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द सेलिब्रेशन -
डेनिश ब्लैक कॉमेडी फ़िल्म "फेस्टन", जिसे अंग्रेज़ी में "द सेलिब्रेशन" के रूप में जाना जाता है, 1998 में आज ही के दिन आयी थी। यह डोगमे 95 फ़िल्म का पहला उदाहरण है, जो एक डेनिश कलात्मक आंदोलन था, जो फिल्मकारों को परंपरागत रूप से महंगी हॉलीवुड फ़िल्मों के लिए एक चुनौती के रूप में फ़िल्म निर्माताओं को विशिष्ट निर्माण और कहानी के नियमों तक सीमित करता था। ये नियम विशेष प्रभावों, और यहाँ तक कि निर्माण के बाद की साउंड एडिटिंग से बचते हुए, अभिनय, विषय, कथानक जैसे कहानी के पारंपरिक मूल्यों पर ध्यान केंद्रित करते हुए, मूल चीज़ों पर वापस जाने के लिए थे। पटकथा लेखक मोगेंस रुकोव और निर्देशक थॉमस विंटरबर्ग ने एक प्रताड़ित आदमी द्वारा डेनिश रेडियो स्टेशन पर बताई गई कहानी के आधार पर इसकी पटकथा लिखी थी। लेकिन बाद में पता चला कि उस आदमी ने वो कहानी अपने मन से बनाई थी।
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द 400 ब्लोज़ -
कई विशेषज्ञों द्वारा सबसे अच्छी फ्रेंच फ़िल्मों में से एक मानी जाने वाली, "द 400 ब्लोज़," 1959 में आज ही के दिन आयी थी। फ्रांकोइस ट्रूफ़ॉट और मार्सेल मूसे ने इसकी पटकथा लिखी थी, जिसे 1960 में सर्वश्रेष्ठ मूल पटकथा के अकादमी पुरस्कार के लिए नॉमिनेट किया गया था। इस फ़िल्म से ट्रूफ़ॉट ने अपने निर्देशन करियर की शुरुआत की थी। यह पेरिस के एक उपद्रवी लड़के पर आधारित है, जो काफी हद तक ख़ुद ट्रूफ़ॉट से प्रेरित है। इसके लिए उन्होंने कान्स फ़िल्म फेस्टिवल में सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार जीता था और उन्हें पाल्मे डी'ओर के लिए नॉमिनेट किया गया था।
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एकडेमी ऑफ़ मोशन पिक्चर आर्ट्स एंड साइंसेज -
हर साल ऑस्कर पुरस्कारों के मेजबान के रूप में मशहूर, एकडेमी ऑफ़ मोशन पिक्चर आर्ट्स एंड साइंसेज, केवल मनोरंजन के क्षेत्र में पुरस्कार प्रदान करने से कहीं ज़्यादा करता है। 1927 में इस दिन केवल 36 लोगों की पहली आधिकारिक बैठक के बाद से, यह एकडेमी मोशन पिक्चर के लगभग 10,000 पेशेवर सदस्यों वाले संगठन के रूप में विकसित हुई है, जिसका लक्ष्य मोशन पिक्चर्स के कला और विज्ञान को उन्नत बनाना है। मेट्रो-गोल्डविन-मेयर (MGM) के प्रमुख लुइस बी. मेयर ने कहा था कि वह एक ऐसा संगठन बनाना चाहते थे, जो एक संघ न हो, लेकिन फिर भी श्रम विवादों की मध्यस्थता कर पाए और उद्योग की छवि में सुधार करे। लेकिन, जैसे-जैसे समय बीतता गया, एकडेमी योग्यता के पुरस्कारों पर ज़्यादा केंद्रित होती गयी। यह अब लाइफटाइम अचीवमेंट के लिए गवर्नर्स अवॉर्ड्स, साइंटिफिक एंड टेक्निकल अवॉर्ड्स, स्टूडेंट एकेडमी अवॉर्ड्स, स्क्रीन राइटिंग में निकोल फेलोशिप का आयोजन करती है, और मार्गरेट हेरिक लाइब्रेरी और मोशन पिक्चर के अध्ययन के लिए पिकफोर्ड सेंटर संचालित करती है। इस साल के अंत में, यह लॉस एंजेल्स में मोशन पिक्चर्स का अकादमी संग्रहालय खोलने की योजना बना रही है।
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अमोर्स पेरोस -
गिलर्मो अरियागा ने "अमोर्स पेरोस" के लिए पटकथा लिखी थी, जो साल 2000 में आज ही के दिन आयी थी। इस फ़िल्म को अकादमी पुरस्कारों में सर्वश्रेष्ठ विदेशी भाषा की फ़िल्म के लिए नॉमिनेट किया गया था, जो थोड़ी क्राइम, थोड़ी थ्रिलर, और थोड़ी कॉमेडी-ड्रामा थी। इसने मैक्सिकन एकडेमी ऑफ़ फ़िल्म में सर्वश्रेष्ठ पिक्चर का एरियल पुरस्कार भी जीता था। इसकी कहानी एक कार दुर्घटना से जुड़ी तीन अलग-अलग कहानियों पर केंद्रित है, जिसमें असमानता, हिंसा, और बेईमानी के भारी-भरकम विषयों को शामिल किया गया है। इन फ़िल्म के सभी किरदारों के लिए किसी न किसी तरीके से कुत्तों को महत्वपूर्ण दिखाया गया है, और कहा जाता है कि फ़िल्म में मैक्सिको शहर में कुत्तों की लड़ाई के चित्रण ने 2017 में मैक्सिको में कुत्तों की लड़ाई को गैरकानूनी ठहराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
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टेस्ट ऑफ़ चेरी -
अब्बास कियारास्टामी ने ईरानी ड्रामा "टेस्ट ऑफ़ चेरी" का लेखन, निर्माण और निर्देशन किया था, जो 1997 में इसी दिन आयी थी। फ़िल्म ने कान्स फ़िल्म फेस्टिवल में पाल्मे डी'ओर जीता था। इसकी कहानी और शैली को मिनिमलिस्ट माना जाता है, जिसमें लंबे, इत्मीनान से लिए गए शॉट्स हैं और कोई बैकग्राउंड म्यूज़िक नहीं है। यह फ़िल्म एक ऐसे शख्स के बारे में है, जो आत्महत्या करना चाहता है, लेकिन उससे पहले आत्महत्या के बाद ख़ुद को दफ़नाने के लिए एक आदमी को काम पर रखता है। वह तीन लोगों से मिलता है, और आख़िरी आदमी वो काम करने के लिए तैयार हो जाता है, लेकिन उससे पहले वो अपनी कहानी बताता है कि कैसे वो भी आत्महत्या करना चाहता था, लेकिन शहतूत खाने के बाद उसने अपना मन बदल लिया। बहुत ज़्यादा खुलासा किये बिना, फ़िल्म के अंत में, मुख्य किरदार सीधे दर्शकों से बात करता है।
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क्रोनोस -
गिलर्मो डेल टोरो द्वारा लिखित और निर्देशित, मैक्सिकन हॉरर-ड्रामा फ़िल्म "क्रोनोस," 1993 में आज ही के दिन आयी थी। टोरो की पहली फीचर-लेंथ फ़िल्म होने के बावजूद, अपनी मौलिकता, विश्वास और अभिनय के लिए, इसे सिनेमा विशेषज्ञों द्वारा आज तक की स्पेनिश भाषा की सबसे अच्छी हॉरर फ़िल्मों में से एक माना जाता है। इसका कथानक एक रहस्यमयी उपकरण पर केंद्रित है, जो इसे प्रयोग करने वाले को अमर बना देता है। 400 साल तक छिपे रहने के बाद इस उपकरण को दोबारा खोजा जाता है। 2010 में टोरो ने इसकी एक सीक्वल रिलीज़ की थी, जिसका नाम था "वी आर व्हाट वी आर।"
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स्टार वार्स एपिसोड I - द फैंटम मेनेस -
हालाँकि, घटनाक्रम के अनुसार रिलीज़ होने वाली चौथी फ़िल्म होने के बावजूद, "स्टार वार्स एपिसोड I - द फैंटम मेनेस" स्काईवॉकर सागा की शुरुआत करती है और प्रीक्वल ट्राइलॉजी की पहली फ़िल्म थी। जॉर्ज लुकास द्वारा 1977 में "स्टार वार्स" लिखने और निर्देशित करने के लगभग 25 साल बाद, 1999 में आज ही के दिन यह फ़िल्म आयी थी। लुकास को लगा कि अब आख़िरकार कंप्यूटर-जनरेटेड इमेजरी, या CGI, इतनी उन्नत हो गयी है कि वो अपनी फ़िल्म की कल्पना को सच्चाई में बदल सकते हैं। हालाँकि, उस साल यह "टाइटैनिक" के बाद दुनिया भर में दूसरी सबसे अधिक कमाई करने वाली फ़िल्म थी, लेकिन फिर भी समीक्षकों ने फ़िल्म को मिश्रित समीक्षा दी थी। ज़्यादातर लोगों ने इसके CGI की प्रशंसा की थी, लेकिन उन्हें जार जार बिंक्स और अनाकिन के किरदार नीरस लगे। 2002 में "अटैक ऑफ़ द क्लोन्स", और 2005 में "रिवेंज ऑफ़ द सीथ" के साथ इस ट्राइलॉजी को समाप्त किया गया था।
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इन द मूड फॉर लव -
वोंग कर-वाई ने "इन द मूड फॉर लव" का लेखन, निर्माण और निर्देशन किया था, जिसे 2000 में आज ही के दिन कान्स फ़िल्म फेस्टिवल में प्रीमियर किया गया था। इस हॉन्गकॉन्ग रोमांटिक ड्रामा कोई कई सर्वश्रेष्ठ सूचियों में सबसे ऊपर रखा गया है और इसे एशियाई सिनेमा के सबसे महान कार्यों में से एक माना जाता है। इसका कथानक एक आदमी और औरत पर केंद्रित है, जिनके जीवनसाथियों का दूसरों के साथ प्रेम संबंध चल रहा होता है, और बाद में आगे चलकर उनके बीच प्रेम संबंध बन जाता है। आलोचकों ने कलाकारों के अभिनय और वोंग कर-वाई के "जीवन की बुनियादी बातों पर बेहद मार्मिक विचारों" की प्रशंसा की थी, जिसमें न केवल प्यार, बल्कि किसी को खोने, विश्वासघात, अकेलेपन और समय बीतने के बारे में बताया गया है। इस फ़िल्म को उस वर्ष कान्स में पाल्मे डी'ओर के लिए नॉमिनेट किया गया था, लेकिन वो इसे जीत नहीं पायी थीं।
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द होस्ट -
बॉन्ग जून हो, हा वॉन-जून और बेक चुल-ह्यून ने बहुप्रतीक्षित दक्षिण कोरियाई मॉन्स्टर फ़िल्म, "द होस्ट," की पटकथा लिखी थी, जिसका प्रीमियर 2006 में आज ही के दिन हुआ था। यह जून हो की सफल फ़िल्म "मेमोरीज़ ऑफ़ मर्डर" के बाद रिलीज़ हुई थी, इसलिए "द होस्ट" को अपनी शुरुआत में दक्षिण कोरिया में बहुत सारी स्क्रीनों पर रिलीज़ किया गया था। इसकी कहानी एक ऐसे आदमी पर केंद्रित है, जिसकी बेटी को एक राक्षस ने क़ैद कर लिया होता है। जून-हो ने कहा कि हान नदी में बहती हुई एक टेढ़ी रीढ़ वाली सड़ी हुई मछली को देखकर उन्हें उस राक्षस की प्रेरणा मिली थी। अमेरिका में 2007 में इसके रिलीज़ होने के बाद आलोचकों ने इसे बहुत ज़्यादा अंक दिए थे। नवंबर 2008 से यूनिवर्सल स्टूडियो के साथ इसकी अमेरिकी रीमेक पर काम चल रहा है।
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द गुड, द बैड, द वियर्ड -
सर्जियो लियोन की "द गुड, द बैड एंड द अग्ली" से प्रेरित, दक्षिण कोरियाई वेस्टर्न "द गुड, द बैड, द वियर्ड" 2008 के कान्स फ़िल्म फेस्टिवल में आज ही के दिन प्रीमियर हुई थी। किम जी-वून ने इसे लिखा और निर्देशित किया था और किम मिन-सुक ने इसका सह-लेखन किया था, इस पटकथा के दो संस्करण हैं - एक कोरियाई बाज़ार के लिए और दूसरा 2010 में अमेरिका में रिलीज़ हुई फ़िल्म के अंतर्राष्ट्रीय संस्करण के लिए। कोरियाई संस्करण के फुटेज में कई और मिनट एवं ज़्यादा उत्साहित अंत शामिल किया गया है। आलोचकों ने पूर्व और पश्चिम के शानदार मिश्रण के रूप में इस फ़िल्म की बहुत प्रशंसा की थी, लेकिन कुछ को यह बहुत हिंसक लगी और इसकी पटकथा बहुत सरल लगी। यह दक्षिण कोरिया में अब तक की सबसे अधिक कमाई करने वाली फ़िल्मों में से एक है।
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द ट्री ऑफ़ लाइफ -
टेरेंस मलिक की अत्यधिक प्रशंसित फ़िल्म "द ट्री ऑफ़ लाइफ" का प्रीमियर आज ही के दिन 2011 के कान्स फ़िल्म फेस्टिवल में हुआ था, जिसे उस साल के सबसे प्रतिष्ठित पाल्मे डी'ओर से सम्मानित किया गया था। फ़िल्म में ब्रैड पिट और सॉन पेन जैसे बड़े नाम शामिल हैं, और यह जीवन की उत्पत्ति का पता लगाते हुए, 1950 के दशक में टेक्सास में पलते-बढ़ते हुए एक आदमी के बचपन की यादों पर केंद्रित है। मलिक ने 70 के दशक में इस फ़िल्म को बनाने के लिए पहली बार यह पटकथा शुरू की थी, लेकिन 2000 के दशक के पहले तक वो इस योजना पर काम नहीं कर पाए। इसकी कहानी को महत्वाकांक्षी और चुनौतीपूर्ण माना गया है। पेन ने बाद में बताया कि जब उन्होंने पटकथा पढ़ी तो ये उन्हें सबसे शानदार पटकथाओं में से एक लगी, लेकिन स्क्रीन पर उसी भावना को व्यक्त करना मुश्किल था। उन्होंने कहा कि उन्हें लगता था कि एक ज़्यादा पारंपरिक कहानी फ़िल्म के सम्पूर्ण समग्र प्रभाव को कम किए बिना मजबूत बना देती। फिर भी, कई सर्वश्रेष्ठ सूचियों में यह फ़िल्म सबसे ऊपर है।
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इयान फ्लेमिंग -
लेखक, पत्रकार और नौसेना के खुफिया अधिकारी इयान फ्लेमिंग का जन्म आज के दिन 1908 में हुआ था। 1964 में अपनी मृत्यु से पहले, उन्होंने 11 उपन्यास लिखे थे, जो MI6 के रूप में मशहूर गुप्त खुफिया सेवा के अधिकारी, जेम्स बॉन्ड की कहानियां बताते थे। वो कहानियां अभी भी आज तक की सबसे अधिक बिकने वाली किताबों में शुमार हैं, और ज़ाहिर तौर पर, इसने बॉन्ड के लिए पॉप-कल्चर के जुनून को प्रेरित किया है, जिनमें फ़िल्मों से लेकर किताबों, कारों, कपड़ों, और मार्टीनी तक सबकुछ शामिल हैं। फ्लेमिंग ने एक बार बताया था कि वह प्रति दिन सुबह और शाम को तीन से चार घंटे तक लगभग 2,000 शब्द लिखते थे, और कभी भी पीछे मुड़कर यह नहीं देखते थे कि उन्होंने क्या लिखा है ताकि वो आगे बढ़ते रह सकें।