे खराब निर्देशक के लिए रेज़ी पुरस्कार के लिए भी नामित किया गया था। लेकिन, अब इसे सर्वश्रेष्ठ हॉरर फ़िल्मों में से एक माना जाता है और तबसे इसने हॉरर फ़िल्मों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाला है। इसे संयुक्त राज्य अमेरिका की राष्ट्रीय फ़िल्म रजिस्ट्री में संरक्षण के लिए भी चुना गया था।
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द बॉर्न आइडेंटिटी -
तीन फ़िल्मों की सीरीज़ में पहली फ़िल्म, "दी बॉर्न आइडेंटीटी" 2002 में आज ही के दिन प्रीमियर हुई थी। टोनी गिलरॉय और विलियम ब्लेक हेरोन ने रॉबर्ट लुडलम के 1980 के उपन्यास के आधार पर इस फ़िल्म की पटकथा लिखी थी। यह जेसन बॉर्न के बारे में कहानी है, जो अपनी एमनीशिया की बीमारी और CIA के अंदर साजिश के बीच अपनी पहचान खोजता है। निर्देशक डग लिमन को वार्नर ब्रदर्स से इस उपन्यास के अधिकार लेने में दो साल का समय लगा था, जिसे उन्होंने अपने हाई स्कूल में पढ़ा था। उसके बाद उन्होंने एक और साल तक गिलरॉय के साथ इसकी पटकथा पर काम करने में बिताया, उसके बाद यूनिवर्सल पिक्चर्स ने फ़िल्म के अधिकार ले लिए और पटकथा को दोबारा लिखने के लिए हेरॉन को लाया गया। यह फ़िल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल रही, जिसने $60 मिलियन के बजट पर $214 मिलियन की कमाई की थी और इसके बाद चार और "बॉर्न" फ़िल्में बनाई गयीं।
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डियाब्लो कोडी -
लेखिका और निर्माता डायब्लो कोडी ने कहा था कि, “आपकी फ़िल्म का बनना पुरस्कार है। वो अकेले ही चमत्कार है।' इस साल वो 41 साल की हो जाएँगी। 'जूनो' (सर्वश्रेष्ठ मूल पटकथा के लिए ऑस्कर), 'यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ़ तारा,' और 'यंग एडल्ट' की इस पुरस्कार विजेता लेखिका को जन्मदिन की बहुत-बहुत बधाई।
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बैटमैन बिगिन्स -
निर्देशक क्रिस्टोफर नोलन ने पटकथा लेखक डेविड एस. गोयर के साथ मिलकर "बैटमैन बिगिन्स" की पटकथा लिखी थी, जो 2005 में आज ही के दिन प्रीमियर हुई थी। उन्हें यह अच्छी तरह से पता था कि उस दशक से पहले बॉक्स ऑफिस पर दो "बैटमैन" फ्लॉप होने के बाद, वो इसपर एक बड़ा दांव लगा रहे थे। लेकिन उनके बैटमैन और ब्रूस वैन की कहानी अलग, ज़्यादा भयानक, और यथार्थवादी थी, और उन्होंने दर्शकों को दोनों चरित्रों के साथ जुड़ने पर मजबूर कर दिया। उनकी कहानी और सुपरस्टार कलाकार हिट रहे, इसके बाद, उनकी कहानी "द डार्क नाइट" और "द डार्क नाइट राइज़" के साथ आगे बढ़ी, और इसने सुपरहीरो शैली में फिर से नयी जान भर दी।
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द अपार्टमेंट -
1961 में "द अपार्टमेंट" अकादमी पुरस्कारों में बड़े विजेता के रूप में सामने आयी थी, जिसे सर्वश्रेष्ठ पिक्चर, सर्वश्रेष्ठ निर्देशक, सर्वश्रेष्ठ पटकथा आदि का पुरस्कार मिला था। यह फ़िल्म आज ही के दिन 1960 में जून में आयी थी। बिली वाइल्डर और आई.ए.एल. डायमंड द्वारा लिखी गयी इस कॉमेडी-ड्रामा फ़िल्म की पटकथा एक ऐसे आदमी के बारे में है, जो अपनी कंपनी में बड़ी पोज़िशन हासिल करने की कोशिश में अपने से बड़े पदों पर मौजूद लोगों को अपने अपार्टमेंट में विवाहेतर संबंध बनाने की अनुमति देता है। वाइल्डर और डायमंड को कई असली ज़िन्दगी के अनुभवों से इसका आईडिया मिला था, जिसमें वो निर्माता भी शामिल है, जिसने एक एजेंट को इसलिए गोली मार दी थी क्योंकि वो एक निचले कर्मचारी के अपार्टमेंट में उसकी पत्नी के साथ संबंध बनाता था। वाइल्डर 40 के दशक में भी ऐसी ही एक फ़िल्म बनाना चाहते थे, लेकिन उस समय मोशन पिक्चर प्रोडक्शन कोड ने बदचलनी दिखाने पर रोक लगा रखी थी।
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साइको -
1960 में आज ही के दिन आने वाली 'साइको' से पहले तक दर्शक इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं थे कि शहरी हॉरर फ़िल्में भी मुख्यधारा में आ सकती हैं। इसके पहले, बहुत सारी भुतही फिल्में थीं, लेकिन रॉबर्ट ब्लोच के उपन्यास पर आधारित, जोसफ स्टेफनो की पटकथा ने दर्शकों के रौंगटे खड़े कर दिए थे जिसे हम आज भी महसूस करते हैं। स्टेफनो को फिल्म के बीच में अभिनेता को मारने सहित, इस पटकथा के लेखन के दौरान कई जोखिम उठाने के लिए जाना जाता है।
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टॉय स्टोरी 3 -
हालाँकि, यह उस समय निर्मित सबसे महंगी फ़िल्मों में से एक थी, लेकिन इसके अलावा, "टॉय स्टोरी 3" सबसे सफल फ़िल्मों में से भी एक है, जिसने दुनिया भर में $1 बिलियन से ज़्यादा की टिकटों की बिक्री के साथ सबसे ज्यादा कमाई करने वाली एनिमेटेड फ़िल्म का रिकॉर्ड बनाया है। इस फ़िल्म की पटकथा माइकल अरंड्ट ने लिखी थी, और यह फ़िल्म 2010 में प्रीमियर हुई थी। स्क्रीन पर आने से पहले इसे कम से कम दो बिल्कुल अलग-अलग पटकथाओं और एक अलग डिज्नी स्टूडियो से गुज़रना पड़ा था, क्योंकि उस समय पिक्सर के साथ बातचीत में खटास आ गयी थी। बाद में, डिज्नी ने पिक्सर को ख़रीदने की घोषणा कर दी थी, इसलिए वो प्रोजेक्ट वापस उसी स्टूडियो में आ गया और वहां से एक बिल्कुल नई पटकथा के साथ इसपर काम शुरू किया गया। असली लेखकों ने उस घर में जाकर शुरू से फ़िल्म की शुरुआत की, जहाँ उन्होंने सबसे पहले "टॉय स्टोरी" की पिच दी थी और एक सप्ताहांत के अंदर नई कहानी लेकर आये थे। इसे लिखने के लिए अरंड्ट को दिया गया था। कलाकारों को फ़िल्म में रखने के लिए पटकथा दिखाने के बजाय, स्टूडियो ने स्टोरीबोर्ड का प्रयोग करके फ़िल्म की एक पूरी रील तैयार की थी, और उसे देखने के बाद सभी कलाकारों ने उसमें काम करने की सहमति दे दी थी।
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द वाइल्ड बंच -
"द वाइल्ड बंच" की मूल कहानी और पटकथा वालोन ग्रीन और रॉय सीकर ने लिखी थी, जिसे निर्देशक सैम पेकिनपाह के द्वारा निर्माण के लिए संपादित और तैयार किया गया था। इस फ़िल्म को आज ही के दिन 1969 में प्रीमियर किया गया था। जहाँ इस पश्चिमी फ़िल्म की पटकथा को ऑस्कर के लिए नॉमिनेट किया गया था, वहीं फ़िल्म के संपादन ने इसे बेमिसाल बना दिया था। पेकिनपाह ने बंदूक की लड़ाई की वजह से होने वाले कोलाहल को दर्शाने के लिए एक से ज्यादा एंगल और स्लो-मोशन शॉट से लिए गए तीव्र कट का प्रयोग किया था। इसकी कहानी में हिंसा के ज़्यादा वास्तविक संस्करण को दर्शाया गया है, जो गैरकानूनी गनफाइटर युग में होती थी, और इसके क्रूर चित्रण के लिए इसकी आलोचना भी हुई थी। फ़िल्म के 21वीं सदी वाले रीमेक की अफवाहें भी उड़ाई गयी हैं, जिसमें वो संस्करण शामिल है, जिसके निर्माता और कलाकार विल स्मिथ हैं। वहीं दूसरे संस्करण का सह-लेखन और निर्देशन मेल गिब्सन कर रहे हैं। इसके बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं है कि इनमें से किसी संस्करण पर काम चल रहा है या नहीं।
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रोजर एबर्ट -
फ़िल्म आलोचक रोजर एबर्ट का जन्म 1942 में आज ही के दिन हुआ था। एबर्ट को "एट द मूवीज़ विद जीन सिस्केल एंड रोजर एबर्ट" की सह-मेज़बानी और "टू थम्स अप" शब्द ईजाद करने के लिए जाना जाता है, लेकिन वह एक पत्रकार और पटकथा लेखक भी थे, जिन्होंने "बियॉन्ड द वैली ऑफ़ द डॉल्स," "अप!" (1976), और "हू किल्ड बांबी?" की पटकथाएं लिखी थीं। उन्होंने शिकागो सन-टाइम्स के फ़िल्म समीक्षक के रूप में अपना करियर शुरू किया था और आलोचना के लिए उन्हें पुलित्ज़र पुरस्कार से भी नवाज़ा गया था। 2013 में अपने देहांत से पहले तक, वो सन-टाइम्स के लिए लिखते रहे।
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यंकी डूडल डेंडी -
'यंकी डूडल डेंडी' ने जॉर्ज एम. कोहन के इस संगीतमय और जीवनीपूर्ण चित्रण से दर्शकों को हैरान कर दिया था, जिन्हें ब्रॉडवे के मालिक के रूप में जाना जाता है। इसकी पटकथा का श्रेय रॉबर्ट बकनेर और एडमंड जोसफ को जाता है, लेकिन 1942 की इस अकादमी-पुरस्कार विजेता फिल्म में एप्सटीन ब्रदर्स ('कैसाब्लांका') ने भी अपना योगदान दिया था। इसे कई AFI टॉप 100 सूचियों में शामिल किया गया है और लाइब्रेरी ऑफ़ कांग्रेस द्वारा अमेरिकी राष्ट्रीय फिल्म रजिस्ट्री में संरक्षण के लिए चुना गया है।
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चाइनाटाउन -
पटकथा लेखक रॉबर्ट टाउनी को "चाइनाटाउन" के लिए अपनी पटकथा के लिए सर्वश्रेष्ठ पटकथा का ऑस्कर मिला था, जो 1974 में आज ही के दिन आयी थी। कई लोगों द्वारा आज तक की सबसे अच्छी फ़िल्मों में से एक मानी जाने वाली, यह नियो-नोयर मिस्ट्री फ़िल्म कैलिफोर्निया के जल युद्ध से प्रेरित थी, जो लॉस एंजिल्स और पूर्वी कैलिफोर्निया के बीच पानी के अधिकारों को लेकर किये गए युद्धों की एक श्रृंखला थी। इस फ़िल्म की पटकथा लिखनी शुरू करने से पहले, उन्हें $175,000 में "द ग्रेट गैट्सबी," की पटकथा लिखने का ऑफर दिया गया था, लेकिन उन्हें ऐसा लगा कि वो इसे एफ. स्कॉट फिट्जेराल्ड के उपन्यास से ज़्यादा अच्छा नहीं बना पाएंगे। इसके बजाय, उन्होंने $25,000 में "चाइनाटाउन" लिखने के लिए कहा। मूल पटकथा में 180 से ज़्यादा पन्ने थे। एवलिन मुलवरे के किरदार के साथ क्या होना चाहिए इसपर एक मतभेद कि वजह से आख़िर में रोमन पोलांस्की और टाउनी अलग हो गए, और पोलांस्की ने अंतिम दृश्य को वापस लिखकर इसे अपनी मर्ज़ी के अनुसार रखा।
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रॉबर्ट रॉड्रिग्स -
फ़िल्मकार रॉबर्ट रॉड्रिग्स को जन्मदिन की बहुत-बहुत मुबारकबाद! रॉड्रिग्स "मेक्सिको ट्राइलॉजी" के लिए मशहूर हैं, जिसमें "एल मारियाची," "डेस्पराडो," और "वन्स अपॉन ए टाइम इन मैक्सिको" शामिल हैं। वह अक्सर क्वेंटिन टैरेंटिनो के साथ काम करते हैं, जिन्हें कई लोग रॉड्रिग्स के सबसे अच्छे दोस्तों में से एक मानते हैं। वह आम तौर पर अपनी फ़िल्मों के लेखक, निर्माता और निर्देशक होते हैं, और उन्हें संगीतकार, प्रोडक्शन डिज़ाइनर, साउंड एडिटर, कैमरा ऑपरेटर आदि के रूप में काम करने के लिए भी जाना जाता है, जिसकी वजह से उन्हें "वन-मैन फ़िल्म क्रू" का नाम दिया गया है।
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हू फ्रेम्ड रोजर रैबिट -
वॉल्ट डिज्नी प्रोडक्शंस ने गैरी के. वुल्फ की "हु सेन्सर्ड रोजर रैबिट" किताब का अधिकार ख़रीदा था और पटकथा लिखने के लिए जेफरी प्राइस और पीटर एस. सीमैन को नियुक्त किया था। इस फ़िल्म का प्रीमियर 1988 में आज ही के दिन हुआ था। लेखकों का झुकाव 1940 के दशक की कहानियों पर बहुत ज़्यादा था और वो वॉल्ट डिज्नी और वार्नर ब्रदर्स कार्टून दोनों में अमेरिकी एनीमेशन के स्वर्ण युग से प्रेरित थे। हालाँकि, वार्नर ब्रदर्स इसके निर्माण में शामिल नहीं थे, लेकिन उन्होंने वॉल्ट डिज्नी स्टूडियोज को फ़िल्म में अपने कुछ चरित्रों का इस्तेमाल करने की अनुमति दी थी जब तक कि उन्हें दृश्य में डिज्नी चरित्रों जितनी अहमियत दी जाए, जिनमें डैफी डक और बग्स बन्नी शामिल थे। लाइव-एक्शन और एनीमेशन के अपने आधुनिक मिश्रण के कारण इस फ़िल्म ने इतिहास रचा और इसे डिज्नी के पुनर्जागरण का श्रेय दिया जाता है।
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हूज़ अफ्रेड ऑफ़ वर्जिनिया वूल्फ -
"हूज़ अफ्रेड ऑफ़ वर्जिनिया वूल्फ" की पटकथा अर्नेस्ट लेहमन ने लिखी थी, जो 1966 में आज ही के दिन प्रीमियर हुई थी। यह फ़िल्म ब्रॉडवे स्टेज प्ले पर आधारित थी, जिसकी कहानी शादी की जटिलताओं पर केंद्रित थी। नाटक के लगभग सभी संवादों को फ़िल्म संस्करण में जगह दी गयी थी, जिनमें कुछ ऐसे संवाद भी थे, जो उस समय के दर्शकों के लिए आश्चर्यजनक थे, क्योंकि उस दौरान फ़िल्मों के लिए मानक नैतिक दिशानिर्देश निर्धारित किये जाते थे। लेकिन लेहमन ने अश्लीलता को बनाये रखने का चुनाव किया और बाद में जीत हासिल की। इस फ़िल्म को बड़ी आर्थिक सफलता मिली। यह उन दो फ़िल्मों में से एक है, जिसे अकादमी पुरस्कारों में हर योग्य श्रेणी के लिए नामांकित किया गया था (दूसरी फ़िल्म "सिमरॉन" थी)।
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एलियन -
हालाँकि, "एलियन" की पटकथा का पूरा श्रेय डैन ओ'बनॉन को दिया जाता है, लेकिन इसकी कहानी का श्रेय रोनाल्ड शुसेट को दिया गया है, और डेविड गिलर और वॉल्टर हिल ने इसकी अंतिम शूटिंग स्क्रिप्ट लिखी थी। यह फ़िल्म 1979 में आज ही के दिन प्रीमियर हुई थी। इस फ़िल्म को आज तक की सबसे अच्छे साइंस-फिक्शन हॉरर फ़िल्मों में से एक माना जाता है, और कई लोगों का मानना है कि इसकी पटकथा इसका बहुत अच्छा उदाहरण है कि क्यों पटकथा को सरल रखना बेहतर होता है। डैन ओ'बनॉन को इसकी कहानी का आईडिया अपनी ज़िन्दगी में बहुत पहले ही आया था जब वह फ़िल्म स्कूल में थे, लेकिन समय के साथ और शुसेट की मदद से वो और ज़्यादा बेहतर हुए, और इस जोड़ी ने अपनी ख़ुद की साइंस-फिक्शन के लिए कई दूसरी साइंस-फिक्शन कहानियों से प्रेरणा ली। ओ'बनॉन ने यह कहा था कि उन्होंने किसी एक की कहानी का आईडिया नहीं चुराया, बल्कि "मैंने इसे सबसे चुराया!"
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बिली वाइल्डर -
बिली वाइल्डर बहुत सारी चीजें थे: पटकथा लेखक, फ़िल्म निर्माता, निर्माता, पत्रकार और कलाकार। 'सम लाइक इट हॉट,' द सेवेन ईयर इच, 'सनसेट बुलेवार्ड,' 'डबल इन्डेम्निटी,' और 'द अपार्टमेंट' सहित पांच से भी ज्यादा दशकों तक उन्होंने फिल्मों का निर्माण किया है। एएफआई ने वाइल्डर को लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया था, और उन्हें कला का राष्ट्रीय पदक भी प्राप्त हुआ था। 22 जून को वो अपने जन्मदिन का जश्न मनाते, लेकिन उनकी फ़िल्में हमारे दिल और दिमाग में आने वाले कई सालों तक अपना घर बनाये रहेंगी।
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द लायन किंग -
1994 में "द लायन किंग" आज ही के दिन आयी थी, जो वो समय था जिसे डिज्नी के पुनर्जागरण काल के रूप में जाना जाता है, और उस समय के दौरान डिज्नी मशहूर कहानियों पर आधारित फ़िल्में बनाकर बॉक्स ऑफिस पर अपार सफलता पा रहा था। आइरिन मेची, जोनाथन रॉबर्ट्स, और लिंडा वूल्वर्टन ने थॉमस डिस्च के फ़िल्म ट्रीटमेंट के आधार पर इसकी पटकथा लिखी थी। लिंडा वूल्वर्टन ने एक साल तक ख़ुद इसकी पटकथा के ड्राफ्ट लिखे, और उनके मूल संस्करणों में, स्कार लंगूरों का नेता था, और रफीकी एक चीता था। यह डिज्नी की पहली ऐसी फ़िल्म थी जिसमें उन्होंने किसी पहले से मौजूद कहानी के बजाय असली कहानी पर एनिमेटेड फ़िल्म बनाने की कोशिश की थी, और इसे बहुत बड़ी सफलता मिली। "द लायन किंग" उस साल की सबसे अधिक कमाई करने वाली फ़िल्म थी।
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द थिंग -
बिल लैंकस्टर ने "द थिंग" की अंतिम पटकथा, जॉन डब्ल्यू. कैम्पबेल, जूनियर के लघु उपन्यास "हु गोज देयर" के आधार पर लिखी थी। इस फ़िल्म को सिनेमाघर का सफर तय करने के लिए मुश्किल रास्तों से गुज़रना पड़ा, और अंत में 1982 आज ही के दिन सिनेमाघरों में आने के बाद भी इसे राहत नहीं मिली। जॉन कारपेंटर के इस फ़िल्म से जुड़ने से पहले कई पटकथा लेखकों ने इसके लिए कई ड्राफ्ट लिखे थे। कारपेंटर, जो ख़ुद एक होनहार पटकथा लेखक थे, वो इसकी पटकथा नहीं लिखना चाहते थे, इसलिए अंत में इसके लिए बिल लैंकस्टर को काम पर रखना पड़ा, जिन्हें इस लघु उपन्यास का करीब से अनुसरण करने के लिए चुना गया था। चीज़ें अच्छे से शुरू हुई थीं, लेकिन कहा जाता है कि आगे चलकर उन्हें दूसरे अंक में मुश्किल आनी शुरू हो गयी, और इसलिए लिखने की प्रक्रिया कई महीनों तक खींच गयी। अंत में, फ़िल्म का निर्माण शुरू होने से पहले इसके लिए चार ड्राफ्ट लिखने पड़े। उस समय आलोचकों को यह फ़िल्म पसंद नहीं आयी थी, लेकिन अब इसे एक कल्ट फेवरेट माना जाता है और यह कुछ सबसे अच्छी साई-फाई हॉरर फ़िल्मों में से एक है।
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ब्लेड रनर -
हैम्पटन फैनचर और डेविड वेब पीपल्स ने अत्यधिक प्रभावशाली फ़िल्म "ब्लेड रनर" की पटकथा लिखी थी, जिसका निर्देशन रिडले स्कॉट ने किया था, और यह आज ही दिन 1982 में प्रीमियर हुई थी। शुरू में, इस साइंस फिक्शन फ़िल्म पर आलोचकों की राय काफी अलग-अलग थी, लेकिन अब इसे अपने निर्माण डिजाइन, विषयगत जटिलता और दृश्यों के लिए सर्वश्रेष्ठ साइंस फिक्शन फ़िल्मों में से एक माना जाता है। इसके स्पेशल इफेक्ट्स को उस समय के हिसाब से कुछ सबसे अच्छे इफेक्ट्स में से एक माना गया है, फ़िल्म स्कूल में इसे अक्सर असाइनमेंट के तौर पर दिया जाता है। फैनचर ने इसकी शुरूआती पटकथा लिखी थी, लेकिन स्कॉट को लगा कि ये पर्यावरण के मुद्दों पर बहुत ज़्यादा केंद्रित है, और इसलिए दोनों अलग हो गए। बाद में, स्कॉट ने इसके लिए लोगों को काम पर रखा था, लेकिन दोबारा लिखने में मदद करने के लिए फैनचर वापस आ गए थे।
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पॉल थॉमस एंडरसन -
जन्मदिन मुबारक हो, पॉल थॉमस एंडरसन! "बूगी नाइट्स," "मैगनोलिया," पंच-ड्रंक लव," और "देयर विल बी ब्लड" के लिए हमें पॉल थॉमस एंडरसन का शुक्रिया अदा करना चाहिए, जिन्होंने इन्हें लिखा और निर्देशित किया था। उन्हें अपने हताश किरदारों, दोहराव के अपने प्रयोग, साहसी दृश्यों, और हमेशा घूमते रहने वाले कैमरा के लिए जाना जाता है। पॉल थॉमस एंडरसन की आपकी पसंदीदा फ़िल्में कौन सी हैं?
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मेल ब्रुक्स -
मेल ब्रुक्स को जन्मदिन की शुभकामनाएं! ब्रुक्स ने मनोरंजन के अपने सफल करियर के दौरान सबकुछ किया है, जिसमें अभिनय, निर्माण, निर्देशन, लेखन, और संगीत निर्माण शामिल है। वह कॉमेडी के विशेषज्ञ हैं, जिन्होंने 60 के दशक के अंतिम दौर की कॉमेडी सीरीज़ "गेट स्मार्ट" लिखने में मदद की थी और आगे चलकर वह "द प्रोड्यूसर्स," "ब्लेज़िंग सेडल्स," यंग फ्रेंकस्टीन," और "स्पेसबॉल्स" जैसी फ़िल्मों के लिए 70 के दशक के सबसे सफल फ़िल्मकारों में से एक बने। वो उन रचनाकारों की सीमित सूची में भी शामिल हैं जो EGOT विजेता है, अर्थात उन्होंने एमी, ग्रैमी, ऑस्कर और टोनी पुरस्कार जीते हैं।