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बीइंग जॉन मल्कोविच -
"बीइंग जॉन मल्कोविच" के लिए चार्ली कॉफ़मैन को सर्वश्रेष्ठ मूल पटकथा का ऑस्कर नॉमिनेशन मिला था, जिसे 1999 के वेनिस फ़िल्म फ़ेस्टिवल में आज ही के दिन दिखाया गया था। मूल रूप से, कॉफ़मैन ने इसकी स्पेक स्क्रिप्ट 1994 में लिखी थी और इसे कई निर्माण कंपनियों के पास भेजा था, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ। बाद में, उन्होंने यह पटकथा फ़िल्म निर्माता फ्रांसिस फोर्ड कोपोला के पास भेजी, जिन्होंने इसे अपनी बेटी के बॉयफ्रेंड, फ़िल्म निर्माता स्पाइक जोंज़े को भेज दिया। इस फ़िल्म के लिए जोंज़े को भी सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का ऑस्कर नॉमिनेशन मिला था, और रॉजर एबर्ट ने इसे 1999 की सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म कहा था। जॉन मल्कोविच ने न केवल इस फ़िल्म में अभिनय किया, बल्कि इस फ़िल्म के शीर्षक में भी उनका नाम मौजूद था, जिसपर उन्होंने कहा था कि, "चाहे ये फ़िल्म फ्लॉप हो … या हिट हो, मैं इस किरदार के साथ हमेशा के लिए जुड़ गया हूँ।"
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नोह बॉमबैक -
सर्वश्रेष्ठ मूल पटकथा के दो बार ऑस्कर नॉमिनी रह चुके नोह बॉमबैक को जन्मदिन मुबारक हो! बॉमबैक 2019 में आयी "मैरिज स्टोरी" और "फ्रांसिस हा" के लिए सबसे ज़्यादा जाने जाते हैं, जिसे उन्होंने ग्रेटा ग्रेविग के साथ लिखा और निर्देशित किया था। उन्हें बचपन से ही पता था कि वो एक फ़िल्म निर्माता बनना चाहते हैं, और उन्होंने केवल 26 साल की उम्र में अपनी पहली फ़िल्म "किकिंग एंड स्क्रीमिंग" लिखी और निर्देशित की थी।
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द हर्ट लॉकर -
मार्क बोआल ने "द हर्ट लॉकर" की पटकथा पत्रकार के रूप में अपने ख़ुद के असली अनुभवों के आधार पर लिखी थी, जो इराक में एक अमेरिकी बम दस्ते से जुड़े थे। उस समय के दौरान, उन्होंने निर्देशक कैथरीन बिगेलो को ईमेल भेजकर वहां की परिस्थितियों के बारे में बताया और अपनी उन यादों का इस्तेमाल करके एक काल्पनिक कहानी लिखी। इस फ़िल्म को 2008 के वेनिस फ़िल्म फ़ेस्टिवल में आज ही के दिन दिखाया गया था और इसने सर्वश्रेष्ठ मूल पटकथा सहित छह अकादमी पुरस्कार जीते थे।
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द किंग्स स्पीच -
आपको पता है अगर क्वीन मदर न होतीं तो "द किंग्स स्पीच" काफ़ी पहले ही रिलीज़ हो जाती? 2002 में क्वीन मदर की मृत्यु तक पटकथा लेखक डेविड साइडलर ने कहानी पर काम करना बंद कर दिया था। उन्हें ख़ुद भी हकलाने की समस्या थी और वो किंग जॉर्ज VI की अपनी हकलाहट पर काबू पाने और भाषण देने की क्षमता से प्रेरित थे। साइडलर ने किंग जॉर्ज VI और उनके चिकित्सक, लियोनेल लॉग, का अध्ययन किया, लेकिन लॉग के बारे में उन्हें ज़्यादा जानकारी नहीं मिल पायी, इसलिए वो शोध के लिए लॉग के बेटे वेलेंटाइन के पास पहुंचे। वेलेंटाइन अपने पिता की नोटबुक रिलीज़ करने के लिए मान गया, लेकिन वो यह केवल क्वीन मदर की अनुमति से ही करना चाहता था। उन्होंने कहा कि वो अपने जीते जी नोटबुक रिलीज़ नहीं होने देना चाहतीं। क्वीन मदर के निधन के बाद, साइडलर ने इस कहानी को एक नाटक के रूप में पूरा किया, फिर बाद में इसे स्क्रीन के लिए तैयार किया गया। इसकी कई लाइनें लॉग की असली ट्रीटमेंट डायरी से ली गयी थीं।
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जूनो -
डियाब्लो कोडी ने 2007 में आयी कमिंग-ऑफ़-एज फ़िल्म "जूनो" लिखी थी, जिसे आज ही के दिन टोरंटो फ़िल्म फ़ेस्टिवल में दिखाया गया था और लोगों ने खड़े होकर तालियां बजाते हुए इसकी सराहना की थी। इस फ़िल्म के लिए कोडी को सर्वश्रेष्ठ मूल पटकथा का ऑस्कर पुरस्कार दिया गया था, हालाँकि, इस पटकथा कि शुरुआत एक मामूली सैंपल के रूप में स्टूडियोज को केवल यह दिखाने के लिए की गयी थी कि वो लिख सकती हैं। शुरू में निर्माता मेसन नोविक ने कोडी को अपने संस्मरण, "कैंडी गर्ल: अ ईयर इन द लाइफ ऑफ़ एन अनलाइक स्ट्रिपर" के आधार पर पटकथा लिखने के लिए कहा था, लेकिन उन्होंने कहा कि उन्हें स्टूडियो को पहले एक सैंपल स्क्रिप्ट देनी है ताकि वो यह दिखा सकें कि उन्हें लिखना आता है। कोडी ने एक साक्षात्कार में कहा है कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि "जूनो" बनकर तैयार होगी।
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गुडफेलाज़ -
“गुडफेलाज़” को आज तक की सबसे अच्छी गैंगस्टर फ़िल्मों में से एक के रूप में माना जाता है। मार्टिन स्कॉर्सेस और निकोलस पिलेगी ने पिलेगी की नॉन-फिक्शन किताब, "वाइज़गाय," के आधार पर इसकी पटकथा लिखी थी। पिलेगी न्यूयॉर्क में एक क्राइम रिपोर्टर थे, और स्कॉर्सेस को लगा कि उनकी किताब में अपराधियों का बहुत अच्छी तरह से चित्रण किया गया है। अंतिम पटकथा तक पहुंचने से पहले इस जोड़ी ने 12 ड्राफ्ट लिखे थे।
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द एक्स-फाइल्स -
1993 में क्रिस कार्टर द्वारा बनाई गयी "द एक्स-फाइल्स" की शुरुआत इसी दिन हुई थी और आगे चलकर यह अमेरिकी इतिहास की सबसे लंबी चलने वाली साइंस फिक्शन सीरीज़ बनी। इसमें एफबीआई के स्पेशल एजेंट्स डाना स्कली और फॉक्स मल्डर की कहानी दिखाई गयी है, जो एक्स-फाइल्स के रूप में जाने जाने वाले पैरानॉर्मल मामलों की जांच करते हैं। कार्टर कॉमेडी पर काम करके तंग आ चुके थे, इसलिए उन्होंने एक रिपोर्ट से प्रेरित होकर "द एक्स-फाइल्स" का पायलट लिखा। उस रिपोर्ट के अनुसार लाखों अमेरिकी लोगों को अपनी ज़िन्दगी में कभी न कभी ऐसा लगा था कि एलियंस ने उनका अपहरण किया है। कार्टर ने बताया कि वो वॉटरगेट स्कैंडल, और 1970 के हॉरर शो, "कोल्चक: द नाइट स्टॉकर" से भी प्रेरित थे।
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फिस्ट फुल ऑफ़ डॉलर्स -
क्लिंट ईस्टवुड को स्पेगेटी वेस्टर्न फ़िल्म "फिस्ट फुल ऑफ़ डॉलर्स" में पहली बार अभिनय करने का मौका मिला था, जो 1964 में इटली में इसी दिन रिलीज़ हुई थी। यह डॉलर्स ट्राइलॉजी की पहली फ़िल्म थी। इस फ़िल्म को विक्टर आंद्रे केटेना, जेमी कॉमस गिल, और सर्जियो लियॉन ने लिखा था, और इसे लियॉन ने निर्देशित किया था। लियॉन को लगा कि हालाँकि हॉलीवुड अब वेस्टर्न शैली से पीछे हट रहा है, फिर भी यूरोप में वेस्टर्न फ़िल्मों के लिए अभी भी बहुत सारी संभावनाएं मौजूद हैं। इस फ़िल्म से उन्होंने अपनी मूलभूत शैली को मजबूत बनाया और तीन साल बाद अमेरिका में रिलीज़ होने के बाद इस ट्राइलॉजी ने क्लिंट ईस्टवुड के करियर की शुरुआत की।
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स्कूबी डू, वेयर आर यू! -
1969 में आज के दिन इस एनिमेटेड मिस्ट्री कॉमेडी के आने के बाद, दुनिया को स्कूबी-डू, ग्रेट डेन, से प्यार हो गया। "स्कूबी डू, वेयर आर यू!" केवल दो सीज़न के लिए प्रसारित किया गया था और इसके केवल 25 एपिसोड थे, लेकिन इस शो ने अपने प्यारे किरदारों और अक्सर दोहराने वाले कथानकों के साथ पॉप कल्चर में ख़ुद को मजबूती से जोड़ दिया। 1978 में आगे के एपिसोड बनाये गए, इसके बाद "स्कूबीज़ ऑल-स्टार्स," और "द स्कूबी-डू शो" आये। इस शो को जोसेफ बारबरा, विलियम हैना, जो रूबी, और केन स्पीयर्स ने बनाया था।
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द गोल्डन गर्ल्स -
सुज़ैन हैरिस ने फ्लोरिडा के मियामी में रहने वाली चार बूढ़ी औरतों के बारे में एक टेलीविज़न सिटकॉम "द गोल्डन गर्ल्स" का निर्माण किया था। उन्हें इसका असली आईडिया "मियामी वाईस," का प्रचार करने के लिए बनाये गए एक पैरोडी स्किट से मिला था, जिसका नाम "मियामी नाइस" था, जिसने मियामी में रहने वाले बूढ़े लोगों का मज़ाक उड़ाया था। इसके फिल्मांकन के दौरान NBC के वरिष्ठ उपाध्यक्ष दर्शकों में मौजूद थे और उन्हें यह इतना पसंद आया कि उन्होंने निर्माताओं, पॉल जुंगर विट और टोनी थॉमस, को एक साथ मिलकर इसकी पायलट पटकथा तैयार करने के लिए कहा। उस समय उनका लेखक मौजूद नहीं था, इसलिए विट ने अपनी पत्नी, सुज़ैन हैरिस, को इसकी पटकथा लिखने के लिए कहा। उन्होंने इसके चार एपिसोड लिखे, इसके बाद मुख्य लेखकों, कैथी स्पीयर और टेरी ग्रॉसमैन, ने ये काम अपने हाथ में ले लिया।
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अ स्ट्रीटकार नेम्ड डिज़ायर -
ब्रॉडवे पर इस नाटक के आने के चार साल बाद, "अ स्ट्रीटकार नेम्ड डिज़ायर," का फ़िल्मी संस्करण आज ही के दिन 1951 में रिलीज़ किया गया था। टेनेसी विलियम्स ने लेखक ऑस्कर शाऊल के साथ मिलकर अपने मूल नाटक को स्क्रीन के अनुकूल बनाया था, और इस जोड़ी ने कहानी में बहुत सारे बदलाव किये थे। उन्होंने बस एक चीज़ नहीं बदली और वो थे, ब्रॉडवे के असली कलाकार। ब्लैंच ड्यूबॉइस की भूमिका को छोड़कर, फ़िल्म में नाटक के कलाकारों की भूमिकाओं में कोई बदलाव नहीं किया गया। इस फ़िल्म की वजह से, मार्लोन ब्रैंडो, को हॉलीवुड में स्टारडम मिला, जिनके बारे में उस समय ज़्यादा लोग नहीं जानते थे। इस नाटक ने पुलित्जर जीता था, और इस फ़िल्म ने भी दर्ज़नों पुरस्कार जीते और आगे चलकर इसे यूनाइटेड स्टेट्स नेशनल फ़िल्म रजिस्ट्री में संरक्षण के लिए चुना गया।
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कांस फ़िल्म फ़ेस्टिवल -
पहला कांस फ़िल्म फ़ेस्टिवल 1946 में आज ही के दिन शुरू हुआ था और 5 अक्टूबर तक चला था, जिसमें अपनी फ़िल्में दिखाने के लिए 21 देशों ने शिरकत की थी। हालाँकि, इसकी शुरुआत उससे पहले ही हो गयी थी। 1938 में, फ्रांस वेनिस फ़िल्म फ़ेस्टिवल के जवाब में अपना ख़ुद का समारोह आयोजित करना चाहता था। इसलिए, अधिकारियों ने इसके लिए कांस शहर का चुनाव किया क्योंकि यह पहले ही काफ़ी लोकप्रिय पर्यटन स्थल था, और पहला समारोह सितम्बर 1939 में होना तय हुआ। लेकिन, उस महीने की शुरुआत में, फ्रांस और यूके ने जर्मनी पर युद्ध की घोषणा कर दी, जिसकी वजह से फ़ेस्टिवल रद्द करना पड़ा। 1946 में इसे दोबारा लॉन्च किया गया।
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सनराइज़ -
1927 की मूक फिल्म, "सनराइज़: अ सॉन्ग ऑफ़ टू ह्यूमन्स" की कहानी कार्ल मेयर ने लिखी थी, जो हरमन सुडरमैन की "द एक्सकर्शन्स टू टिलसिट" नामक छोटी कहानी पर आधारित थी। यह फिल्म सिंक्रोनाइज़्ड म्यूजिकल स्कोर और साउंड इफेक्ट्स साउंडट्रैक पेश करने वाली पहली फिल्म थी, और इसने 1929 के पहले अकादमी पुरस्कार समारोह में अद्वितीय और कलात्मक पिक्चर का अकादमी पुरस्कार जीता था। कई समीक्षक इसे मूक फ़िल्मों के युग की सबसे अच्छी फ़िल्म मानते हैं।
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द डिपार्टेड -
विलियम मोनहन ने आयरिश गैंग क्राइम फ़िल्म "द डिपार्टेड" की पटकथा लिखी थी, जिसे 2006 में आज ही के दिन न्यूयॉर्क में रिलीज़ किया गया था। इस फ़िल्म की कहानी बॉस्टन, मैसाचुसेट्स में घटित होती है, और यह एक आयरिश मॉब और पुलिस डिपार्टमेंट पर आधारित है जो एक-दूसरे की घुसपैठ करते हैं। मोनहन को अपनी पटकथा के लिए सर्वश्रेष्ठ अनुकूलित पटकथा का ऑस्कर मिला था, क्योंकि इसका कथानक 2002 में आयी हॉन्ग कॉन्ग की फ़िल्म "इंटरनल अफेयर्स" का रीमेक था।
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ब्यूटी एंड द बीस्ट -
डिज्नी की "ब्यूटी एंड द बीस्ट" 1991 में न्यूयॉर्क में आज ही के दिन दिखाई गयी थी। लिंडा वूल्वरटन को इस पटकथा का श्रेय दिया गया है, जो रोजर एलर्स की कहानी पर आधारित थी, और उनकी कहानी 1756 की असली परिकथा पर आधारित थी। इसे सर्वश्रेष्ठ मोशन पिक्चर के लिए गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड से नवाज़ा गया था और इस श्रेणी में पुरस्कार पाने वाली यह पहली एनिमेटेड फ़िल्म थी।