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द साउंड ऑफ़ म्यूजिक -
"द साउंड ऑफ़ म्यूजिक" 1965 में आज ही के दिन सिनेमाघरों और दर्शकों के दिलों में उतरी थी। अर्नेस्ट लेहमैन ने मारिया वॉन ट्रैप के 40वें साल के संस्मरण "द स्टोरी ऑफ़ द ट्रैप फैमिली सिंगर्स" के आधार पर इस फ़िल्म की पटकथा लिखी थी। यह म्यूजिकल ड्रामा दर्शकों के बीच बहुत बड़ी हिट रही, जो 1965 की सबसे ज़्यादा कमाई करने वाली फ़िल्म थी और इसने 29 देशों में बॉक्स ऑफिस रिकॉर्ड तोड़ा था। दर्शकों को इस फ़िल्म का संगीत और एक युवा औरत की कहानी बहुत पसंद आयी, जो एक अकेले आदमी के सात बच्चों की आया बनती है, और इस दौरान उसे उससे प्यार हो जाता है। इस फ़िल्म ने एकेडमी अवॉर्ड्स और गोल्डन ग्लोब्स में सर्वश्रेष्ठ पिक्चर, और सर्वश्रेष्ठ लिखित अमेरिकी म्यूजिकल के लिए राइटर्स गिल्ड ऑफ़ अमेरिका अवॉर्ड जीता था।
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लोला -
फ्रेंच न्यू वेव फ़िल्म "लोला" 1961 में आज ही के दिन रिलीज़ हुई थी। जैक्स डेमी ने यह रोमांटिक ड्रामा लिखी और निर्देशित की थी, जो एक ऐसे आदमी के बारे में है जिसे अपनी पूर्व-प्रेमिका से दोबारा प्यार हो जाता है, जो अब एक कैबरे परफ़ॉर्मर है और जिसका एक बेटा भी है। आलोचकों ने यह कहते हुए इस फ़िल्म को मिली-जुली प्रतिक्रिया दी है कि इसमें अन्य फ्रेंच न्यू वेव फ़िल्मों की तरह "बौद्धिक दृढ़ता" नहीं है और वहीं दूसरों का कहना है कि यह उस समय का सबसे ज़्यादा "नज़रअंदाज़ किया गया प्रमुख काम" था। फ्रेंच न्यू वेव फ़िल्मों को विज़ुअल स्टाइल, संपादन, और सामाजिक एवं राजनीतिक विवरणों के साथ प्रयोग करने के लिए जाना जाता है।
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सिटी लाइट्स -
1931 में चार्ली चैपलिन की "सिटी लाइट्स" का प्रीमियर अमेरिका में आज ही के दिन हुआ था। उस समय "टॉकीज़" की बढ़ती हुई लोकप्रियता के बावजूद इस फ़िल्म को मूक बनाया गया था। चैपलिन के ट्रैम्प नामक अनाड़ी किरदार को एक अंधी औरत से प्यार हो जाता है और उसकी दोस्ती एक शराबी लखपति से हो जाती है। यह चैपलिन की पहली फ़िल्म थी जिसके लिए म्यूजिकल स्कोर भी बनाया गया था, और फ़िल्म इतिहासकारों का कहना है कि उस वक़्त बिना किसी संवाद वाली फ़िल्म बनाना "चुनौती का काम" था। चैपलिन का मानना था कि आवाज़ वाली फ़िल्में ज़्यादा वक़्त तक नहीं टिकेंगी, और उन्होंने अपने एक साक्षात्कार में यह तक कह दिया था कि उन्होंने "टॉकीज़ को तीन साल दिए हैं, बस।"
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वोल्वर -
कॉमेडी-ड्रामा "वोल्वर" पेड्रो अल्मोडवार ने लिखी और निर्देशित की थी, जिसे 2006 में आज के दिन पहली बार दिखाया गया था। अल्मोडवार एक कहानी से प्रेरित थे, जो उन्होंने अपनी फ़िल्म "द फ्लॉवर ऑफ़ माय सीक्रेट" की एक अभिनेत्री से सुनी थी, साथ ही उन्होंने अपनी बचपन की यादों से भी प्रेरणा ली थी। इस फ़िल्म की शूटिंग उनके जन्मस्थान ला मंचा, स्पेन में होने के कारण उनके लिए यह काफ़ी व्यक्तिगत थी। यह एक माँ की कहानी है, जो अपने परिवार के साथ अपने रिश्तों को अच्छा करने के लिए मरकर वापस लौटती है और इसमें एक महिला के दृष्टिकोण से मौत, धोखे और त्याग के भारी-भरकम विषयों को शामिल किया गया है। इस फ़िल्म के लिए अल्मोडवार को कांस फ़िल्म फ़ेस्टिवल में सर्वश्रेष्ठ पटकथा सहित, कई पुरस्कार मिले थे।
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मॉन्स्टर्स -
2010 में SXSW फ़िल्म फ़ेस्टिवल में गैरेथ एडवर्ड्स की "मॉन्स्टर्स" का प्रीमियर हुआ था। एलियंस धरती पर कब्ज़ा कर लेते हैं, और छह साल बाद, एक पत्रकार और टूरिस्ट वापस अमेरिका लौटने के लिए मेक्सिको के एक संक्रमित क्षेत्र से गुजरते हैं। एडवर्ड्स ने कहा कि उन्हें इस कहानी का आईडिया तब आया था, जब उन्होंने मछुआरों को एक बड़ी मछली को रील से खींचते समय मुश्किलों का सामना करते देखा था और तभी उन्होंने उस जाल में मछली के बजाय किसी भयानक जीव की कल्पना कर ली थी। उन्होंने कहा कि वो इस फ़िल्म में शैतान के आने के बाद की परिस्थिति दिखाना चाहते थे, जहाँ लोगों ने भागने और चीखने-चिल्लाने के बजाय अब एलियंस के साथ रहना सीख लिया था। पूरी पटकथा पर काम करने के बजाय उन्होंने ट्रीटमेंट पर काम किया था और कई सारे सहायक कलाकारों को तुरंत अपने ख़ुद के संवाद बनाने की इजाज़त दी थी। उन्होंने केवल छह लोगों वाले निर्माण कर्मियों के दल का प्रयोग करके इस फ़िल्म को $500,000 से कम के बजट में पूरा किया था। SXSW में फ़िल्म देखने के बाद, एक वितरक ने फ़िल्म के अधिकार ख़रीद लिए, और इस फ़िल्म ने बॉक्स ऑफिस पर $4 मिलियन से ज़्यादा की कमाई की।
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द ग्रेप्स ऑफ़ रैथ -
"द ग्रेप्स ऑफ़ रैथ" का फ़िल्मी संस्करण 1940 में आज ही के दिन प्रीमियर हुआ था। ननली जॉनसन ने जॉन स्टेनबेक के इसी नाम के उपन्यास के आधार पर इस फ़िल्म की कहानी लिखी थी। यह ड्रामा ओक्लाहोमा के एक परिवार पर केंद्रित है, जो भयानक मंदी के दौरान अपने खेत खो देता है और कैलिफोर्निया आ जाता है। जहाँ जॉनसन की पटकथा का पहला भाग पूरी तरह से किताब के पहले भाग पर आधारित था, वहीं फ़िल्म के अंत सहित, इसका दूसरा भाग काफ़ी अलग था। कई समीक्षक "द ग्रेप्स ऑफ़ रैथ" फ़िल्म को उपन्यास से ज़्यादा अच्छा मानते हैं और यहाँ तक कि इसे आज तक की सबसे अच्छी अमेरिकी फ़िल्मों में से एक भी कहते हैं।
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पिंक फ्लेमिंगोस -
1972 में इस दिन प्रीमियर होने के लगभग 50 साल बाद भी, दर्शकों का यही कहना है कि "पिंक फ्लेमिंगोस" का विषय काफ़ी चौंकाने वाला है। जॉन वॉटर्स की इस कॉमेडी फ़िल्म को "एक्सप्लॉइटेशन कॉमेडी" माना जाता है, यानी यह स्पष्ट और कभी-कभी घिनौने दृश्यों के चित्रण में अति करने के लिए या चरम तक पहुँचने के लिए अश्लील सामग्री का प्रयोग करता है। यह फ़िल्म वॉटर्स की "ट्रैश ट्राइलॉजी" का हिस्सा है, जिनमें "फीमेल ट्रबल" और "डेस्पेरेट लिविंग" फ़िल्में शामिल हैं। इसमें ड्रैग क्वीन डिवाइन ने अभिनय किया है, जो आज तक के सबसे गंदे इंसान की उपाधि वापस पाने की कोशिश करती है। कई देशों में बैन होने के बावजूद, यह फ़िल्म विशेष रूप से LGBTQ समुदायों में, कल्ट-क्लासिक बन गयी थी, जहाँ इसे शुरुआती समलैंगिक फ़िल्म निर्माण में अग्रणी की भूमिका निभाने वाली महत्वपूर्ण क्वीर फ़िल्म माना जाता है।
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रिओ ब्रावो -
जूल्स फर्थमैन और लेह ब्रैकेट द्वारा लिखी गयी, पश्चिमी फ़िल्म "रिओ ब्रावो" को 1959 में आज के दिन सीमित जगहों पर रिलीज़ किया गया था। इस फ़िल्म की पटकथा बी. एच. मैककैम्पबेल की शॉर्ट स्टोरी पर आधारित थी, जो एक शेरिफ पर केंद्रित है जो एक शक्तिशाली स्थानीय रेंचर के भाई को गिरफ्तार कर लेता है और उसे US मार्शल के आने तक रेंचर के गैंग को रोककर रखने की ज़रुरत होती है। फ़िल्म के निर्देशक, हॉवर्ड हॉक्स, के बारे में एक जीवनी से बाद में यह पता चला था कि उनकी बेटी, बारबरा मैककैम्पबेल, ने इसकी मूल शॉर्ट स्टोरी लिखी थी। इस फ़िल्म को अपने लंबे, बिना संवाद वाले ओपनिंग दृश्य के लिए जाना जाता है, और इसमें जॉन वेन, डीन मार्टिन और रिकी नेल्सन ने अभिनय किया है। हालाँकि, समीक्षकों ने कहा कि यह फ़िल्म बहुत धीमी गति से आगे बढ़ती है, फिर भी इसे आज तक की टॉप 10 वेस्टर्न फ़िल्मों में से एक का दर्जा दिया गया है।
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थ्री ब्रदर्स -
टोनिनो गुएरा और फ्रांसेस्को रोज़ी ने साम्यवादी लेखक एंड्रे प्लैटोनोव की कृति के आधार पर इतालवी फ़िल्म "द ब्रदर्स" लिखी थी, जो 1981 में आज ही के दिन इटली में आयी थी। रोज़ी ने इस फ़िल्म का निर्देशन भी किया था, जो तीन भाइयों की निजी ज़िन्दगियों में होने वाली चीज़ों के आधार पर अपनी माँ की मौत के लिए उनकी प्रतिक्रिया का निरीक्षण करती है। इस फ़िल्म को अकादमी पुरस्कारों में सर्वश्रेष्ठ विदेशी भाषा की फ़िल्म के लिए नॉमिनेट किया गया था और इटैलियन नास्त्रो डी'एर्जेंटो ने सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार भी जीता था।
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द गॉडफादर -
1972 में आज के दिन अपने प्रीमियर के बाद, "द गॉडफादर" आज तक की सबसे ज़्यादा कमाई करने वाली फ़िल्म बनकर उभरी थी और इसने फ़िल्मकार फ्रांसिस फोर्ड कोपोला और अभिनेता अल पचिनो के सफल करियर की शुरुआत की थी। कोपोला ने मारिओ पुज़ो के साथ मिलकर इस फ़िल्म की पटकथा लिखी थी, जिन्होंने इसी नाम वाला मूल उपन्यास भी लिखा था। सबसे ज़्यादा बिकने वाली किताब बनने से पहले ही पैरामाउंट ने इस उपन्यास का अधिकार ख़रीद लिया था, और कई दूसरे प्रत्याशियों के इंकार करने के बाद इसके निर्देशन के लिए कोपोला को काम पर रखा था। पुज़ो ने पटकथा का पहला ड्राफ्ट 150 पेज का लिखा था, जबकि कोपोला ने एक अन्य संस्करण पर अलग से काम किया था। अंतिम ड्राफ्ट 163 पेज लम्बा था, लेकिन जब निर्माण शुरू किया गया, उस समय इसके कुछ दृश्य गायब थे। यह फ़िल्म आज तक की सबसे प्रभावशाली गैंगस्टर फ़िल्मों में से एक है, जो गैंगस्टर लोगों का जटिल व्यक्तियों के रूप में चित्रण करती है, और द गॉडफादर के अलावा कोई और फ़िल्म इससे आगे नहीं निकली है, जो अपने आपमें एक महत्वपूर्ण सफलता है। इसने सर्वश्रेष्ठ पिक्चर और सर्वश्रेष्ठ अनुकूलित पटकथा के लिए ऑस्कर और कई अन्य पुरस्कार जीते हैं।
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ट्रायंफ ऑफ़ द विल -
नाज़ी सिद्धांत वाली फ़िल्म "ट्रायंफ ऑफ़ द विल" 1935 में आज ही के दिन जर्मन दर्शकों के लिए प्रीमियर हुई थी। जर्मनी को एक महान विश्व-शक्ति के रूप में दिखाने के लिए, अडोल्फ हिटलर ने निर्देशक लेनी रिफ़ेन्स्टहल से फीचर-लेंथ फ़िल्म का अधिकार प्राप्त किया था, जिन्होंने नूर्नबर्ग में एक रैली शूट करने के लिए 170 कर्मचारियों के दल के साथ बहुत ज़्यादा प्रयास किये थे, जो "न केवल के शानदार सामूहिक बैठक बल्कि एक शानदार प्रचार फ़िल्म के रूप में भी" बनाई गयी थी। वॉल्टर रुटमैन और एबरहार्ड टूबर्ट ने इस फ़िल्म का सह-लेखन किया था जिसने जर्मनी में अच्छा प्रदर्शन किया था, लेकिन बाकी जगहों पर ज़्यादा लोगों को आकर्षित नहीं कर पायी थी। बाद में, फ़िल्म निर्माता फ्रैंक कैप्रा ने अमेरिकी सैनिकों को अमेरिका के युद्ध में शामिल होने का कारण समझाने के लिए "व्हाई वी फाइट" नामक सात-भाग वाली डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म बनाने के लिए "ट्रायंफ ऑफ़ द विल" के फुटेज का प्रयोग किया था।
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ट्रिस्टना -
स्पैनिश-मैक्सिकन फ़िल्म निर्माता लुइस बुनुएल ने ड्रामा फिल्म "ट्रिस्टना" को लिखा और निर्देशित किया था, जो 1970 में मैड्रिड में आज के दिन प्रीमियर हुई थी। जुलियो एलेजैंड्रो ने इसका सह-लेखन किया था और इसकी कहानी बेनिटो पेरेज़ गाल्डोस के इसी नाम के उपन्यास पर आधारित थी। उन्होंने 1963 में स्पैनिश सेंसर में अपनी पटकथा जमा की थी, लेकिन इसे अस्वीकार कर दिया गया था क्योंकि इसमें द्वन्द शामिल था, इसलिए बुनुएल ने यह परियोजना छोड़ दी थी। पांच साल बाद, निर्माताओं ने इतालवी और फ्रेंच निवेशकों के पैसों से फ़िल्म को दोबारा जीवन दिया, और बुनुएल और एलेजैंड्रो ने पटकथा पूरी की। इसकी कहानी एक ऐसी लड़की पर केंद्रित है जिसे एक ज़्यादा उम्र का आदमी लुभाने की कोशिश करता है, जिसे उसकी माँ के मरने के बाद उसका ध्यान रखना था। इस फ़िल्म को सर्वश्रेष्ठ विदेशी भाषा की फ़िल्म के लिए ऑस्कर में नॉमिनेट किया गया था।
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टच ऑफ़ ईविल -
ऑर्सन वेल्स की क्राइम ड्रामा "टच ऑफ़ ईविल" 1958 में आज ही के दिन पहली बार दिखाई गयी थी। इसे क्लासिक अमेरिकी फ़िल्म नोयर (स्टाइलिश हॉलीवुड क्राइम ड्रामा का वर्णन करने के लिए प्रयोग किया जाता है) के आख़िरी उदाहरणों में से एक माना जाता है। फ़िल्म बनाने का चुनाव करने से पहले, वेल्स ने अपने निर्माता को अपने लिए सबसे ख़राब पटकथा खोजने के लिए कहा था ताकि वो यह साबित कर सकें कि वो वैसी पटकथा से भी अच्छी फ़िल्म बना सकते हैं। उन्हें व्हीट मास्टरसन के उपन्यास पर आधारित "बैज ऑफ़ ईविल" पटकथा मिली, उन्होंने इसे दोबारा लिखा, और इसके बाद इसका निर्माण किया। हालाँकि, शुरू में इसे बड़ी सफलता नहीं मिली, लेकिन आधुनिक समीक्षकों का कहना है कि यह वेल्स की सबसे अच्छी फ़िल्मों और उस समय की फ़िल्म नोयर की सबसे अच्छी प्रस्तुतियों में से एक है।