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नाइट ऑफ़ द लिविंग डेड -
1968 में "नाइट ऑफ़ द लिविंग डेड" आज ही के दिन रिलीज़ हुई थी। पटकथा लेखक जॉन ए. रूसो और जॉर्ज ए. रोमेरो अपनी निर्माण कंपनी, द लेटेंट इमेज, के लिए विज्ञापन बनाकर तंग आ गए थे। इसलिए, उन्होंने हॉरर फ़िल्म बनाने का सोचा। तीन भागों वाली कहानी लिखने से पहले उन्होंने इसकी पटकथा के कई ड्राफ्ट लिखे, जो आगे चलकर "नाइट ऑफ़ द लिविंग डेड," "डॉन ऑफ़ द डेड," और "डे ऑफ़ द डेड" के रूप में निर्मित हुए, और इसके शुरूआती संस्करण में एलियन शामिल थे। फ़िल्म के कलाकारों ने अपने साक्षात्कार में बताया कि इसके कई दृश्य बिना किसी तैयारी के फिल्माए गए थे, और मुख्य कलाकार डुआन जोन्स ने अपने काफ़ी सारे संवाद ख़ुद लिखे थे ताकि उनका किरदार ज़्यादा समझदार लग सके। इस फ़िल्म को बनाने में बस $114,000 का खर्च आया था और बॉक्स ऑफिस पर $18 मिलियन की कमाई के साथ इसने अपनी लागत से 250 गुना ज़्यादा कमाई की थी। शुरुआत में, आलोचकों ने इस फ़िल्म को बहुत हिंसात्मक बताया था, लेकिन आगे चलकर ये एक कल्ट क्लासिक बनी, जिसका कई बार रीमेक बनाया गया।
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द लास्ट एम्परर -
"द लास्ट एम्परर" 1987 में आज के दिन प्रीमियर हुई थी, और 60वें अकादमी पुरस्कारों में इसे बेस्ट पिक्चर के ऑस्कर से नवाज़ा गया था, इसके साथ ही उस साल इसे आठ और पुरस्कार दिए गए थे, जिनमें किसी अन्य माध्यम की सामग्री पर आधारित सर्वश्रेष्ठ पटकथा का पुरस्कार भी शामिल था। इस फ़िल्म की कहानी चीन और चिंग राजवंश के अंतिम सम्राट पुयी की 1964 की आत्मकथा पर आधारित थी। यह पहली ऐसी पश्चिमी फ़िल्म थी, जिसे चीनी प्राधिकरणों ने पहली बार द फॉरबिडेन सिटी में शूट करने की अनुमति दी थी, और इसके लिए लगभग 20,000 अतिरिक्त कलाकारों की ज़रुरत पड़ी थी।
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ब्रेकफास्ट एट टिफनीज़ -
पैरामाउंट ने पटकथा लेखक जॉर्ज एक्सेलरोड को "ब्रेकफास्ट एट टिफनीज़" की पटकथा को मर्लिन मुनरो के लिए लिखने के लिए नियुक्त किया था, लेकिन बाद में यह फ़िल्म ऑड्रे हेपबर्न को मिली थी। यह फ़िल्म 1961 में इसी दिन आयी थी। इस फ़िल्म की पटकथा ट्रूमैन कैपोट के लघु उपन्यास पर आधारित थी, जिसमें उन्होंने मुख्य किरदार, हॉली गोलाइटली, को काफ़ी हद तक मुनरो की तरह बताया था। जब पैरामाउंट ने मुनरो की जगह हेपबर्न को फ़िल्म में ले लिया, तब कैपोट को लगा कि उनके साथ धोखा हुआ है। वैसे यह फ़िल्म बहुत सफल रही, जिसे पांच ऑस्कर नॉमिनेशन मिले थे और इसने बॉक्स ऑफिस पर $14 मिलियन से ज़्यादा की कमाई की थी। इसे हेपबर्न की सबसे मशहूर भूमिकाओं में से एक माना जाता है।
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द जैज़ सिंगर -
"द जैज़ सिंगर" 1927 में आज के दिन प्रीमियर की गयी थी। अल्फ्रेड ए. कोहन द्वारा लिखी गयी पटकथा सैमसन राफेलसन के इसी नाम के एक नाटक पर आधारित थी, जो एक यहूदी लड़के की कहानी है, जो अपने पिता की इच्छाओं के ख़िलाफ़ जाकर जैज़ म्यूजिक गाता है, और अपने यहूदी होने की सच्चाई छिपाने के लिए और अमेरिकी संस्कृति में मिलने के लिए अक्सर अपना चेहरा काला रखता है। यह उन फ़िल्मों में से एक है, जिसने मूक सिनेमा का युग समाप्त किया था और वार्नर ब्रोस के वाइटफोन साउंड ऑन डिस्क सिस्टम का इस्तेमाल करके फ़िल्म में संवाद और गाने डाले गए थे। हालाँकि, इसे अमेरिकी फ़िल्म संस्थान की आज तक की सबसे बेहतरीन फ़िल्मों में से एक माना जाता है, लेकिन काले चेहरे का इस्तेमाल नस्लवादी सोच का एक शुरूआती उदाहरण है, जो आगे आने वाली अमेरिकी फ़िल्मों में जारी रहा।
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द फ्रेंच कनेक्शन -
पटकथा लेखक अर्नेस्ट टाइडीमैन को "द फ्रेंच कनेक्शन" की पटकथा के लिए ऑस्कर, गोल्डन ग्लोब नॉमिनेशन, राइटर्स गिल्ड ऑफ़ अमेरिका अवॉर्ड, और एडगर अवॉर्ड दिया गया था, जो 1971 में आज के दिन आयी थी। टाइडीमैन ने 15 साल (नौकरी पाने के लिए उन्होंने अपनी उम्र के बारे में झूठ बोला था) की छोटी उम्र में एक पत्रकार के रूप में अपने करियर की शुरुआत की थी, वो द न्यूयॉर्क पोस्ट और द न्यूयॉर्क टाइम्स के लिए काम करते थे और "द फ्रेंच कनेक्शन" के रिलीज़ से बस तीन साल पहले उन्होंने पटकथा लेखक बनने का फैसला किया था। उन्होंने "शाफ़्ट" भी लिखी थी, और अश्वेत आदमियों के बुद्धिमान और साहसी नायकों के रूप में चित्रण की वजह से, उस समय वो हॉलीवुड के सबसे लोकप्रिय पटकथा लेखकों में से एक थे।
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जायंट -
एडना फेरबर के उपन्यास पर आधारित, "जायंट" को पटकथा लेखक फ्रेड गिओल और इवान मॉफेट ने स्क्रीन के लिए लिखा था। यह फ़िल्म 1956 में आज के दिन प्रीमियर हुई थी। उस साल इस जोड़ी ने ऑस्कर में सर्वश्रेष्ठ पटकथा का नॉमिनेशन पाया था। फेरबर के दूसरे उपन्यासों की तरह, "जायंट" भी नस्लवाद से जुड़े विषयों के बारे में है; विशेष रूप से उस भेदभाव के बारे में जो मेक्सिकन अमेरिकी लोगों को टेक्सास के अमीर ज़मींदारों के हाथों सहना पड़ता था। इस फ़िल्म ने बॉक्स ऑफिस पर $35 मिलियन की कमाई करके, वार्नर ब्रदर्स के लिए रिकॉर्ड तोड़ दिया था।
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जून आर. लाना -
मशहूर फिलिपिनो पटकथा लेखक जून आर. लाना आज 48 साल के हो रहे हैं। उन्हें अपनी "कलेल, 15," "डाई ब्यूटीफुल," और "ब्वाकाव," जैसी फ़िल्मों के लिए जाना जाता है, जिसे 2012 के अकादमी पुरस्कारों में सर्वश्रेष्ठ विदेशी भाषा की फ़िल्म के ऑस्कर पुरस्कार के लिए चुना गया था। उन्होंने अपनी पटकथाओं के लिए दो FAMAS सर्वश्रेष्ठ पटकथा पुरस्कार, ब्रुसेल्स यूरोपियन फ़िल्म फ़ेस्टिवल में सर्वश्रेष्ठ पटकथा पुरस्कार, और 11 पलंका पुरस्कार भी जीते हैं, जिसे फिलीपींस का पुलित्ज़र पुरस्कार माना जाता है।
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लौरा -
जे ड्रटलर, सैमुअल हॉफेनस्टीन और एलिजाबेथ रायनहार्ट ने बड़े पर्दे के लिए "लौरा" की पटकथा लिखी थी, जो वेरा कास्परी के इसी नाम के उपन्यास पर आधारित एक अमेरिकी फ़िल्म नोयर है, जिसे 1944 में आज ही के दिन प्रीमियर किया गया था। इसकी लेखन टीम को सर्वश्रेष्ठ अनुकूलित पटकथा के लिए ऑस्कर नॉमिनेशन मिला था। "लौरा" की कहानी एक पुलिस डिटेक्टिव पर आधारित है, जिसे एक मरी हुई औरत से प्यार हो जाता है, जिसे उसकी मौत का राज़ सुलझाने के लिए नियुक्त किया गया होता है। इस फ़िल्म को रोजर एबर्ट की "महान फ़िल्मों" की श्रृंखला में जगह मिली है और अमेरिकी फ़िल्म संस्थान ने इसे आज तक की सबसे अच्छी रहस्यमयी फ़िल्मों में से एक माना है।
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30 रॉक -
टीना फे ने सैटरडे नाईट लाइव की लेखक और परफ़ॉर्मर के रूप में अपने अनुभवों के आधार पर 2006 में "30 रॉक" का निर्माण किया था। यह टीवी शो 2013 तक प्रसारित हुआ था, और इसे 100 से भी ज़्यादा एमी नॉमिनेशन मिले थे, जिसमें से इसने 16 जीते थे। द राइटर्स गिल्ड ऑफ़ अमेरिका वेस्ट ने इस शो को आज तक के सबसे अच्छे लिखे गए टेलीविज़न कार्यक्रमों में से एक का दर्ज़ा दिया है। जब फे ने पहली बार इस शो का आईडिया बताया था, तब यह शो एक केबल न्यूज़रूम पर आधारित था, लेकिन NBC एंटरटेनमेंट के अध्यक्ष ने उन्हें वो लिखने के लिए प्रेरित किया जो उन्हें पता था, इसलिए उन्होंने इसे संशोधित करके शो को न्यूयॉर्क शहर के 30 रॉकफेलर प्लाज़ा में आधारित कर दिया, जहाँ SNL लिखा और निर्मित किया गया था।
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बैडलैंड्स -
टेरेंस मैलिक ने "बैडलैंड्स" से अपने निर्देशन करियर की शुरुआत की थी, और यह वो पहली फ़िल्म थी जिसे उन्होंने ख़ुद निर्देशित करने के लिए लिखा था। यह फ़िल्म 1973 में आज के दिन प्रीमियर हुई थी। इस फ़िल्म की कहानी थोड़ी-बहुत चार्ल्स स्टार्कवेदर और कैरिल एन फ्यूगेट पर आधारित थी, जो 50 के दशक में मौज-मस्ती के लिए लोगों की हत्याएं करने वाले कपल थे। मैलिक ने बताया की फ़िल्म की पटकथा लिखने के साथ-साथ वो अपने आईडिया को फाइनेंसरों को बेचने में मदद करने के लिए कलाकारों के साथ पिच डेक और वीडियोटेप भी इकट्ठा कर रहे थे। आख़िर में, उन्होंने फ़िल्म बनाने के लिए आधे पैसे डॉक्टरों, दांत के डॉक्टरों, आदि से एकत्रित किये, और बाकी के पैसे कार्यकारी निर्माता ने एकत्रित किये। फ़िल्म के कलाकार, मार्टिन शीन, ने अपने एक साक्षात्कार में कहा था कि इसकी पटकथा उन्हें बेहद पसंद आयी थी।
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डोरोथी किंग्सले -
अमेरिकी पटकथा लेखिका डोरोथी किंग्सले का जन्म 1909 में आज ही के दिन हुआ था और 1997 में 87 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया था। उनके पिता एक पत्रकार थे और उनकी माँ एक अभिनेत्री थी, शायद इसलिए कहानी लिखना किंग्सले के खून में था। चेचक की गंभीर स्थिति से जूझे बिना, किंग्सले को शायद कभी इसका पता न चल पाता। बीमारी के दौरान, तथाकथित तौर पर, वो घंटों रेडियो प्रोग्राम सुना करती थीं और उन्हें ऐसा लगता था कि वो उससे ज़्यादा बेहतर चीज़ें लिख सकती थीं। इसलिए, जब वो अपनी एक दोस्त से मिलने के लिए लॉस एंजेल्स गयीं तो वहां पर उन्होंने एजेंटों से मिलकर उन्हें अपना काम दिखाया। हालाँकि, उन्हें कोई एजेंट तो नहीं मिला लेकिन वो कई रेडियो कलाकारों के लिए लिखने लगीं, इसके बाद MGM ने उन्हें सेट पर पटकथाओं में सुधार करने के लिए नियुक्त कर लिया। आगे चलकर उन्होंने "एंजेल्स इन द आउटफील्ड," "किस मी केट," "अ डेट विद जुडी," "पाल जोए," और भी बहुत सारी फ़िल्में लिखीं, हालाँकि उन्हें बहुत सी फ़िल्मों का श्रेय नहीं मिला।
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कर्ब योर एन्थूज़ीऐज़म -
लैरी डेविड के "कर्ब योर एन्थूज़ीऐज़म" को इसके लेखन और तात्कालिक प्रदर्शन के लिए समान रूप से प्रशंसा मिली है, और 2000 में आज ही के दिन अपने प्रीमियर के बाद से अपने अनोखे और हास्यास्पद संयोजन की वजह से, इसे लगभग 50 प्राइमटाइम एमी नॉमिनेशन और दो एमी अवॉर्ड्स, और पांच गोल्डन ग्लोब नॉमिनेशन और एक गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड मिला है। डेविड टीवी शो के लिए रेट्रोस्क्रिप्टिंग का इस्तेमाल करते हैं, जो उन्हें संवाद में सुधार की संभावना छोड़ते हुए कथानक और उप-कथानक का विवरण देने के लिए रुपरेखा लिखने की अनुमति देता है। यह शो डेविड की ज़िन्दगी के काल्पनिक संस्करण के बारे में है, जो कुछ सामाजिक नियमों और दूसरे लोगों के बर्तावों के लिए उनकी झुंझलाहट को प्रदर्शित करता है।
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बुलिट -
1968 में "बुलिट" आज ही के दिन रिलीज़ हुई थी। इसे एलन ट्रस्टमैन और हैरी क्लिनर ने लिखा था, और स्टीव मैकक्वीन द्वारा अभिनीत इस फ़िल्म को कार का पीछा करने वाले अपने विस्तृत दृश्य के लिए जाना जाता है। इस फ़िल्म की पटकथा रॉबर्ट एल. फिश (पाइक) द्वारा लिखित "म्यूट विटनेस" उपन्यास से लिया गया था। पीछा करने वाले दृश्य में दिखाई गयी 1968 की मस्टैंग फास्टबैक को हाल ही में 2020 की शुरुआत में $3.7 मिलियन में बेचा गया था और 21वीं सदी में इसने फोर्ड मस्टैंग के कई "बुलिट" संस्करणों को प्रेरित किया था।
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डेविड टूहाई -
हॉलीवुड के सबसे रचनात्मक लोगों में से एक के रूप में मशहूर, डेविड टूहाई आज 65 साल के हो गए हैं। उनके करियर की शुरूआती सफलताओं में "द फ्यूजिटिव" की पटकथा, और आगे चलकर "वॉटरवर्ल्ड," "जीआई. जेन," और "टर्मिनल वेलोसिटी" शामिल हैं। टूहाई एक निर्देशक भी हैं, जिन्होंने "पिच ब्लैक" और "द क्रॉनिकल्स ऑफ रिडिक" सहित कई फ़िल्मों का निर्देशन किया है, जिसे उन्होंने लिखा भी था। उनकी सबसे नयी परियोजना, "रनिंग विद लायंस," एक फॉर्मूला वन रेसिंग ड्रामा होगी।
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जॉन फेवरो -
54वां जन्मदिन मुबारक हो, जॉन फेवरो! फेवरो एक मशहूर पटकथा लेखक, निर्माता और निर्देशन हैं, जिन्होंने बहुत सारी प्रभावशाली परियोजनाओं पर काम किया है। उन्होंने Disney+ के लिए एक स्टार वॉर्स स्पिनऑफ शो, "द मैंडलोरियन," टीवी सीरीज़ का निर्माण किया था, और "स्विंगर्स," "कपल्स रिट्रीट," और "शेफ" सहित कई फ़िल्में लिखी हैं। उन्होंने मार्वल कॉमिक्स यूनिवर्स की कई फ़िल्मों पर भी कार्यकारी निर्माता के रूप में काम किया है, और "द लायन किंग" और "एल्फ" के 2019 के संस्करण सहित कई फ़िल्मों को निर्देशित किया है। फेवरो मार्वल कॉमिक फ़िल्म में अभिनय और निर्देशन करने वाले पहले व्यक्ति भी हैं।
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डंबो -
उड़ने वाले हाथी, "डंबो," की दिल छू लेने वाली कहानी 1941 में आज ही के दिन प्रीमियर हुई थी। यह डिज्नी की चौथी एनिमेटेड फ़िल्म थी, जो हेलेन एबर्सन और हेरोल्ड पर्ल की कहानी पर आधारित थी, और जो ग्रांट एवं डिक ह्यूमर ने बड़े पर्दे के लिए इसकी पटकथा तैयार की थी। इस फ़िल्म को पहले शॉर्ट फ़िल्म के रूप में बनाया जाने वाला था, क्योंकि "पिनोकियो" और "फैंटेसिया" के बाद स्टूडियो आर्थिक मुश्किलों से जूझ रहा था। लेकिन, डिज्नी को लगा कि इस कहानी को केवल फ़िल्म के माध्यम से ही ठीक से बताया जा सकता है। ग्रांट और ह्यूमर ने अध्यायों और 102 पेज की रूपरेखा का प्रयोग करके कहानी का प्रारूप तैयार किया था, और हालाँकि इसे अभी भी फीचर-लेंथ माना जाता है, लेकिन यह डिज्नी की सबसे छोटी फ़िल्मों में से एक है, जो केवल 64 मिनट की है। 2019 में इसका लाइव एक्शन संस्करण आया था।
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हीरो -
ईमो झांग और बिन वांग द्वारा लिखी गयी "हीरो" अमेरिकी बॉक्स ऑफिस पर नंबर वन तक पहुंचने वाली पहली चीनी भाषा की फ़िल्म थी, और इसने चीन में अपने प्रीमियर के दो साल बाद 2002 में यह कमाल किया था। यह फ़िल्म चीनी इतिहास की सबसे महँगी और सबसे ज़्यादा कमाई करने वाली फ़िल्म थी। मीरामैक्स ने इस फ़िल्म को अमेरिका लाने के लिए इसके वितरण अधिकार ख़रीदे थे, लेकिन दो साल के दौरान इसने कम से कम छह बार इसके प्रीमियर में देरी की, क्योंकि वो यह फ़ैसला नहीं कर पा रहे थे कि फ़िल्म को डब किया जाए या सबटाइटल के साथ रखा जाए। आख़िर में, इसे रिलीज़ करवाने के लिए डिज्नी और क्वेंटिन टैरेंटीनो को आगे आना पड़ा। टैरेंटीनो ने देख लिया था कि दूसरे बाज़ारों में यह फ़िल्म कितनी ज़्यादा बड़ी थी, और वो हमेशा उन विदेशी फ़िल्मों को अमेरिका में रिलीज़ करते थे, जिनपर वो लोगों का ध्यान खींचना चाहते थे। इसकी सफलता सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने "क्वेंटिन टैरेंटीनो पेश करते हैं" के रूप में इस फ़िल्म को अपना नाम भी दिया था।
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द टर्मिनेटर -
यह सब एक सपना था। आपको पता है जेम्स कैमेरॉन को "द टर्मिनेटर" का असली आईडिया कहाँ से मिला था? यह फ़िल्म 1984 में आज ही के दिन प्रीमियर हुई थी। बीमारी से ठीक होने के दौरान, उन्होंने चाक़ू हाथ में लेकर विस्फोट से बाहर निकलते हुए चमकीले धड़ वाले इंसान का सपना देखा। उन्होंने अपनी पटकथा के पहले ड्राफ्ट में उस सपने को एक शुरूआती बिंदु के रूप में इस्तेमाल किया था और इसका आख़िरी ड्राफ्ट साइंस फिक्शन के लेखक रैंडल फ्रैक्स के घर रहकर पूरा किया था। उन्होंने कुछ दृश्य लिखने के लिए अपने दोस्त विलियम विशर की मदद ली थी और संपादन के संबंध में गेल ऐनी हर्ड के कुछ सुझाव लिए थे, हालाँकि, कैमेरॉन ने बताया था कि गेल ऐनी हर्ड ने पटकथा में कुछ नहीं लिखा था। बाद में, कैमेरॉन ने इस वादे के साथ हर्ड को केवल एक डॉलर में पटकथा का अधिकार बेचा था कि अगर वो यह फ़िल्म बनाती हैं तो कैमेरॉन इसका निर्देशन करेंगे। आगे चलकर, कैमेरॉन ने अपनी पिच से पहले अपने एक दोस्त को टर्मिनेटर की तरह तैयार करके और उससे अभिनय करवा कर फ़िल्म के लिए फंडिंग पायी थी।
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पीटर जैक्सन -
59वां जन्मदिन मुबारक हो, सर पीटर जैक्सन! यकीन करना मुश्किल है कि "लॉर्ड ऑफ़ द रिंग्स" और "हॉबिट" ट्राइलॉजी लिखने, निर्मित, और निर्देशित करने से पहले उन्होंने हॉरर-कॉमेडी शैली में अपने फ़िल्म निर्माण करियर की शुरुआत की थी। लेकिन उससे पहले भी उन्हें फ़िल्म बनाने में रूचि थी। जब वो केवल नौ साल के थे, तब उनके किसी पारिवारिक दोस्त ने उन्हें एक कैमरा दिया था, और उन्होंने सबसे पहले स्टॉप-मोशन का प्रयोग करके "किंग-कॉन्ग" बनाने की कोशिश की थी। बाद में, उन्होंने 2005 में नाओमी वॉट्स, जैक ब्लैक और एड्रियन ब्रॉडी अभिनीत "किंग कॉन्ग" का रीमेक बनाया था। 2010 में जैक्सन को नाइट की उपाधि से सम्मानित किया गया था।